जानें ग्रेजुएट के बाद कैसे बनें फॉरेस्ट ऑफिसर, कौन कराता है इंडियन फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा
- यदि आपने गणित, जूलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, स्टैटिस्टिक्स, बॉटनी, वेटनरी साइंस या एनिमल हसबेंडरी विषयों में से किसी एक को प्रमुख विषय रखते हुए ग्रेजुएशन किया है और आपकी अधिकतम आयु 32 वर्ष की है, तो आप फारेस्ट सर्विस के लिए आवेदन कर सकते हैं।
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इंडियन फॉरेस्ट सर्विस की जानकारी देने का कष्ट करें। मैंने मैथ्स से ग्रेजुएशन किया है और मेरी आयु 28 वर्ष है।समीर सिंह
यदि आपने गणित, जूलॉजी, फिजिक्स, केमिस्ट्री, स्टैटिस्टिक्स, बॉटनी, वेटनरी साइंस या एनिमल हसबेंडरी विषयों में से किसी एक को प्रमुख विषय रखते हुए ग्रेजुएशन किया है और आपकी अधिकतम आयु 32 वर्ष की है, तो आप देश की बेहद प्रतिष्ठित यूपीएससी द्वारा घोषित इंडियन फॉरेस्ट सर्विस परीक्षा में बैठने की योग्यता रखते हैं। अनुसूचित जाति व जनजाति को आयु सीमा में 5 वर्ष की छूट दी जाती है। यूपीएससी प्रत्येक वर्ष लगभग 150 आईएफएस अधिकारियों की नियुक्ति करती है, जिनको भारत सरकार के पर्यावरण व वन मंत्रालय के अंतर्गत देश भर के विभिन्न जिलों में पर्यावरण व वन सम्पदा को सुरक्षित रखने के लिए नियुक्ति प्रदान की जाती है। किसी भी अन्य सिविल सेवा परीक्षा की तरह इसमें भी परीक्षा के कुल तीन चरण होते हैं -प्रारंभिक यानी प्रिलिमिनरी, मेन्स और इंटरव्यू। छात्र को इस परीक्षा के बैठने के कुल 6 अवसर प्राप्त होते हैं। इस परीक्षा की नोटिफिकेशन अमूमन जनवरी माह में जारी की जाती है और फरवरी मध्य तक आवेदन स्वीकार किये जाते हैं, जिसके बाद मई में प्रिलिमिनरी परीक्षा संचालित की जाती है। इसके बारे में विस्तार से जानकारी के लिए यूपीएससी की वेबसाइट upsc.gov.in देखें।
● साइकोलॉजी में यूपीएससी जैसी सरकारी सेवा परीक्षाओं के अतिरिक्त करियर के क्या अन्य विकल्प उपलब्ध हैं? कृपया मार्गदर्शन करें।
सिविल सेवा जैसी सरकारी सेवाओं को छोड़ भी दें, तो भी साइकोलॉजी से ग्रेजुएशन कर रहे छात्रों के लिए कई एक विकल्प उपलब्ध हैं, जिनको आप अपनी रुचि के अनुसार चुन सकती हैं। देश-विदेश के कई गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) सामाजिक कार्य में जुटे हुए हैं। अपने आस-पास किसी एनजीओ में अपना रिज्यूम भेजें। यदि आपको यहां रोजगार मिल जाता है, तो आप अपने विषय से जुड़ा हुआ काम करेंगी, जिसमे स्वाभाविक रूप से आपका प्रदर्शन बेहतर होगा। दूसरा, यदि आपका रुझान टीचिंग में है, तो मनोविज्ञान से ही स्नातकोत्तर करें। इसके बाद, यूजीसी द्वारा साल में दो बार संचालित नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट यानी नेट परीक्षा उत्तीर्ण कर किसी भी कॉलेज या विश्वविद्यालय में अध्यापन कार्य में लग सकती हैं। एक अन्य विकल्प के तौर पर, कॉर्पोरेट कम्पनियां अपनी गतिविधियों को बताने और लोगों से संपर्क बढ़ाने के लिए पब्लिक रिलेशन ऑफिसर की नियुक्ति करती हैं, जिनमें अमूमन महिलाओं को ही रखा जाता है। यह विकल्प भी आपके लिए बढ़िया है। साथ ही, एक ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर का काम कंपनी में विविध लोगों को लगातार कंपनी के उद्देश्य के लिए प्रेरित करना होता है, इस काम में बेहद धैर्य की आवश्यकता होती है। अधिकतर कंपनियों में एचआर मैनेजर महिलाएं होती हैं। आपकी साइकोलॉजी की पढ़ाई भी इस में बहुत काम आएगी। इसके लिए बीए के बाद एच आर से एमबीए कर लें और आगे बढ़ें।
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