पानी के रास्ते बिहार में बालू ढुलाई का प्लान, पटना DM ने सरकार को भेजा प्रस्ताव
- यदि इसकी मंजूरी मिलती है तो गंगा, गंडक, सोन आदि नदियों के किनारे कई ऐसे जगह चिह्नित किए जाएंगे जहां बालू का स्टॉक रखा जाएगा। वहीं से बालू का परिवहन नाव के जरिए दूरे जिलों और राज्यों तक होगा। इससे जगह-जगह लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।

पटना, भोजपुर और अरवल की मुख्य सड़कों पर बालू लदे वाहनों से अक्सर होने वाली जाम की समस्या को दूर करने के लिए पटना जिला प्रशासन ने जलमार्ग से बालू की ढुलाई का प्रस्ताव खनन विभाग को भेजा है। जिला प्रशासन ने कहा है कि नदी मार्ग से यदि बालू की ढुलाई की व्यवस्था की जाए तो सड़कों पर भारी वाहनों के परिचालन को काफी हद तक कम किया जा सकता है। खनन विभाग ने जिला प्रशासन के प्रस्ताव को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग को भेज दिया है। यह मामला विभाग के पास विचाराधीन है।
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि बालू के परिवहन के लिए जलमार्ग का इस्तेमाल हो सकता है। बिहार और यूपी में कई सेंटर बनाए जा सकते हैं, जहां नदी मार्ग से बालू ढुलाई की जा सकती है। इसके दो फायदे होंगे। इससे सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव कम होगा व बालू की ढुलाई ट्रकों से अधिक नावों से होने पर समय की बचत भी होगी।
सहमति का है इंतजार
जिला प्रशासन को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की सहमति का इंतजार है। यदि इसकी मंजूरी मिलती है तो गंगा, गंडक, सोन आदि नदियों के किनारे कई ऐसे जगह चिह्नित किए जाएंगे जहां बालू का स्टॉक रखा जाएगा। वहीं से बालू का परिवहन नाव के जरिए दूरे जिलों और राज्यों तक होगा। इससे जगह-जगह लगने वाले जाम से भी छुटकारा मिलेगा।
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