असर 2018 रिपोर्ट: 5वीं के आधे बच्चे नहीं पढ़ पाते दूसरी कक्षा के पाठ
देश की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद पिछले चार साल में इनमें मामूली सुधार ही नजर आ रहा है। आज भी पांचवी कक्षा के करीब आधे बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ नहीं पढ़...
देश की स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद पिछले चार साल में इनमें मामूली सुधार ही नजर आ रहा है। आज भी पांचवी कक्षा के करीब आधे बच्चे दूसरी कक्षा का पाठ नहीं पढ़ सकते। वहीं, आठवीं कक्षा के 56 फीसदी बच्चे गणित के दो अंकों के बीच भाग नहीं दे सकते।
शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत देश के सबसे बड़े गैर सरकारी संगठन 'प्रथम' के वार्षिक सर्वेक्षण ‘एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट’ (असर) - 2018 के अध्ययन से यह जानकारी मिली है। मंगलवार को यह रिपोर्ट जारी की गई। यह रिपोर्ट देश के 596 जिलों के 17,730 गांव के पांच लाख 46 हजार 527 छात्रों के बीच किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पांचवीं कक्षा में 50.3 फीसदी बच्चे दूसरी कक्षा के लिए तैयार किए गए पाठ को पढ़ सकते हैं। वर्ष 2014 में पांचवीं के 48.1 फीसदी बच्चे ही ऐसा कर सकते थे। यानी पिछले चार साल में मात्र 2.2 फीसदी का सुधार देखा गया है। हालांकि, राज्यवार बात करें तो इस दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड ने कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। यहां चार वर्षों के भीतर क्रमश: 7.3 फीसदी एवं 3.7 फीसदी का इजाफा दर्ज किया गया है। वहीं, झारखंड में इन चार वर्षों में कोई सुधार नहीं हुआ और यहां दूसरी का पाठ पढ़ सकने योग्य पांचवीं के बच्चों की संख्या 34.4 फीसदी पर स्थिर रही।
रिपोर्ट के मुताबिक, आज भी आठवीं कक्षा के 56 फीसदी बच्चे दो संख्याओं का आपस में भाग नहीं दे सकते। वहीं, भाग न दे सकने वाले पांचवीं के बच्चों की संख्या 72.2 फीसदी के बराबर है। भाग देने के मामले में यूपी और उत्तराखंड के छात्र बिहार के छात्रों से पीछे हैं। बिहार में आठवीं कक्षा में पढ़ने वाले 56.9 फीसदी बच्चे दो संख्याओं के बीच भाग दे सकते हैं। वहीं , यूपी और उत्तराखंड में यह संख्या क्रमश: 44.4 एवं 48.6 फीसदी है। इस मामले में मणिपुर राज्य के बच्चे सबसे आगे हैं, यहां आठवीं के 72.5 फीसदी बच्चे भाग दे सकते हैं।
पांचवीं के कितने बच्चे पढ़ सकते हैं दूसरी का पाठ
राज्य 2018 2014
यूपी 52.0 44.7
बिहार 41.3 48.1
उत्तराखंड 64.3 60.6
झारखंड 34.4 34.4
हिमाचल 76.9* 75.2
भारत 50.3 48.1
(बच्चों की संख्या प्रतिशत में)
ये भी जानें
- ग्रामीण स्कूलों में लड़कियों के लिए बने शौचालयों में केवल 66.4 फीसदी ही इस्तेमाल के लायक।
- 13.9 फीसदी स्कूलों में पीने का पानी अभी भी नही है और 11.3 फीसदी में पानी पीने लायक नहीं है।
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