Hindi Newsक्रिकेट न्यूज़IPL 2025interesting story behind the name of washington sundar who shines against srh in ipl match

तमिल हिंदू तो नाम वॉशिंगटन सुंदर क्यों? बहुत दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

आईपीएल 2025 में गुजरात टाइटंस का शानदार प्रदर्शन जारी है। रविवार को उसने सनराइजर्स हैदराबाद को 7 विकेट से हराया। अब टीम पॉइंट टेबल में दूसरे पायदान पर पहुंच गई है। इस जीत में वॉशिंगटन सुंदर की बड़ी भूमिका रही जिन्होंने 49 रनों की पारी खेली। क्या आप जानते हैं कि सुंदर के नाम से वॉशिंगटन क्यों जुड़ा?

Chandra Prakash Pandey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीMon, 7 April 2025 10:36 AM
share Share
Follow Us on
तमिल हिंदू तो नाम वॉशिंगटन सुंदर क्यों? बहुत दिलचस्प है इसके पीछे की कहानी

वॉशिंगटन सुंदर चर्चा में हैं। रविवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ गुजरात टाइटंस की जीत में उन्होंने अहम किरदार निभाया। हैदराबाद ने पहले बल्लेबाजी करते हुए गुजरात के सामने जीत के लिए 153 रनों का लक्ष्य रखा था। जवाब में गुजरात की पारी शुरुआत में लड़खड़ा गई। चौथे ओवर में महज 16 रन के स्कोर पर दो विकेट गिर चुके थे। टीम संकट की स्थिति में थी और वॉशिंगटन सुंदर को प्रमोट कर चौथे नंबर पर बैटिंग के लिए भेजा गया। सुंदर ने शुभमन गिल के साथ शानदार साझेदारी कर गुजरात की जीत की नींव रखी। वह सिर्फ एक रन से अर्धशतक से चूक गए। उन्होंने 29 गेंदों में 49 रनों की अपनी पारी में 5 चौके और 2 छक्के लगाए। क्या आप जानते हैं कि तमिल हिंदू परिवार में जन्मे वॉशिंगटन सुंदर के इस नाम के पीछे एक बहुत ही दिलचस्प कहानी है? आइए जानते हैं।

वॉशिंगटन सुंदर का जन्म 5 अक्टूबर 1999 को चेन्नई में एक तमिल हिंदू परिवार में हुआ। उनको ये नाम उनके पिता एम. सुंदर ने अपने मेंटर और गॉडफादर पीडी वॉशिंगटन के सम्मान में दिया। दरअसल, एम. सुंदर के पिता भी अपने जमाने में एक अच्छा क्रिकेटर रहे थे लेकिन वह तमिलनाडु की टीम में जगह नहीं बना पाए। पीडी वॉशिंगटन क्रिकेट के बहुत बड़े फैन थे और वह सीनियर सुंदर के अच्छे खेल के मुरीद भी थे। वह पढ़ाई-लिखाई से लेकर खेल तक के लिए उनकी हर संभव मदद किया करते थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पीडी वॉशिंगटन ने एम. सुंदर की पढ़ाई-लिखाई को स्पॉन्स किया। उनके स्कूल की फीस, किताबें, क्रिकेट गियर वगैरह वही खरीदकर देते थे।

ये भी पढ़ें:सुंदर को नंबर-4 पर खिलाकर किसने खेला मास्टर स्ट्रोक? बल्लेबाज ने खुद बताया
ये भी पढ़ें:वॉशिंगटन सुंदर की खुशी का 1 रन से हुआ 'कत्ल', 8 सालों में पहली बार होने वाला था

1999 में पीडी वॉशिंगटन का निधन हो गया। संयोग से उसी साल अक्टूबर में एम. सुंदर को एक बेटा हुआ। तब उन्होंने फैसला किया कि वह अपने बेटे को अपने गॉडफादर का नाम देंगे। इस तरह उस बच्चे का नाम पड़ा वॉशिंगटन सुंदर।

वॉशिंगटन सुंदर 6 साल की उम्र से क्रिकेट खेलने लगे थे। वह हर दिन अपने पिता और बड़ी बहन शैलजा सुंदर के साथ क्रिकेट खेलते थे। बाद में वह उम्र में खुद से बड़े बच्चों के साथ खेलने लगे और अपनी प्रतिभा को निखारने लगे। उनकी बहन शैलजा भी क्रिकेटर हैं और तमिलनाडु की तरफ से खेलती हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें