अनिल विज पर भड़क उठे भूपिंदर हुड्डा, स्पीकर से बोले- दो आदमियों को कसके रखना
- अनिज विज ने कहा कि हुड्डा साहब, जो आपके पास था हरियाणा की जनता ने उस पर काटा लगा दिया है। इस पर हुड्डा तैश में आ गए और स्पीकर से कहा कि ये भाषा और तरीका गलत है। मैं अपने विधायक सदन से बाहर ले जाता हूं। मंत्री अनिज विज ने कहा कि जनता बड़ी होती है और उस फैसले को स्वीकार करना चाहिए।
हरियाणा में भाजपा की नई सरकार बनने के बाद आज पहली बार विधानसभा सत्र का आयोजन हुआ। पहले ही दिन सदन में दिलचस्प बहस देखने को मिली तो एक बार को माहौल थोड़ा उग्र भी हो गया। वरिष्ठ मंत्री अनिल विज और पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा में तीखी बहस हो गई। प्रोटेम स्पीकर रघुवीर कादियान ने विधायकों को शपथ दिलाई। इस के बाद विधानसभा सत्र हुआ तो कांग्रेस और भाजपा विधायकों में बहस होने लगी। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने अभिभाषण पढ़ा तो पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि यह तो सरकार का भाषण सदन में पढ़ दिया। मेरे पास बहुत है बोलने को, मगर मैं बोलूंगा नहीं।
इस पर मंत्री अनिज विज ने कहा कि हुड्डा साहब, जो आपके पास था हरियाणा की जनता ने उस पर काटा लगा दिया है। इस पर हुड्डा तैश में आ गए और स्पीकर से कहा कि ये भाषा और तरीका गलत है। मैं अपने विधायक सदन से बाहर ले जाता हूं। मंत्री अनिज विज ने कहा कि जनता बड़ी होती है और उस फैसले को स्वीकार करना चाहिए। यही नहीं हुड्डा ने स्पीकर से कहा कि आपको इनकी भाषा पर ध्यान होगा। यदि सदन में इस प्रकार की भाषा का इस्तेमाल किया जाता है तो यह ठीक नहीं होगा।
दो आदमियों को कस के रखना, सदन अच्छा चलेगा: हुड्डा
इस विवाद में जब मंत्री महिपाल ढांडा कूदे तो बेरी से विधायक डॉ. रघुवीर कादियान ने उन्हें टोका। तब ढांडा ने कहा कि मामा बैठ जा, हर बात ना टोका कर। रघुवीर कादियान ने कहा कि ढांडा मेरा भांजा लगता है। मैं इसको बचपन से जानता हूं। तब भी यह उछला करता था, आज भी उछलता है। इस पर रामकुमार गौतम ने कहा कि रघुवीर बुड्ढा हो गया है। भांजे से कभी नहीं लड़ा जाता। इसका बुढ़ापे में दिमाग सठिया गया है। हुड्डा ने कहा कि स्पीकर महोदय, दो आदमियों को कस के रखना, सदन अच्छा चलेगा। एक महीपाल ढांडा और दूसरा अनिल विज।स्पीकर ने दोनों को समझाते हुए मामले को शांत किया।
यदि कोई सदस्य नियमों का उल्लंघन करे तो उसे टोकें: मुख्यमंत्री
नायब सैनी ने कहा कि हमारा सदन भवन एवं सभागार नहीं है। यह पौने 2 करोड़ जनता की आकांशाओं का केंद्र है। 15वीं विधानसभा में 40 नए सदस्य चुनकर आए हैं। नए सदस्यों की ऊर्जा पुरानों के काम आएगी और पुराने का अनुभव काम आएगा। नए सदस्य सदन के नियमों का गहन अध्ययन करेंगे। मातृशक्ति की संख्या 13 हो गई है। यह अच्छा संकेत है। हम लोकतांत्रिक मूल्य का पालन करेंगे। स्पीकर महोदय, यदि कोई सदस्य नियमों के उल्लंघन में पाया जाता है तो आपको पूरा हक है आप उसे टोकें या सख्त फैसला लें।
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