रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान, BJP ने बिहार चुनाव के लिए भी बड़ा दांव लगाया; समझिए कैसे
Rekha Gupta: दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा ने मूल काडर से आने वाली रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री चुनकर सामाजिक राजनीति को मजबूती दी है। महिलाओं से मिल रहे देशव्यापी समर्थन को देखते हुए भाजपा ने यह कदम उठाया है।
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Rekha Gupta: दिल्ली में 27 साल बाद सत्ता में लौटी भाजपा ने मूल काडर से आने वाली रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री चुनकर सामाजिक राजनीति को मजबूती दी है। महिलाओं से मिल रहे देशव्यापी समर्थन को देखते हुए भाजपा ने यह कदम उठाया है। रेखा गुप्ता मौजूदा समय में पार्टी की इकलौती महिला मुख्यमंत्री होंगी। इसके साथ ही बिहार में सुशील मोदी के बाद बड़े मतदाता वर्ग वैश्य समुदाय को साधने में भी यह फैसला सहायक होगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में रेखा गुप्ता को दिल्ली की कमान सौंपकर भाजपा ने एक साथ कई निशाने साधे हैं। भाजपा ने अपने फैसले से वैश्य समुदाय को साफ संदेश दिया है पिछड़ा वर्ग की राजनीति में उनका पार्टी में अहम स्थान है।
महिलाओं को राजनीतिक नेतृत्व देने का दबाव
भाजपा को देश भर में महिलाओं का लगातार समर्थन मिल रहा है। लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला कानून बनाने के बाद भाजपा पर महिलाओं को राजनीतिक नेतृत्व देने का दबाव भी था। अब मौजूदा समय में रेखा गुप्ता भाजपा की पहली और देश की दूसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी।
परंपरागत समर्थक वैश्य समुदाय को भी संदेश दिया
भाजपा ने इस फैसले से अपने परंपरागत समर्थक वर्ग वैश्य समुदाय को संदेश दिया है कि उनकी उपेक्षा नहीं हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने हाल में ग्यान (गरीब, युवा, अन्नदाता, नारी) का जो नारा दिया था, उसमें भी नारी को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में रखा गया था।
बिहार में पिछड़ा वर्ग में आता है वैश्य समुदाय
भाजपा को अब इस साल के आखिर में बिहार विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत के साथ उतरना है। बिहार में वैश्य समुदाय पिछड़ा वर्ग में आता है। राज्य में सुशील मोदी इस समुदाय के सबसे बड़े चेहरे थे। अब रेखा गुप्ता के जरिए वह वहां के वैश्य समुदाय को भी संदेश दिया गया है। बिहार में इस बार राजग और इंडिया गठबंधन में लगभग सीधी लड़ाई है।
पर्यवेक्षक नियुक्ति से भी दिए सियासी संकेत
भाजपा नेतृत्व ने बुधवार दोपहर में भी इस बात के संकेत दे दिए थे कि वह जाट व पूर्वांचल के बजाए अन्य समुदाय व समीकरणों पर विचार कर रही है। ओम प्रकाश धनखड़ और रविशंकर प्रसाद को पर्यवेक्षक बनाने से यह लगभग साफ हो गया था। धनखड़ जाट समुदाय से और रविशंकर पूर्वांचल से आते हैं। ऐसे में वैश्य समुदाय को मुख्यमंत्री पद देने की कवायद स्पष्ट हो गई थी।