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मंगल पांडे जी, कृपया ध्यान दें! बिहार के इस बड़े मेडिकल कॉलेज में बंद होने लगींं सर्जरी यूनिट

  • जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के एनेस्थीसिया विभाग में एनेस्थेटिक (निश्चेतक) की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। करीब सात माह पहले एनेस्थीसिया विभाग में 13 एनेस्थेटिक तैनात थे। लेकिन आज की तारीख तक आते-आते एनेस्थेटिक की संख्या कम होकर छह पर आ गई है।

Sudhir Kumar हिन्दुस्तान, विपिन नागवंशी, भागलपुरMon, 20 Jan 2025 01:18 PM
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मंगल पांडे जी, कृपया ध्यान दें! बिहार के इस बड़े मेडिकल कॉलेज में बंद होने लगींं सर्जरी यूनिट

बिहार के भागलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में अब ऑपरेशन का संकट खड़ा होने लगा है। बेहोशी के डॉक्टरों की इस कदर कमी हो गई कि अस्पताल के विभिन्न विभागों में होने वाले ऑपरेशन के दिनों की संख्या में कटौती की जाने लगी है। हालांकि अस्पताल प्रशासन इस स्थिति से जल्द ही निपटने की उम्मीद जताई है और इस मसले को स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों के समक्ष रखने का निर्णय ले लिये हैं।

सात माह में आधे रह गये एनेस्थीसिया के डॉक्टर

जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) के एनेस्थीसिया विभाग में एनेस्थेटिक (निश्चेतक) की संख्या में 50 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। करीब सात माह पहले एनेस्थीसिया विभाग में 13 एनेस्थेटिक तैनात थे। लेकिन आज की तारीख तक आते-आते एनेस्थेटिक की संख्या कम होकर छह पर आ गई है। इनमें से छह निश्चेतक जहां रिटायर हो गये तो एक की संविदा खत्म हो गई। आज की तारीख में विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर के रूप में विभाग के हेड डॉ. आलोक कुमार सिंह, डॉ. महेश कुमार, असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में डॉ. जीतेंद्र, डॉ. शहजाद, डॉ. अनिल व डॉ. आशुतोष की तैनाती है। बड़ी बात ये भी कि इनमें से डॉ. आलोक कुमार सिंह को छोड़कर कोई भी एसोसिएट प्रोफेसर या असिस्टेंट प्रोफेसर नियमित नहीं है। इसके अलावा विभाग में दो सीनियर रेजीडेंट हैं। जबकि इस विभाग को तीन प्रोफेसर, छह एसोसिएट प्रोफेसर, 14 असिस्टेंट प्रोफेसर और 25 सीनियर रेजीडेंट की जरूरत है।

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ऑपरेशन के दिनों की संख्या हुई कम मेजर सर्जरी में एनेस्थेटिक की मौजूदगी होती है। इनके रिपोर्ट के बिना ऑपरेशन किया ही नहीं जा सकता है। एक समय था जब हड्डी विभाग, सर्जरी विभाग, नेत्र विभाग, सर्जरी विभाग, गायनी विभाग, ईएनटी (कान, नाक व गला रोग), सीओटी (कैजुअल्टी ऑपरेशन थिएटर) में रविवार को छोड़कर हर रोज ऑपरेशन किए जाते थे। लेकिन अभी गायनी विभाग में पांच दिन, ईएनटी में दो दिन, हड्डी रोग विभाग में पांच दिन ही सर्जरी करने का ऐलान एनेस्थेसिया विभाग द्वारा शुक्रवार को जारी कर दिया गया।

क्या कहते हैं अधिकारी

निश्चेतक की कमी को पूरा करने के लिए विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। तीन और एनेस्थेटिक एक सप्ताह में ज्वाइन करने वाले हैं। उसके बाद सर्जरी में तेजी आएगी। -डॉ. केके सिन्हा, अधीक्षक, मायागंज अस्पताल

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मरीजों को ऑपरेशन के लिए करना होगा लंबा इंतजार

हड्डी विभाग में छह दिन ओपीडी होती थी तो यहां पर हर सप्ताह औसतन 40 से 42 मरीजों का ऑपरेशन किया जाता था। बावजूद मरीजों को सात से दस दिन का इंतजार ऑपरेशन करने के लिए करना पड़ता था। लेकिन अब ये इंतजार बढ़ जाएगा। सबसे ज्यादा आपरेशन के लिए इंतजार तो ईएनटी विभाग में होगा। यहां पर महज दो दिन ही ऑपरेशन किया जाता है।

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