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हिन्दी के विकास में बाधा न पड़त बज्जिका के विकास से

बज्जिका के विकास से हिन्दी के विकास में कोनो बाधा नऽ पड़त, बल्कि ऊ आउर समृद्ध होएत। यह विचार हिन्दी और बज्जिका के ख्यात साहित्यकार डॉ. ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी ने प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हरिनारायण...

हिन्दुस्तान टीम समस्तीपुरTue, 23 July 2019 02:58 PM
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बज्जिका के विकास से हिन्दी के विकास में कोनो बाधा नऽ पड़त, बल्कि ऊ आउर समृद्ध होएत। यह विचार हिन्दी और बज्जिका के ख्यात साहित्यकार डॉ. ब्रह्मदेव प्रसाद कार्यी ने प्रकट किया। उन्होंने कहा कि हरिनारायण सिंह हरि, हिन्दी आ बज्जिका के समर्थ साहित्यकार हतन। ऊ अप्पन महाकाव्य कर्ण के माध्यम से समाज में फइलल विसंगति पर करारा चोट कयलन हन। कविता कोश के उपनिदेशक राहुल शिवाय ने कहा कि कर्ण के प्रकाशन से बज्जिका साहित्य समृद्ध होयल हन, तो मैथिली के प्रसिद्ध कथाकर डॉ. रवीन्द्र राकेश ने हिन्दी गीत संग्रह हुआ कठिन अब सच-सच लिखना की और बज्जिका के वरिष्ठ कवि और समीक्षक ज्वाला सांध्यपुष्प ने प्रबंध काव्य कर्ण की समीक्षा प्रस्तुत की। बेगूसराय के जनकवि दीनानाथ सुमित्र ने कहा हरि के गीतों का मैं फैन हो गया हूं।

ये सभी साहित्यकार सोमवार देर शाम बिहार राज्य बज्जिका विकास परिषद् के स्थापना दिवस पर संस्कारम एकेडमी बिनगामा व परिषद् के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। शिक्षाविद् जनक किशोर कापर की अध्यक्षता, साहित्यकार मृदुल के संचालन व पूर्व सैनिक नरेन्द्र कुमार राय के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम का आगाज नरेन्द्र कुमार राय लिखित स्वागत गीत को रूचि रानी, सुरुचि सुमन व खुशी प्रिया ने गाकर किया। बच्चियों ने हरि लिखित पटोरी गीत के ऑडियो पर भावनृत्य भी किया। दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन के बाद आकाशवाणी कलाकार रामसिंगार सिंह ने राग भोपाली में वर दे वीणा वादिनी वर दे गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। भाजपा नेता राजकपूर सिंह, जदयू नेता मनोज कुमार सिंह, प्राचार्य डॉ. घनश्याम राय, साहित्यकार अश्विनी कुमार आलोक, डॉ. रामागार प्रसाद, पर्यावरणसेवी सुजीत भगत, मुखिया डॉ. सुरेन्द्र कुमार राय, संतोष पोद्दार, विश्वनाथ राय, शरदेन्दु शरद, इंतखाब आलम, सकलदीप कुमार राय, अरविन्द सिंह, शैलेन्द्र सिंह आदि ने भी लोकार्पित पुस्तकों व बज्जिका भाषा के उत्थान पर चर्चा की।

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