Bihar Flood: 16 जिले और 4 लाख से अधिक लोग प्रभावित, गंडक-कोसी समेत कई नदियों में उफान; बिहार में आफत में है जान
Bihar Flood: प्रभावित जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज , शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा शामिल हैं।
Bihar Flood: गंडक, कोसी, बागमती, महानंदा एवं अन्य नदियों में उफान से पानी 16 जिलों में फैल गया है। इन जिलों के 31 प्रखंडों की 152 पंचायतें प्रभावित हुई है। करीब 4.10 लाख आबादी पानी से घिर गयी है। प्रभावित जिलों में पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, अररिया, किशनगंज, गोपालगंज , शिवहर, सीतामढ़ी, सीवान, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा, सारण और सहरसा शामिल हैं। आपदा प्रबंधन विभाग ने बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत-बचाव कार्य तेज कर दिया है। एनडीआरएफ की 12, एसडीआरएफ की 12 टीमों के अलावा वाराणसी से एनडीआरएफ की 3 टीम को बुलाया गया है।
आवागमन के लिए 630 नावों का परिचालन किया जा रहा है। इन नदियों के जलस्तर में वृद्धि जारी रहने की आशंका को देखते हुए संबंधित जिलाधिकारी को अलर्ट रहने को कहा है। रविवार को 43 राहत शिविरों में 11250 बाढ़ शरणार्थी शरण लिए हुए हैं। 18 सामुदायिक रसोई केंद्रों में 5700 लोगों को भोजन कराया गया। 9700 पैकेट सूखा राशन भी वितरित किया गया।
चंपारण तटबंध टूटने से बगहा की 12 पंचायतें डूबी उत्तर बिहार में बाढ़ का सर्वाधिक असर पश्चिम चंपारण में है। यह के 10 प्रखंडों में लोग त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। रविवार को बगहा में चखनी रजवटिया और अगस्तिया के बीच चंपारण तटबंध 40 फीट में टूट गया है। इससे बगहा-1 की दर्जनभर पंचायतों में तेजी से पानी फैल रहा है। योगापट्टी की चार पंचायतों में लोग दहशत के कारण घर खाली कर सुरक्षित जगहों पर जाने लगे हैं। बगहा-1 और योगापट्टी की पंचायतों में एसडीआरएफ की टीम भेजी गयी है। एसडीएम समेत तमाम आला अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य में जुट गए हैं। ओरिया नदी का पश्चिमी सुरक्षा बांध कई जगहों पर ध्वस्त हो गया है।
पानी के भारी दबाव से कोसी नदी का पश्चिमी तटबंध किरतपुर प्रखंड के भुवौल गांव के पास देर रात टूट गया। बिरौल एसडीओ उमेश कुमार भारती ने कहा कि लोगों को सतर्क कर दिया गया है। प्रभावित लोगों को ऊंचे स्थानों पर चले जाने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है। फिलहाल 15 फीट में तटबंध क्षतिग्रस्त हुआ है लेकिन सुबह तक इसमें और कटाव हो सकता है।
बाढ़ के पानी के जबरदस्त दबाव से शिवहर के तरियानी छपरा गांव के पास रविवार शाम सात बजे बागमती का पश्चिमी तटबंध टूट गया। इससे तरियानी छपरा सहित आसपास के दर्जन भर गांवों में पानी घुस गया है। शिवहर एसडीओ अविनाश कुणाल ने बताया कि 20 फीट में बागमती का तटबंध टूट गया है। ग्रामीण राकेश कुमार ने बताया कि अब तक दो दर्जन लोगों के घरों में पानी घुस चुका है। अधिकतर ग्रामीण अपने घर की छत पर शरण ले रहे हैं। पानी सीतामढ़ी जिले के डुमरा सरपट्टी हसर बलुआ होते हुए मुजफ्फरपुर जिले के तुर्की की ओर जा सकता है।
सीतामढ़ी के भिठ्ठामोड़ चौक और एनएच 227 पर बाढ़ का पानी फैल गया है। लौरिया-नरकटियागंज और लौरिया-रामनगर एसएच पर भी दो फीट तक पानी है। नरकटियागंज में खाहड़ नदी पुल पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप हो गया है। वाल्मीकिनगर में मरीन ड्राइव की तर्ज पर बना रीवर पाथवे पानी के दबाव से रविवार को धंस गया। सहरसा जिले के आलमनगर प्रखंड के कई गांवों में भी सड़क संपर्क भंग है। नेपाल के गौर शहर में सड़कों पर तीन से चार फीट पानी है।
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण उफनाई नदियों की बाढ़ का असर कोसी और सीमांचल के जिलों में दिखने लगा है। रविवार को सहरसा और सुपौल जिले में कोसी तटबंध के अंदर बसे गांवों में बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई। सुपौल में डेढ़ लाख तो सहरसा में साढ़े चार लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। सुपौल जिले के पूर्वी कोसी तटबंध के अंदर दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी तीन से चार फीट तक फैल गया है।
मधुबनी के झंझारपुर में कमला बलान नदी ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। यहां सड़क पुल का गार्डर पानी में डूब गया है। शाम में नदी खतरे के निशान से 2.25 मीटर ऊपर बह रही है। जिले में कोसी व कमला की बाढ़ में एक लाख आबादी पानी में घिर गई है। मधेपुर प्रखंड के कोसी तटबंध के अंदर गढ़गांव, बसीपट्टी, भरगामा, बकुआ सहित अन्य पंचायतों में लोग बेहाल हैं। झंझारपुर में कमला नदी की बाढ़ से तीन गांवों का सड़क सम्पर्क भंग हो गया है। मधेपुर में हजारों लोगों के घरों व आंगन में पानी घुस गया है। लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिए हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग नाव से आवागमन कर रहे हैं। कई स्कूलों में पानी घुस गया है। पशु चारे का संकट हो गया है।
गोपालगंज में 12 गांव की सड़कों पर बह रहा गंडक का पानी
सदर प्रखंड के 7 व मांझा के 5 सहित कुल 12 गांव गंडक की बाढ़ से घिर गए हैं। इन गांवों की सड़कों पर पानी बहने लगा है, जिससे प्रखंड व जिला मुख्यालय से इन गांवों का संपर्क टूट गया है। ग्रामीण पलायन कर रहे हैं। गोपालगंज के सदर प्रखंड के जागिरी टोला, रामनगर, खाप, मकसूदपुर, मेहंदिया, कटघरवा, जादोपुर दुखहरण, बरईपट्टी तथा मांझा के निमुइंया, दियारा गौसियां व बलुआ टोला सहित कई गांवों व वार्डों में गंडक का पानी प्रवेश कर रहा है।
उत्तर बिहार में छह तटबंध टूटने से सौ गांव जलमग्न
उत्तर बिहार में नदियां भारी तबाही मचा रही है। पानी के दबाव से सीतामढ़ी के बेलसंड व रुन्नीसैदपुर तथा शिवहर के तरियानी छपरा में बागमती का तटबंध चार जगहों पर टूट गया है। बेलसंड में 100 फीट, रुन्नीसैदपुर के तिलक ताजपुर व खरहुआ में 10 फीट में तटबंध टूटा है। पश्चिम चंपारण के बगहा में चखनी रजवटिया और अगस्तिया के बीच गंडक का चंपारण तटबंध 40 फीट में टूट गया है। दरभंगा में कोसी तटबंध टूट गया है।
सौ से अधिक गांवों में पानी फैल गया है। सीतामढ़ी के बेलसंड में अस्पताल, सरकारी कार्यालयों और सड़कों पर चार फीट पानी बह रहा है। उत्तर बिहार की 50 से अधिक सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। एनएच पर डेढ़ से दो फीट तक पानी बह रहा है। रविवार को सीतामढ़ी और शिवहर में चार जगहों पर तटबंध टूट गया। 50 से अधिक गांवों में पानी फैल गया है। सीतामढ़ी का बेलसंड प्रखंड जलमग्न है।