परवीन बाबी का था हुमायूं से कनेक्शन, स्मारकों में दिखती थीं आत्माएं, जब कबीर बेदी ने खोला बचपन का राज
- Parveen Babi Birth Anniversary: कबीर बेदी ने बताया कि परवीन बाबी के पूर्वजों ने एक वक्त पर हुमायूं के दरबार में काम किया था। परवीन को स्मारकों में परिवार के लोगों की आत्माएं दिखती थीं।
परवीन बाबी का आज (4 अप्रैल) जन्मदिन है। उनके निधन के पहले और बाद में उनसे जुड़ी कई कहानियां कही और सुनी जाती रही हैं। डॉक्टर्स के मुताबिक, परवीन को पैरानॉइड सिजोफ्रेनिया था। उन्हें ऐसा लगता था कि कोई उनके खिलाफ साजिश रच रहा है या उन्हें जान से मारना चाहता है। परवीन के जीवन में कई मर्द रहे। जिनमें से कबीर बेदी भी एक हैं। शादीशुदा कबीर बेदी का दिल परवीन पर आ गया था। कबीर अपनी ऑटोबायोग्राफी में परवीन के बारे में लिख चुके हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने परवीन के बचपन के बारे में कुछ शॉकिंग बातें बताई थीं। उन्होंने बताया था कि परवीन को बचपन से ही आत्माएं दिखती थीं।
परवीन को स्मारकों में दिखते थे पूर्वज
कबीर बेदी ने अपनी किताब Stories I Must Tell: The Emotional Journey of an Actor में परवीन बाबी और अपनी जिंदगी से जुड़े कई राज खोले हैं। किताब छपने से पहले बॉलीवुड हंगामा को दिए इंटरव्यू में कबीर ने परवीन बाबी पर बात की थी। कबीर ने कहा था, उनकी (परवीन) की समस्याएं बचपन में ही शुरू हो गई तीं क्योंकि उन्हें अपने घर के आसपास स्मारकों में आत्माएं दिखती थीं। ये आत्माएं उनके पारिवारिक इतिहास से थीं। एक वक्त पर उनके खानदान (बाबी-पश्तून) ने हुमायूं के यहां काम किया था।
क्या जेनेटिक थी वजह?
कबीर ने बताया, एक बार परवीन के साथ बहुत परेशान करने वाली घटना हुई थी। तब महेश भट्टट को परवीन की मां ने बताया था कि उनके पिता भी ऐसे थे। कबीर बेदी ने बोले, तो मेरा सवाल ये है कि क्या यह जेनेटिक वजह थी जिससे यह स्थिति आई?
3 दिनों तक सड़ती रही थी लाश
कबीर ने कहा कि परवीन ने 1980 में भारत छोड़ दिया था और कुछ साल बाद लौटी थीं। उनके बारे में बहुत कुछ ऐसा लिखा गया कि वह इमोशनली टूट गई थीं। परवीन बाबी का निधन 20 जनवरी 2005 को हुआ था। उस वक्त वह 50 साल की थीं। परवीन को डायबिटीज भी थी। उनकी मौत का किसी को पता भी नहीं चला। उनकी लाश 3 दिनों तक कमरे में पड़ी रही थी।