मतदान में आधी आबादी आगे, लेकिन महिला नेतृत्व देने में पीछे
17वीं लोकसभा के विजयी उम्मीदवारों में महिलाओं की कुल संख्या 78 है। महिला सांसदों की अब तक की इस सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या का 17 प्रतिशत हो...
17वीं लोकसभा के विजयी उम्मीदवारों में महिलाओं की कुल संख्या 78 है। महिला सांसदों की अब तक की इस सर्वाधिक भागीदारी के साथ ही नई लोकसभा में महिला सांसदों की संख्या कुल सदस्य संख्या का 17 प्रतिशत हो जाएगी।
लेकिन उत्तरी पूर्वांचल की गोरखपुर और बस्ती मण्डल की 9 लोकसभा सीटों से इस बार भी लोकसभा में प्रतिनिधित्व के लिए महिला को मौका नहीं मिला। महराजगंज लोकसभा सीट से अपने पिता पूर्व सांसद हर्षवर्धन की सीट पर उनकी विरासत को सहेजने के लिए उतरी पूर्व पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत कांग्रेसी उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में थीं लेकिन अपनी जमानत तक नहीं बचा पाई। यह तब है कि जब गोरखपुर एवं बस्ती मण्डल मिला कर महराजगंज में सर्वाधिक 69.39 फीसदी मतदान हुआ।
17वीं लोकसभा में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने पूजा पाण्डेय को सलेमपुर से प्रत्याशी बनाया लेकिन पूजा को सिर्फ 1719 वोट मिले। अखिल भारतीय नव निर्माण पार्टी के बैनर तले चुनाव लड़ रही ललिता को 2755 वोट मिले। दोनों की ही जमानत जब्त हो गई। नारी सशक्तीकरण और नारी सम्मान की बहस के बंदिशों को खारिज करते हुए महिलाएं राजनीति में दस्तक तो दे रहीं लेकिन न तो उन्हें दल ही उतनी तवज्जो दे रहे हैं जितनी की वे हकदार हैं। न ही उत्तरी पूर्वांचल के मतदाता ही उन्हें स्वीकार कर रहे। गोरखपुर-बस्ती मंडलों की 9 सीटों पर सिर्फ एक बार 1996 में सहानुभूति की लहर पर सवार सुभावती पासवान ने बांसगांव लोकसभा क्षेत्र से जीत दर्ज की थी।
उत्तरी पूर्वांचल की सीटों पर महिलाएं मतदान में अव्वल
17वीं लोकसभा चुनाव में ‘हिन्दुस्तान’ की मुहिम ‘आओ राजनीति करें-अब महिलाओं की बारी’ के अंतर्गत जोरदार अभियान चलाया। अभियान का असर भी दिखा। गोरखपुर और बस्ती मण्डल के सभी 7 जिलों में मतदान करने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा रही। दोनों मण्डलों में महिलाओं को सर्वाधिक वोट प्रतिशत महराजगंज में रहा। यहां महिलाओं को औसत मतदान पुरुषों के मुकाबले 10 फीसदी ज्यादा रहा। माना जा रहा था कि लोकप्रिय पूर्व सांसद हर्षवर्धन की सीट पर पूर्व पत्रकार सुप्रिया श्रीनेत को कांग्रेस के द्वारा प्रत्याशी बनाए जाने का असर है लेकिन परिणाम आए तो सुप्रिया को सिर्फ 72516 वोट मिले।
महिलाओं मतदाताओं ने झूम कर दिए वोट
जिला- कुल मतदान-महिला मतदान- पुरुष मतदान
गोरखपुर- 59.81-62.96-57.21
महराजगंज-64.08-69.39-59.46
बस्ती- 56.37- 60.29-53.97
देवरिया- 59.68-63.17-53.12
संतकबीरनगर-54.32-59.66-49.82
कुशीनगर-59.67-64.79-55.22
सिद्धार्थनगर-52.29-57.16-48.13
यह भी जानें
फिलहाल महिला सांसदों की सबसे कम संख्या 9वीं लोकसभा में 28 थी। लोकसभा की 542 सीटों के लिए शुक्रवार को घोषित पूर्ण परिणाम में सर्वाधिक 40 महिला उम्मीदवार बीजेपी के टिकट पर चुनाव जीती हैं। कांग्रेस के टिकट पर सिर्फ पार्टी की वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी ने महिला उम्मीदवार के रूप में रायबरेली से जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने सर्वाधिक 54 और बीजेपी ने 53 महिला उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। अन्य राष्ट्रीय पार्टियों में, बीएसपी ने 24, तृणमूल कांग्रेस ने 23, मार्क्सवादी कॉम्युनिस्ट पार्टी ने 10, भारतीय कॉम्युनिस्ट पार्टी ने 04 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने 01 महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा था।
क्या कहती हैं महिलाएं
‘‘महिलाओं में राजनीति के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। मतदान में बढ़ती महिलाओं की रुचि और लोकसभा में बढ़ते प्रतिनिधित्व से अंदाजा लगा सकते हैं। हालांकि देश की समस्याएं सुझाने में लिंग मसला नहीं है, नीति और नियत ठीक होनी चाहिए। देश में इतनी मजबूती से भाजपा की सरकार आई है, कांग्रेस ने पंचायती राज संस्थाओं में 33 फीसदी महिला आरक्षण लागू किया, अब भाजपा को विधानसभा और लोकसभा में 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को देना चाहिए।’’
सुप्रिया श्रीनेत्र, महराजगंज से कांग्रेस प्रत्याशी
‘‘नारी सशक्तीकरण के दौर में सभी दलों को महिलाओं का संगठन और वोट चाहिए। लेकिन उन्हें न टिकट देना है, न लोकसभा विधानसभा में उनके लिए आरक्षण। अनुसूचित के लिए सीटें आरक्षित की गई। ओबीसी के लिए वह भी नहीं। सरकार को चाहिए कि महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण प्रदान करें।’’
अंजू चौधरी, उपाध्यक्ष राज्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश पूर्व मेयर गोरखपुर
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।