सम्राट चौधरी ने फोन पर सुनी किसानों की परेशानी, डिप्टी CM ने तत्काल दो जिलों के DM से तलब की रिपोर्ट
खगड़िया और भागलपुर के केला किसानों की परेशानी फोन पर जानने के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तुरंत एक्शन लेते हुए दोनों जिलों के डीएम से रिपोर्ट तलब की है। और फसल क्षति का आंकलन करने का निर्देश दिया है। ताकि क्षति की भरपाई हो सके।

बिहार में बीते दिनों से हो रही भारी बारिश से किसानों की फसलों को भी काफी नुकसान हुआ है। और केले की पैदावार करने पर किसानों को ज्यादा क्षति हुई है। इस बीच उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को केला उत्पादक किसानों ने फोन पर सूचना दी थी। कि भागलपुर और नवगछिया अनुमंडल में हाल के दिनों में बारिश और तेज आंधी से केले की फसल की व्यापक क्षति हुई है। जिससे केला उपजाने वाले किसानों की आर्थिक स्थिति पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इस मामले पर संज्ञान लेते हुए डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने तत्काल खगड़िया और भागलपुर के डीएम से फसल क्षति नुकसान का ब्योरा मांगा है।
सम्राट चौधरी ने साथ ही निर्देश दिया है कि जिला पदाधिकारी, भागलपुर और खगड़िया दोनों जिलों में टीम गठित कर फसल क्षति का आकलन करें। साथ ही फसल क्षति का विस्तृत आकलन प्रतिवेदन सरकार को उपलब्ध कराएं ताकि पीड़ित किसानों को हुई क्षति की भरपाई की जा सके। किसानों की फसल क्षति पर उन्होने चिंता भी जताई है।
आपको बता दें चार दिन पहले तेज हवा व बारिश से हुई केला की फसलों का आकलन 7 अगस्त से शुरू होगा। खगड़िया जिले के खासकर परबत्ता और गोगरी प्रखंड के किसानों की मुख्य खेती केला है। यहां के किसान केला की फसल को नकदी फसल के रूप में मानते है। केले की खेती के लिए भूमिहीन किसान बड़े भूधरियो से एडवांस पैसा देकर और लीज पर जमीन लेकर खेती करते हैं।
राज्य में बीते दिनों तेज बारिश और आंधी से केला और मक्का के किसानों में हाहाकार मचा हुआ है। दरअसल केला भी अब लगभग कटने को तैयार है, तो वहीं मक्का भी पूरी तरह से फलन पर है। ऐसे में साइक्लोन की चपेट में तैयार फसल आने के बाद किसानों के अरमानों पर पानी फिर गया है। खरीफ फसलों में केला और मक्का ही अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार होता है, जो प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गया। इस बीच कृषि विभाग ने फसल क्षति का सर्वेक्षण शुरू किया है।