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बिहार विधान परिषद चुनाव: गया में जगदानंद के बेटे का फ्लॉप शो, BJP के अवधेश नारायण फिर जीते

गया स्नातक क्षेत्र के चुनाव में कांटे की टक्कर हुई। RJD प्रत्याशी पुनीत सिंह को बीजेपी के अवधेश नारायण से हार का सामना करना पड़ा। अवधेश को 24290 वोट तो वहीं पुनीत को 22624 वोट मिले।

Sandeep हिन्दुस्तान, गयाFri, 7 April 2023 01:36 AM
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बिहार विधान पार्षद के गया स्नातक क्षेत्र का चुनाव एक बार फिर कांटे की टक्कर का रहा। लंबी चली वोटों की गिनती का परिणाम भी शिक्षक निर्वाचन की तरह दूसरी वरीयता की काउंटिंग में सामने आया। एक बार फिर भाजपा के अवधेश नारायण सिंह ने जीत का परचम लहराया। लेकिन, यह सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद प्रत्याशी पुनीत कुमार सिंह से कड़ी टक्कर के बाद मिली।

आठवें राउंड तक कांटे की टक्कर
पहली वरीयता की गिनती समाप्ति के बाद 158 वोट से आगे रहे अवधेश गुरुवार की सुबह पहली वरीयता के सभी नौ राउंड की गिनती समाप्ति हुई। इस वक्त अवधेश नारायण सिंह ने 158 वोट से आगे रहे। दूसरे नंबर पर रहे पुनीत कुमार सिंह को 21889 व अवधेश सिंह को 22047 वोट मिले। 11 बजे के बाद दूसरी वरीयता (एलिमिनेटेड राउंड) की गिनती शुरू हुई। करीब 12.30 बजे तीसरे राउंड की गिनती समाप्ति के बाद अवधेश सिंह की बढ़त बढ़कर 183 पर पहुंच गई। अवधेश को 22112 व पुनीत को 21929 मत मिले।

गया स्नातक क्षेत्र के आठवें राउंड के बाद प्रत्याशियों के वोटों की स्थिति

अवधेश नारायण सिंह- 24290

पुनीत कुमार सिंह- 22624

अवधेश कुमार- 6805

गोपाल प्रसाद- 1499

अभिनय कुमार- 1046

विजय बहादुर सिंह- 403

नागेश्वर प्रसाद सिंह- 332

कौशलेंद्र नारायण- 229

सातवें राउंड में 493 वोटों की बढ़त ने दिलायी जीत
पांचवें राउंड के बाद छठे और सातवें चरण के मतों की गणना में काफी वक्त लगा। दोनों तरफ के प्रत्याशी से लेकर समर्थक तक परेशान। करीब पांच बजे बाहर की भीड़ से पता चला कि अवधेश नारायण सिंह जीत गए। समर्थकों ने बधाईयां देनी शुरू कर दी। इस राउंड की समाप्ति के बाद 493 वोटों की बढ़त ने जीत दिला दी। इसके बाद आगे भी वोटों की गिनती बढ़ने के साथ जीत का आंकड़ा भी बढ़ता गया।

छठी बार एमएलसी बने अवधेश नारायण
एमएलसी चुनाव में एक बार फिर अवधेश नारायण सिंह का दबदबा पूरी तरह से कायम दिखा। चुनाव के पहले से ही उनके जीतने के कायस लगाए जा रहे थे और परिणाम ने एक बार फिर से साबित कर दिया। रांची से पढ़ाई करने के बाद वहीं से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले अवधेश नारायण सिंह ने लगातार छठी बार एमएलसी पद पर काबिज हुए। 

सदन के सभापति-उपसभापति भी रहे
पहली बार वे रांची से ही स्नातक विधान परिषद सीट से चुनाव मैदान में उतरे और विजयी रहे। इसके बाद गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़े और लगातार विजयी रहे। बताया गया कि ये भाजपा के समर्थन से चुनाव मैदान में उतरते रहे और विजयी का पताका फहराते रहे। चुनाव जीतने के बाद ये बिहार विधान परिषद के सदन में उप सभापति व सभापति के पद पर भी आसीन रहे तथा सदन को काफी अच्छे तरीके से संचालित करते रहे। 22 जून 1948 को जन्मे अवधेश नारायण सिंह अपने सरल स्वभाव के लिए पहचाने जाते है। इनके सरल व सामान्य रूप का व्यवहार का ही परिणाम रहा है कि वे लगातार चुनाव जीते।

पुनीत सिंह की हार पर धांधली का आरोप
गया स्नातक विधान परिषद चुनाव में राजद समर्थित महागठबंधन उम्मीदवार डॉ. पुनीत कुमार की हार पर जिला प्रवक्ता भंटा पासवान ने धांधली का आरोप लगया। उनहोंने कहा कि पुनीत कुमार लगातार बढ़त बनाए हुए थे। पर अचानक से गुरुवार की सुबह सात बजे के बाद उनके वोटों को लगातार कैंसिल करना शुरू किया गया। राजद कार्यकर्ताओं के लाख विरोध के बाद भी यह सिलसिला चलता रहा। लगभग पांच हजार से ज्यादा मत मतगणना स्थल पर रद्द कर दिया गया।

राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के बेटे हैं पुनीत सिंह

आपको बता दें पुनीत सिंह राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद के छोटे बेटे हैं। जिन्हें एमएलसी चुनाव में लॉन्च किया गया। लेकिन वो फेल रहे। वहीं जगदानंद के बड़े बेटे सुधाकर सिंह राजद विधायक हैं। और नीतीश सरकार के खिलाफ ही आग उगलते रहते हैं। 
 

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