अनंत चतुदर्शी में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा का विधान
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता।की प्रतिमाएं भी बननी शुरू हो गई है। प्रखंड के चैनपुर मुबारकपुर में वीआईपी दुर्गा महावीरी पूजा समिति के तत्वावधान में पूजा अर्चना होगी। यहां पर अयोध्या के राम मंदिर की तर्ज...
सीवान, हिन्दुस्तान संवाददाता। शहर समेत पूरे जिले में विधि-विधान के साथ अनंत चुतुर्दशी का त्योहार मनाया गया। इस मौके पर लोगों ने पारंपरिक रूप से भगवान अनंत की पूजा-अर्चना कर चौदह गांठ वाली अनंत के धागे को अपने हाथ में बांध कर प्रसाद व पंचामृत ग्रहण किया। इसी क्रम में शहर के शुक्ल टोली हनुमान मंदिर में अनंत चुतुर्दशी के दिन मंगलवार को पूजन कार्य का आयोजन किया गया। मंदिर के प्रधान पुजारी आचार्य नीतीशु दुबे ने यजमान सत्येन्द्र कुमार मिश्रा से सत्यनारायण भगवान व अनंत भगवान की पूजा संपन्न कराई। इस दौरान खीरा में अनंत के धागे को बांधकर पहले जल से स्नान कराने के बाद रोरी-चंदन लगा फिर दूध से नहलाया गया। फिर महिला-पुरुष श्रद्धालु अपने-अपने अनंत को लेकर दूध में भिंगोते हुए क्या ढूंढ रहे हो, अनंत भगवान की जय-जयकार किए। पूजा के उपरांत पहले सत्यनारायण भगवान की कथा आचार्य ने श्रद्धालुओं को सुनाई। इसके बाद अनंत की कथा सुनाई। बताया कि अनंत चतुदर्शी व्रत में भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा करने का विधान है। भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुदर्शी तिथि को मनाया जाने वाला यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरुप की पूजा-अर्चना की जाती है। उन्होंने बताया कि रेशम व कच्चे सूत के 14 धागे को भगवान अनंत का प्रतीक माना गया है। पूजा व कथा सुनने के बाद महिलाओं को अपने बाएं हाथ में जबकि पुरुषों को अपनी दाहिनी बांह में अनंत का धागा श्रद्धापूर्वक बांधना चाहिए, साथ ही इसे 14 दिनों तक बांधे रखना चाहिए। आचार्य ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि अनंत व्रत करने से भगवान विष्णु अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। अनंत व्रत परिवार में शांति, खुशहाली व आर्थिक संपन्नता के साथ ही संतान की कामना के लिए की जाती है। कथा पूजन में जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष शंभु दत्त शुक्ल, मंदिर प्रबंधन के आनंद किशोर, व्यवसायी रंजीत किशोर, गौरी शंकर कुमार समेत महिला, पुरुष व बच्चे उपस्थित थे।
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