40 रुपये की दिहाड़ी के लिए बढ़ई के साथ काम करते थे जितेंद्र कुमार, बोले- तब मैं सिर्फ 11 साल का था
- ‘पंचायत’ अभिनेता जितेंद्र कुमार ने अपने शुरुआती दिनों को याद किया। उन्होंने बताया कि एक समय ऐसा भी आया था जब वह अपने परिवार के साथ झोपड़ी में रहने लगे थे।
जीतू भैया के नाम से मशहूर अभिनेता जितेंद्र कुमार किसी पहचान के मोहताज नहीं है। टीवीएफ पिचर्स, कोटा फैक्ट्री, पंचायत जैसी वेब सीरीज करने वाले जितेंद्र युवाओं में काफी फेमस हैं। आज उनकी नेटवर्थ सात करोड़ रुपये के आस-पास है, लेकिन उनकी जिंदगी में एक समय ऐसा भी आया था जब वह 40 रुपये के लिए गर्मी की छुट्टियों में मजदूरी किया करते थे। इतना ही नहीं, झोपड़ी में दिन गुजारते थे।
झोपड़ी में रहा करता था पूरा परिवार
जितेंद्र ने खुद साइरस ब्रोचा को दिए इंटरव्यू में ये बात बताई है। जितेंद्र ने कहा, “हमारे पास जंगल में एक झोपड़ी हुआ करती थी। हमारा पूरा परिवार वहीं रहता था। हमारे पास एक पक्का मकान भी था। मेरे चाचा और पापा सिविल इंजीनियर हैं और मैं भी सिविल इंजीनियर हूं। तो क्या था जो हमारा पक्का मकान था उस मकान में दो और कमरे बनने थे। इसलिए, मेरा पूरा परिवार छह-सात महीने के लिए झोपड़ी में रहने चला गया था। मुझे याद है, मुझे वहां बड़ा अजीब लगता था।"
दिहाड़ी के लिए करता था काम
उन्होंने कहा, “अक्सर मैं गर्मियों की छुट्टियों में दिहाड़ी के लिए पेंटर या बढ़ई के साथ काम करता था। मुझे हर दिन तकरीबन 40 रुपये की दिहाड़ी मिली थी। जब ये बात मेरे पिता को पता चली तो उन्होंने मुझे बहुत डांटा। तब मैं लगभग 11 या 12 साल का था और मजदूरों की मदद करता था! इसलिए, मैंने घरों को खरोंच से बनते देखा है और उसका हिस्सा भी रहा हूं।”
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