हुमा कुरैशी को पसंद हैं 'बिगड़ैल लड़कियां', बोलीं- असल में उस दिन मिलेगी आजादी
- हुमा कुरैशी ने अपनी पहली किताब लॉन्च की है जिसके बारे में बातचीत के दौरान एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे उन्हें बदतमीज और बिगड़ैल लड़कियों का कॉन्सेप्ट काफी पसंद है। हुमा कुरैशी ने इसकी वजह भी बताई।
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बॉलीवुड एक्ट्रेस हुमा कुरैशी अब लेखिका भी बन गई हैं। 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' और 'जॉली एलएलबी 2' समेत कई सुपरहिट फिल्मों का हिस्सा रह चुकीं हुमा कुरैशी ने 'जेबा: द एक्सीडेंटल सुपरहीरो' नाम की नॉवल लिखी है। एक्ट्रेस ने बताया कि कैसे उन्हें बदतमीज और बिगड़ैल लड़कियों का कॉन्सेप्ट पसंद है, और कैसे उन्होंने अपनी किताब की मुख्य किरदार में भी इस चीज को दिखाया है। हुमा कुरैशी ने रविवार को पहली बार जयपुर लिट्रेचर फेस्टिवल (JLF) में हिस्सा लिया और साहित्य में उनकी दिलचस्पी को लेकर विचार साझा किए।
मुझे पसंद है बिगड़ैल लड़कियों का विचार
हुमा कुरैशी ने अपनी किताब की लीड किरदार के बारे में बताते हुए कहा कि वह बिलकुल भी अच्छी सलीकेदार या किसी को भी पसंद आ जाने वाली लड़की नहीं हैं। बल्कि उन्होंने खुद को एक बदतमीज लड़की के तौर पर बताया। हकीकत के साथ किरदार को जोड़ते हुए हुमा कुरैशी ने कहा, "मुझे 'बिगड़ैल लड़कियों' का कॉन्सेप्ट बहुत पसंद है। मैं औरतों को हमेशा यह बात बताए जाने की बात से थक चुकी हूं कि उन्हें कैसे कपड़े पहनने चाहिए, कैसे चलना चाहिए, कैसे बर्ताव करना चाहिए। और 'बिगड़ैल लड़कियों' का कॉन्सेप्ट अच्छा लगता है।"
बदमिजाजी के भाव को लेकर मैं सहज हूं
हुमा कुरैशी ने कहा, "मैं बदतमीजी भरे बर्ताव को लेकर बिलकुल सहज हूं।" अपनी किताब के किरदार को गढ़े जाने के बारे में हुमा कुरैशी ने कहा, "जब भी हम अपने असल व्यक्तित्व को जाहिर करना चाहते हैं तो बहुत सारी बाधाएं होती हैं। मुझे लगता है कि अगर कोई हमारे छोटे से दिमागों में क्या चल रहा है उसे सुन पाए, तो वो वाकई शॉक्ड रह जाएंगे। लेकिन साथ ही उन्हें बहुत मजा भी आएगा। मैं बस अपनी किताब में इसी विचार को लाना चाहती थी।" हुना ने कहा कि सतही तौर पर वो आपको ऐसी लगेगी जिसे आप बिलकुल नहीं जानते, लेकिन असल में वो हम सबकी ही तरह है।
उस दिन असल मायने में मिलेगी आजादी
बातचीत के दौरान हुमा कुरैशी ने यह भी कहा कि असल में हमें आजादी उस दिन मिलेगी जिस दिन महिलाओं और उनके चुनावों को बिना किसी लिंगभेद के स्वीकार किया जाएगा। महारानी फेम एक्ट्रेस ने बताया, "चीजें बस इस बारे में रह गई हैं कि लोग औरतों को कैसे देखना चाहते हैं। उनका खुद का लिंग उनकी पसंद-नापसंद को परिभाषित नहीं करता। यह मेरे लिए भी अभी तक की सबसे बड़ी आजादी होगी। जहां आपको जो हैं वो होने की आजादी होगी, और आपको इस चश्मे से नहीं देखा जाएगा कि आप आदमी हैं या औरत।"
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