Disaster Friends in Samastipur Demand Fair Compensation and Insurance संकट के समय डटने वाले आपदा मित्रों को चाहिए मानदेय व बीमा, Samastipur Hindi News - Hindustan
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संकट के समय डटने वाले आपदा मित्रों को चाहिए मानदेय व बीमा

समस्तीपुर में आपदा मित्रों की संख्या लगभग 500 है, जो संकट के समय में लोगों की मदद करते हैं। हालांकि, उन्हें समय पर मानदेय नहीं मिलता और सरकारी बीमा का लाभ भी नहीं मिलता। वे स्थायीकरण और सरकारी...

Newswrap हिन्दुस्तान, समस्तीपुरFri, 16 May 2025 06:28 PM
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संकट के समय डटने वाले आपदा मित्रों को चाहिए मानदेय व बीमा

समस्तीपुर। जिले में आपदा मित्रों की संख्या करीब 500 के आसपास है। ये लोग संकट के समय आपदा विभाग के साथ कदम से कदम मिलाकर खड़े रहते हैं। चाहे आग लगने की घटना हो या बाढ़, किसी भी प्राकृतिक आपदा में अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की मदद करते हैं। इनका दर्द है कि समय से उनका भुगतान नहीं होता है। दूसरी ओर, इन्हें किसी भी सरकारी बीमा का लाभ नहीं मिलता है। इनका काम भी अस्थाई है। ये लोग सरकार से अपने लिए स्थायीकरण और सरकारी सुविधाएं चाहते हैं, जिससे इनका जीवन बेहतर हो सके। आपदा की घड़ी में जब कोई साथ नहीं होता, तब आपदा मित्र अपनी जान जोखिम में डालकर दूसरों की जान बचाते हैं।

आपदा मित्रों ने बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के तहत प्रशिक्षण लेकर समस्तीपुर जिले में हर संकट में लोगों की मदद की। चाहे बाढ़ हो या तूफान, पर्व-त्योहार की भीड़ हो या कोई दुर्घटना, आपदा मित्र हमेशा तैयार रहते हैं। लेकिन अफसोस की बात है कि जो लोग दूसरों की जान बचाते हैं, आज वे खुद अपने हक और मानदेय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सरकार की अनदेखी ने उनकी पीड़ा और बढ़ा दी है। संवाद के दौरान आपदा मित्रों ने अपनी परेशानी बताई। बाढ़, तूफान, आंधी या पर्व-त्योहार, हर आपदा में सबसे आगे रहकर लोगों की जान बचाने वाले आपदा मित्र आज खुद ही उपेक्षा का शिकार हो रहे हैं। वर्ष 2023 में बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर इन वोलंटियरों ने 12 दिवसीय विशेष प्रशिक्षण लिया। जिलेभर से सैकड़ों आपदा मित्रों ने पटना जाकर यह प्रशिक्षण प्राप्त किया। उन्हें 400 रुपये प्रतिदिन मानदेय देने का वादा किया था, लेकिन आज तक केवल एक बैच को ही भुगतान दिया गया है। शेष मित्र आज भी भुगतान का इंतजार कर रहे हैं। इन स्वयंसेवकों ने केवल प्रशिक्षण ही नहीं लिया, बल्कि जमीनी स्तर पर हर संकट में प्रशासन का साथ भी दिया है। छठ पर्व में भीड़ नियंत्रण हो या आंधी-तूफान में राहत पहुंचाना, आपदा मित्र हर मौके पर सक्रिय रहते हैं। गांव-गांव जाकर लोगों को आपदा से बचाव की जानकारी देना, समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना और जोखिम लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन करना इनकी जिम्मेदारी रही है। लेकिन इतने समर्पण के बावजूद सरकार न तो समय पर मानदेय दे रही है और न ही किसी प्रकार की सुरक्षा की गारंटी। एक आपदा मित्र ने कहा कि हमने कर्ज लेकर पटना जाकर प्रशिक्षण लिया। सरकार के हर निर्देश का पालन किया। आज जब हमें मदद की जरूरत है तो कोई हमारी सुनने वाला नहीं है। बीमा भी एक साल के बाद समाप्त हो गया है। अब तो भविष्य भी अनिश्चित है। शीघ्र हो बकाया मानदेय का भुगतान : आपदा मित्रों की मांग है कि उन्हें जल्द से जल्द उनका बकाया मानदेय दिया जाए, सेवा को नियमित किया जाए और स्थायी बीमा तथा भत्ते की व्यवस्था की जाए। उनका कहना है कि जब देश और समाज को जरूरत होती है, तो सरकार हमें बुलाती है। ऐसे में हमारी मांगों को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए। समस्तीपुर के ये आपदा मित्र आज न्याय और सम्मान की उम्मीद लगाए बैठे हैं। सरकार यदि वाकई आपदा प्रबंधन को मजबूत बनाना चाहती है, तो सबसे पहले इन मूक योद्धाओं की आवाज़ सुनी जानी चाहिए। आपदा मित्रों की स्थिति पर सरकार दे ध्यान : आपदा मित्रों का कहना है कि हम लोग अभी नि:शुल्क कम कर रहे हैं। इस पर सरकार और विभाग को ध्यान देना चाहिए। हाल के समय में विभाग द्वारा एक पत्र जारी हुआ है, जहां हम सभी को प्रत्येक शनिवार सरकारी स्कूल पहुंचकर आपदा से बचने के लिए सभी बच्चों को जानकारी देनी होती है। उन्हें जागरूक किया जाता है। हमलोग जागरूक कर रहे हैं। जानकारी दे रहे हैं। आपदा से कैसे बचें इसका भी प्रशिक्षण दे रहे हैं, लेकिन विभाग ध्यान नहीं दे रहा। उन्होंने कहा कि सरकार हम लोगों से काम लेती है लेकिन मानदेय नहीं दिया जाता हैं। बोले-जिम्मेदार आपदा मित्रों की भूमिका सराहनीय है। संकट के समय उन्होंने बढ़-चढ़ कर काम किया है। उनका मानदेय संबंधित स्तर पर प्रक्रिया में है और जल्द ही बकाया भुगतान किया जाएगा। बीमा नवीनीकरण और अन्य मांगों पर भी विभागीय स्तर पर विचार चल रहा है। सभी समस्याएं प्राथमिकता से सुलझाई जाएंगी। सरकार को भी इनकी समस्या के विषय में लिखा गया है। - राजेश कुमार सिंह, एडीएम (आपदा), समस्तीपुर

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