एप्पल पर ट्रंप का दबाव, भारत से अमेरिका आईफोन सप्लाई पर नया अपडेट
एप्पल ने कहा है कि फॉक्सकॉन और टाटा समूह के साथ मिलकर भारत में निवेश की मौजूदा योजनाएं जारी रहेंगी। सिर्फ अमेरिका को एक्सक्लूसिव सप्लाई करने वाली योजना ही रोकी गई है।

अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ टेंशन में रुकावट के बाद, एप्पल भारत में अपनी iPhone उत्पादन योजनाओं पर फिर से विचार कर रहा है। एप्पल का कहना है कि भारत में "नियमित विस्तार" और चीन के अलावा दूसरे देशों में उत्पादन बढ़ाने की योजना जारी रहेगी। लेकिन, अमेरिका बाजार के लिए भारत से iPhone की आपूर्ति करने की खास रणनीति को "अभी रोक दिया गया है"। एक सूत्र ने बताया कि अमेरिका की टैरिफ नीति और राजनीतिक हालात में बदलाव के कारण कंपनी बड़े निवेश से पहले थोड़ा इंतजार करेगी।
ट्रंप का दबाव: इस बीच, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (जो अभी दौरे पर हैं) ने कहा कि उन्होंने एप्पल के CEO टिम कुक को सलाह दी है कि अमेरिका को iPhone भारत से नहीं, बल्कि अमेरिका में ही बनाने चाहिए। यह बयान एप्पल के उस वादे के बाद आया है, जिसमें कंपनी ने अमेरिका में 500 अरब डॉलर का निवेश करने और 2029 तक 20,000 नौकरियां बढ़ाने का ऐलान किया था। मार्च 2025 तक खत्म हुए साल में एप्पल ने भारत में करीब 22 अरब डॉलर के आईफोन असेंबल किए, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 60% ज्यादा है।
भारत को लेकर एप्पल की योजना: इससे पहले, ट्रंप की टैरिफ नीतियों से परेशान होकर एप्पल ने भारत को अमेरिका के लिए iPhone की आपूर्ति का मुख्य केंद्र बनाने की योजना बनाई थी। मई में टिम कुक ने कहा था कि "जून तक अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर iPhone भारत में बने होंगे"। लेकिन, अब यह योजना रुक गई है।
भारत सरकार को एप्पल का आश्वासन: भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, एप्पल ने उन्हें बताया है कि फॉक्सकॉन और टाटा समूह के साथ मिलकर भारत में निवेश की मौजूदा योजनाएं (जैसे PLI स्कीम के तहत उत्पादन) जारी रहेंगी। सिर्फ अमेरिका को एक्सक्लूसिव सप्लाई करने वाली योजना ही रोकी गई है। एक अधिकारी ने कहा कि कंपनियां अपने व्यापारिक फैसले मुनाफे, प्रतिस्पर्धा और बाजार के हिसाब से लेती हैं।