Four men publicly executed in Afghanistan shot by relatives of victims लाइन में खड़ा कर गोलियों से भुनवाया, इस मुस्लिम देश में मिली ऐसी खौफनाक सजा-ए-मौत, International Hindi News - Hindustan
Hindi Newsविदेश न्यूज़Four men publicly executed in Afghanistan shot by relatives of victims

लाइन में खड़ा कर गोलियों से भुनवाया, इस मुस्लिम देश में मिली ऐसी खौफनाक सजा-ए-मौत

  • अफगानिस्तान के एक प्रांत में एक ही दिन में चार लोगों को सजा ए मौत दे दी गई। हैरानी की बात यह है कि इन सब को सरे आम गोलियों से भुनवा दिया गया।

Jagriti Kumari एएफपीFri, 11 April 2025 06:14 PM
share Share
Follow Us on
लाइन में खड़ा कर गोलियों से भुनवाया, इस मुस्लिम देश में मिली ऐसी खौफनाक सजा-ए-मौत

अफगानिस्तान जैसे देशों में सजा-ए-मौत आम बात है। हालांकि यह कुछ अब खौफनाक इसीलिए होता जा रहा है क्योंकि बीते कुछ सालों लोगों को सार्वजनिक रूप से मौत के घाट उतार दिया जाता है। शुक्रवार को यहां के एक प्रांत में एक साथ चार लोगों को सरे आम मौत की सजा दी गई। इस दौरान उन्हें लाइन में खड़ा कर गोलियों से भुनवा दिया गया। देश की सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि तालिबान के सत्ता में लौटने के बाद से पहली बार है जब एक दिन में इतने लोगों को ऐसी सजा दी गई है।

सजा-ए-मौत के इस ‘कार्यक्रम’ में शामिल होने के लिए लोगों को बकायदा इकट्ठा किया गया था। कुछ लोगों ने आंखों देखा हाल बताते हुए कहा है कि यह बेहद खौफनाक नजारा था। स्थानीय लोगों के मुताबिक बदगीस प्रांत के कला-ए-नव में दर्शकों के सामने उन लोगों से गोलियां चलवाई गई, जो पीड़ितों के परिवार से थे। जानकारी के मुताबिक पीड़ित के एक पुरुष रिश्तेदार ने दो लोगों को लगभग छह या सात बार गोली मारी।

आधिकारिक नोटिस देकर बुलाए दर्शक

जानकारी के मुताबिक गुरुवार को व्यापक रूप से साझा किए गए आधिकारिक नोटिस में अफगानों को कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था। एक 48 वर्षीय दर्शक मोहम्मद इकबाल रहीमयार ने एएफपी को बताया, "उन सब को बैठा दिया गया और उन्होंने हमारी ओर पीठ कर ली। पीड़ितों के परिवारों के रिश्तेदार पीछे खड़े थे और उन्होंने बंदूक से उन पर गोली चलाई।"

कोर्ट ने सुनाई प्रतिशोधी सजा

वहीं देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक बयान में कहा कि इन लोगों को दूसरे लोगों पर गोली चलाने के लिए प्रतिशोधी सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने कहा कि उनके मामलों की बहुत बारीकी से जांच की गई थी। इसमें कहा गया कि पीड़ितों के परिवारों ने इन लोगों को माफी देने से इनकार कर दिया जिसके बाद यह फैसला लिया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक अन्य व्यक्ति को निमरोज प्रांत के जरांज में और चौथे को फराह शहर में फांसी दी गई।

ये भी पढ़ें:तालिबान को US का तोहफा; अमेरिकी नागरिक की रिहाई के बाद हक्कानी पर से हटाया इनाम
ये भी पढ़ें:महाराष्ट्र को तालिबान बनाना है? कामरा मामले को लेकर कांग्रेस का महायुति पर तंज

एमनेस्टी इंटरनेशनल ने की निंदा

इस बीच एमनेस्टी इंटरनेशनल ने तालिबान अधिकारियों से सार्वजनिक मौत की सजा को रोकने की अपील की है। मानवाधिकार समूह ने इसे मानव गरिमा का घोर अपमान कहा है। इससे पहले नवंबर 2024 में यहां के पूर्वी पक्तिया प्रांत के एक स्टेडियम में तालिबान अधिकारियों सहित हजारों दर्शकों के सामने पीड़ित के परिवार के एक सदस्य ने सजा के तौर पर एक दोषी हत्यारे को गोलियों से भून दिया था।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।