अगले साल अप्रैल-मई में लोकसभा चुनाव से पहले इस वर्ष नवंबर-दिसंबर में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव होने हैं। ये विधानसभा चुनाव लोकसभा चुनाव से करीब पांच महीने पहले होंगे, इसलिए इन्हें आम चुनाव के सेमीफाइनल के रूप में भी राजनीतिक पंडितों द्वारा प्रचारित किया जाता है। जिन राज्यों के चुनाव होने हैं उनमें मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम शामिल हैं। पिछले यानी विधानसभा चुनाव 2018 में मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस को जीत मिली थी, जबकि तेलंगाना में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) की वापसी हुई थी और मिजोरम में मिजो नेशनल फ्रंट ने कांग्रेस को हराया था। मध्य प्रदेश में करीब साढ़े तीन साल पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत की वजह से कांग्रेस सत्ता से बेदखल हो गई और भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में फिर से सरकार बना ली थी। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटें है, जिनमें से 114 पर कांग्रेस को, 109 पर भाजपा को, दो पर बसपा को , एक पर सपा को और चार सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत मिली थी। राजस्थान की बात करें तो कांग्रेस 99 और भाजपा के 73 उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की। बसपा ने 6 और अन्य ने 21 सीटों पर जीत पाई। कांग्रेस ने बसपा और निर्दलीय विधायकों के समर्थन से अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार बनाई। छत्तीसगढ़ में 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी। 90 विधानसभा सीटें में से 68 पर उसे जीत मिली और भाजपा महज 15 सीटों पर सिमट गई।
और पढ़ेंक्रम | राज्य का नाम | चुनाव वर्ष | वर्तमान कार्यकाल | कुल विधानसभा सीटें | कुल लोकसभा सीटें | कुल राज्यसभा सीटें |
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1 | मिजोरम | 2023 | 18 Dec, 2018 - 17 Dec, 2023 | 40 | 1 | 1 |
2 | छत्तीसगढ | 2024 | 4 Jan, 2019 - 3 Jan, 2024 | 90 | 11 | 5 |
3 | मध्य प्रदेश | 2024 | 7 Jan, 2019 - 6 Jan, 2024 | 230 | 29 | 11 |
4 | राजस्थान | 2024 | 15 Jan, 2019 - 14 Jan, 2024 | 200 | 25 | 10 |
5 | तेलंगाना | 2024 | 17 Jan, 2019 - 16 Jan, 2024 | 119 | 17 | 7 |
6 | आंध्र प्रदेश | 2024 | 12 June, 2019 - 11 June, 2024 | 175 | 25 | 11 |
7 | अरुणाचल प्रदेश | 2024 | 3 June, 2019 - 2 June, 2024 | 60 | 2 | 1 |
8 | ओडिशा | 2024 | 25 June, 2019 - 24 June, 2024 | 147 | 21 | 10 |
9 | सिक्किम | 2024 | 3 June, 2019 - 2 June, 2024 | 32 | 1 | 1 |
10 | हरियाणा | 2024 | 4 Nov, 2019 - 4 Nov, 2024 | 90 | 10 | 5 |
11 | महाराष्ट्र | 2024 | 27 Nov, 2019 - 26 Nov, 2024 | 288 | 48 | 19 |
12 | झारखंड | 2025 | 6 Jan, 2020 - 5 Jan, 2025 | 81 | 14 | 6 |
13 | दिल्ली | 2025 | 24 Feb, 2020 - 23 Feb, 2025 | 70 | 7 | 3 |
14 | बिहार | 2025 | 23 Nov, 2021 - 22 Nov, 2025 | 243 | 40 | 16 |
15 | असम | 2026 | 21 May, 2021 - 20 May, 2026 | 126 | 14 | 7 |
16 | केरल | 2026 | 24 May, 2021 - 23 May, 2026 | 140 | 20 | 9 |
17 | तमिलनाडु | 2026 | 11 May, 2021 - 10 May, 2026 | 234 | 39 | 18 |
18 | पश्चिम बंगाल | 2026 | 8 May, 2021 - 7 May, 2026 | 294 | 42 | 16 |
19 | पुद्दुचेरी | 2026 | 16 June, 2021 - 15 June, 2026 | 30 | 1 | 1 |
20 | गोवा | 2027 | 15 Mar, 2022 - 14 Mar, 2027 | 40 | 2 | 1 |
21 | मणिपुर | 2027 | 14 Mar, 2022 - 13 Mar, 2027 | 60 | 2 | 1 |
22 | पंजाब | 2027 | 17 Mar, 2022 - 16 Mar, 2027 | 117 | 13 | 7 |
23 | उत्तराखंड | 2027 | 29 Mar, 2022 - 28 Mar, 2027 | 70 | 5 | 3 |
24 | उत्तर प्रदेश | 2027 | 23 May, 2022 - 22 May, 2027 | 403 | 80 | 31 |
25 | गुजरात | 2027 | 12 Dec, 2022 - 11 Dec, 2027 | 182 | 26 | 11 |
26 | हिमाचल प्रदेश | 2027 | 12 Dec, 2022 - 11 Dec, 2027 | 68 | 4 | 3 |
27 | मेघालय | 2028 | 23 Mar, 2023 - 22 Mar, 2028 | 60 | 2 | 1 |
28 | नगालैंड | 2028 | 23 Mar, 2023 - 22 Mar, 2028 | 60 | 1 | 1 |
29 | त्रिपुरा | 2028 | 23 Mar, 2023 - 22 Mar, 2028 | 60 | 2 | 1 |
30 | कर्नाटक | 2028 | 17 May, 2023 - 16 May, 2028 | 224 | 28 | 12 |
विधानसभा कार्यकाल के अनुसार, साल 2023 में कुल 9 अलग-अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव होने थे। अब तक त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और कर्नाटका में विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। मिजोरम, राजस्थान, मध्यप्रदेश, तेलांगना और छत्तीसगढ़ में चुनाव इस साल के अंत तक चुनाव संभावित हैं। मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल इस साल के अंत में 18 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल क्रमश: 3 जनवरी और 6 जनवरी, 2024 को समाप्त हो रहै है। राजस्थान और तेलंगाना विधानसभा का कार्यकाल 14 जनवरी और 16 जनवरी 2024 को समाप्त हो जाएगा।
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीट हैं और यहां सरकार बनाने के लिए 101 विधायकों का समर्थन चाहिए। यहां लोकसभा की कुल 25 सीटें हैं। कांग्रेस साल 2018 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की वसुंधरा राजे सरकार को सत्ता से बेदखल करने में कामयब रही थी। कांग्रेस को इस बार उसके डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच तनातनी की वजह से नुकसान की आशंका है। हालंकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरी कोशिश कर रहे हैं कि वह सत्ता में वापसी कर सकें।
मध्य प्रदेश में कुल 230 विधानसभा सीटें हैं, वहीं लोकसभा की 29 सीटों हैं। यहां सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 116 है। पिछली बार यानी वर्ष 2018 के चुनाव के बाद अपने 114 विधायको और कुछ अन्य के समर्थन के बूते कांग्रेस ने सरकार बनाई थी, लेकिन सवा साल के अंदर ही इसका पतन हो गया और तत्कालीन सीएम कमल नाथ को पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद बाजेपी के शिवराज सिंह चौहान सत्ता में लौटे थे।
छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और यहां सरकार बनाने के किसी भी पार्टी को 46 का आंकड़ा पार करना होगा। 2018 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो-तिहाई से भी ज्यादा सीटों पर सफलता हासिल की थी। कांग्रेस को कुल सीटों में 68 सीटें आई थीं, जबकि बीजेपी केवल 16 सीटों पर ही जीत दर्ज कर सकी थी। इसके बाद कांग्रेस को भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने थे। छत्तीसगढ़ में लोकसभा की 11 सीटें और राज्यसभा की पांच सीटें हैं।
तेलंगाना विधानसभा में कुल 119 और लोकसभा की 17 सीटें है। पिछले चुनाव में के. चंद्रशेखर राव की पार्टी टीआरएस ने अपना परचम लहराते हुए 88 सीटों पर जीत हासिल की थी। कांग्रेस, तेलुगु देशम पार्टी, तेलंगाना जन समिति और वाम दलों का प्रजा कुटामी गठबंधन 21 सीटों पर सिमट गया था। भाजपा के विधायकों की संख्या भी 5 से घटकर एक हो गई थी। ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के 7 विधायक चुने गए थे।
मिजोरम में विधानसभा के 40 सीटें हैं। 2018 विधानसभा चुनाव में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) 27 सीटें जीतकर सरकार में आई थी। कांग्रेस को केवल 5 सीटें मिली थीं और एक सीटों के साथ भाजपा का भी खाता खुला था।
विधानसभा चुनाव 2023 की बात करें तो राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच में ही है।राजस्थान में पिछले कई सालों से कोई पार्टी सत्ता में वापसी नहीं कर पाई है। अगर यह परंपरा जारी रहती है तो राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 के बाद भाजपा की वापसी हो जाएगी,लेकिन कांग्रेस भी इस पंरपरा को तोड़ने के लिए पूरा जोर लगा रही है। मध्य प्रदेश में अगर 2018 के बाद के सवा साल के कालखंड को छोड़ दें तो भाजपा 2003 के चुनाव से ही लगातार सत्ता में बनी हुई है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस की ओर से कमलनाथ भाजपा के शिवराज सिंह चौहान को कड़ी चुनौती पेश कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भाजपा 2003 से 2018 तक लगातार सत्ता में रही और रमण सिंह मुख्यमंत्री रहे। 2018 में कांग्रेस की बंपर जीत के बाद भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में जहां भाजपा अपनी खोई सत्ता को वापस पाने की ताक में है, वहीं कांग्रेस इसे बचाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। वर्ष 2014 में अलग राज्य बनने के बाद से ही टीआरएस के के. चंद्रशेखर राव मुख्यमंत्री बने हुए हैं। तेलंगाना का चुनाव लोकसभा चुनाव के साथ होता था, लेकिन 2018 सितंबर में चंद्रशेखर राव ने विधानसभा भंग करके पहले चुनाव करवा लिया। यहां टीआरएस एक बार फिर तेलंगाना विधानसभा चुनाव 2023 में सत्ता में वापसी का दावा कर रही है, उसका मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के साथ होगा। मिजोरम की विधानसभा का कार्यकाल इस साल 17 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। 40 सदस्यीय मिजोरम विधानसभा में सत्तारूढ़ मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के 27 सदस्य, मुख्य विपक्षी जोरम पीपुल्स मूवमेंट के छह, कांग्रेस के पांच और भाजपा का एक विधायक है।इस साल अब तक हुए विधानसभा चुनावों की बात करें तो त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड और कर्नाटक में फरवरी से लेकर मई के दौरान चुनाव हुए हैं। इनमें त्रिपुरा में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की है, जबकि मेघालय और नागालैंड में वह गठबंधन सरकार का हिस्सा है। कर्नाटक में 10 मई को हुए चुनाव में उसे कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा। लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर बीजेपी के लिए यह जरूरी है कि वह कम-से-कम मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ में अच्छा प्रदर्शन करे। इसकी वजह यह है कि उत्तरी भारत के तीनों प्रदेशों में बीजेपी का मजबूत जनाधार है और यहां प्रदर्शन बेहतर नहीं रहने पर पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर असर पड़ेगा, जो लोकसभा चुनाव में उसकी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है। खासकर जब विपक्ष I.N.D.I.A. के बैनर तले एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ करीब 450 सीटों पर एक प्रत्याशी देने की कोशिश में है। दूसरा कारण है कि इन तीनों राज्यों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है।ऐसे में अगर वह कांग्रेस से शिकस्त खाती है तो कांग्रेस मजबूत होगी और इससे विपक्षी गठबंधन का आधार बढ़ेगा। इसके अलावा आम मतदाताओं में भी यह संदेश जाएगा कि कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देने की स्थिति में है। बीजेपी ये दोनों होते कभी नहीं देखना चाहेगी।