बिहार 94000 शिक्षक भर्ती : बहाली प्रक्रिया पर लगी रोक हटाने से पटना हाईकोर्ट का इनकार
बिहार के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की होने वाली 94000 भर्तियों की प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने से पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को साफ इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने...
बिहार के प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की होने वाली 94000 भर्तियों की प्रक्रिया पर लगी रोक को हटाने से पटना हाईकोर्ट ने मंगलवार को साफ इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की एकलपीठ ने नीरज कुमार व अन्य की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई के बाद यह आदेश दिया। साथ ही इस मामले में राज्य सरकार को जबाबी हलफनामा दायर करने का आदेश भी दिया। कोर्ट को बताया गया कि राज्य सरकार ने 15 जून, 2020 को एक आदेश पारित कर दिसम्बर, 2019 में सीटीईटी पास उम्मीदवारो को इस परीक्षा में भाग नही लेने का निर्देश जारी किया था जिसे हाईकोर्ट में चुनोती दी गई थी। कोर्ट ने राज्य सरकार को बताने को कहा था कि विज्ञापन निकालने के बाद क्या नियमों में बदलाव हो सकता है। मामले पर अगली सुनवाई 21 सितंबर को होगी।
विज्ञापन के अनुसार एनआईओएस द्वारा संचालित सेवाकालीन 18 माह के डीईएलईडी एवं टीईटी तथा सीटीईटी पास अभ्यर्थी 15 जून से 14 जुलाई तक आवेदन दे सकते थे। विज्ञापन में ही मेधा सूची की तैयारी सहित उसके अनुमोदन, सूची प्रकाशन, आपत्ति, आपत्ति निराकरण सभी के लिए समय सीमा तय की गई थी। इसी बीच विभाग ने 15 जून को एक स्मृतिपत्र जारी कर सीटीईटी पास अभ्यर्थियों का आवेदन नहीं लेने का निर्देश जारी किया।
आवेदकों के वकील का कहना था कि एक बार विज्ञापन प्रकाशित कर देने बाद विज्ञापन की शर्तों में फेरबदल नहीं किया जा सकता, लेकिन विभाग ने ऐसा कर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ किया है। उन्होंने कोर्ट को यह भी बताया कि 2012 में टीईटी पास छात्रों की मान्यता अवधि को बढ़ाकर 14 मई, 2021 कर दी गयी है। 2019 में पास सीटीईटी के अभ्यर्थियों का आवेदन नहीं लेना अपने आप में गैरकानूनी है। पूरे राज्य में लगभग 94 हजार शिक्षकों की बहाली की प्रक्रिया चल रही है।
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