UPPSC APO Cut Off: परिणाम के सवा साल बाद कटऑफ जारी
UPPSC APO Cut Off: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) परीक्षा-2022 के सभी अभ्यर्थियों का प्राप्तांक व श्रेणीवार कटऑफ अंक वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर सोमवार को जारी कर दिया जो 21 अक्तूबर तक उपलब्ध रहेगा।
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने सहायक अभियोजन अधिकारी (एपीओ) परीक्षा-2022 के सभी अभ्यर्थियों का प्राप्तांक व श्रेणीवार कटऑफ अंक वेबसाइट uppsc.up.nic.in पर सोमवार को जारी कर दिया जो 21 अक्तूबर तक उपलब्ध रहेगा। खास बात यह है कि 21 जून 2023 को घोषित अंतिम चयन परिणाम के सवा साल बाद कटऑफ जारी किया गया है। आयोग के उपसचिव सुनील कुमार के अनुसार संबंधित अभ्यर्थी वेबसाइट पर वांछित सूचनाओं की प्रविष्टि करने के बाद उनके पंजीकृत मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी भरकर प्राप्तांक प्राप्त कर सकते हैं।
जिन अभ्यर्थियों को ओटीपी प्राप्त नहीं हो रहा है तथा मोबाइल नम्बर बदलना चाहते हैं, ऐसे अभ्यर्थी इसका प्रार्थना-पत्र जिसमें अनुक्रमांक, नाम, पिता का नाम, परिवर्तित मोबाइल नम्बर एवं हस्ताक्षर अवश्य हों एवं उसके साथ स्वप्रमाणित आईडी प्रूफ (वोटर आईकार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेन्स, आधार कार्ड अथवा हाईस्कूल का प्रमाण-पत्र आदि) की छायाप्रति संलग्न कर आयोग को डाक से भेज दें। चूंकि प्रश्नगत परीक्षा से संबंधित अभ्यर्थियों के प्राप्तांक एवं श्रेणीवार कटऑफ अंक उपलब्ध करा दिए गए हैं। अत इस संबंध में आरटीआई के तहत अलग से प्रार्थना-पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
प्री परीक्षा एक ही पाली में कराने को अभियान
पीसीएस और समीक्षा अधिकारी (आरओ)/सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) की प्रारंभिक परीक्षा को एक पाली में एक साथ कराने की मांग को लेकर प्रतियोगी छात्रों ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अभियान चलाया। सुबह दस बजे से एक्स पर वन शिफ्ट और वन डे एग्जाम हैशटैग से अभियान शुरू होने के साढ़े तीन घंटे में ही 65 हजार से अधिक यूजर्स प्रतिक्रिया दे चुके थे। एक समय ऐसा भी आया जब यह हैशटैग एक्स पर टॉप पर ट्रेंड कर रहा था। शाम तक एक लाख से अधिक यूजर्स ने प्रतिक्रिया दी।
प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने बताया कि छात्रों की मांग पूरी तरह से जायज है, जिसे लेकर चलाए गए अभियान में भारी संख्या में प्रतियोगी छात्रों ने प्रतिभाग किया। हमारी मांग है कि सभी छात्रों की परीक्षा पूर्व की भांति एक पाली में कराई जाए, जिससे नॉर्मलाइजेशन के नाम पर होने वाले भ्रष्टाचार को रोका जा सके। यह आंदोलन की शुरुआत है अगर आयोग हमारी मांगें नहीं मानता तो प्रतियोगी छात्र जल्द व्यापक आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।
छात्रों का कहना है कि परीक्षा अलग-अलग तिथियों पर कराने का आयोग का निर्णय सही नहीं है। एक से अधिक पाली में होने वाली परीक्षाओं में अंक देने के लिए नॉमलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है, जो एक फॉर्मूले के तहत किया जाता है। प्रतियोगी छात्रों को इस पर विश्वास नहीं है।
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