नीतीश से समझौता का सवाल ही नहीं; तेजस्वी यादव बोले- हम बिहार को नंबर वन राज्य बनाएंगे
तेजस्वी यादव ने बक्सर में बुधवार को कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जेडीयू से समझौता का कोई सवाल ही नहीं है। डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बिहार लगातार पिछड़ता जा रहा है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) से समझौते का कोई सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि जेडीयू से गठबंधन का कोई मतलब नहीं है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से बार-बार इस बारे में सवाल किया जा रहा था, तो लोगों को ठंडाने के लिए उन्होंने ऐसे ही बोल दिया था। तेजस्वी ने कहा कि महागठबंधन की सरकार आने पर बिहार को वे नंबर वन राज्य बनाने का काम करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि 20 साल से एनडीए सरकार ने राज्य को पीछे धकेलने का काम किया।
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव आरजेडी कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम के तहत बुधवार को बक्सर पहुंचे। यहां मीडिया से बातचीत में उन्होंने एनडीए सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बेरोजगारी और पलायन के मामले में बिहार नंबर वन है। 20 साल से राज्य में एनडीए की सरकार है। केंद्र में भी 10 साल से एनडीए है। फिर भी बिहार लगातार पीछे होता जा रहा है।
तेजस्वी ने सीएम की प्रगति यात्रा पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यात्रा पर निकले हैं। तीन-चार बार उनकी यात्रा का नाम बदला जा चुका है, यह प्रगति नहीं दुर्गति यात्रा है। पता नहीं सीएम किससे संवाद कर रहे हैं, कोई आम जनता नहीं है, वे सिर्फ चंद अफसरों से वे बात करते हैं। तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सीएम की यात्रा पर दो अरब से ज्यादा रुपये खर्च किया जा रहा है। बिहार जैसे गरीब राज्य में सिर्फ संवाद के नाम पर इतना खर्च हो रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अभी तक बिहार को विशेष पैकेज या विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला पाए। अगर वे अभी नहीं दिला पाए तो कब दिला पाएंगे। बिहार से इतने केंद्रीय मंत्री हैं, बीजेपी के दो-दो डिप्टी सीएम हैं, फिर भी वे विशेष दर्जा या पैकेज नहीं दिला पा रहे हैं। तेजस्वी यादव ने दावा किया कि 17 महीने की महागठबंधन सरकार के दौरान उन्होंने नौकरी देने का वादा पूरा किया था। राज्य में जाति आधारित गणना कराई और आरक्षण की सीमा बढ़ाई थी।
बीपीएससी परीक्षा में कथित धांधली के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार के दौरान जिस गांधी मैदान में नौकरियों के नियुक्ति पत्र वितरित होते थे, वहां आज युवाओं को लाठी डंडे खाने पड़ रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि आरजेडी के सत्ता में आने से पहले बिहार में पेपर लीक होते थे और उनके सत्ता से जाने के बाद भी पेपर लीक हो रहे हैं। मैट्रिक परीक्षा से लेकर बीपीएससी एग्जाम तक के पेपर लीक हो रहे हैं, अभी तक किसी पर कार्रवाई नहीं हो रही है।