बदमाशों ने दलसिंहसराय में जेवर लूटने की रची थी साजिश,धरे गए
समस्तीपुर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र की लूटकांड मामले में 2 लाख रुपये का इनाम पाने वाले करमवीर और रविश को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने घटनास्थल का रिक्रिएशन किया, जिससे वारदात की योजना को समझा जा सके। लूट...

समस्तीपुर हिटी। बैंक ऑफ महाराष्ट्र लूटकांड मामले में गिरफ्तार 2 लाख के इनामी करमवीर, रवीश व रणधीर को लेकर एसडीपीओ-1 संजय पांडेय समेत अन्य पुलिसकर्मी बैंक आफ महाराष्ट्र पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने पूरे घटनाक्रम का रिक्रिएशन किया, जिससे यह समझा जा सके कि वारदात किस तरह अंजाम दिया गया था। एसडीपीओ-1 ने बताया कि यह रिक्रिएशन जांच में अहम कड़ी साबित हो सकता है और अन्य फरार आरोपियों तक पहुंचने में मदद मिल सकती है। लूट के अन्य सामान व फरार बदमाशों की गिरफ्तारी के लिये छापेमारी जारी है। रिक्रिएशन के दौरान बैंक के स्टाफ से भी बातचीत की गई और बदमाशों की पहचान उनसे करवायी गयी।
पुलिस लुटेरों को उस रास्ते पर भी लेकर गई, जहां से वारदात को अंजाम देने के बाद वो फरार हुए थे। पिछले दो महीने से बैंक आफ महाराष्ट्र में डकैती की प्लानिंग कर रहे थे। इसके लिए बैंक और आसपास के इलाके की रेकी दीपक मुंशी कर रहा था। बैंक डकैती का खुलास करते हुए एसडीओपी ने बताया कि इस दौरान उसके अन्य साथी भागने में सफल रहे। गिरफ्तार दोनों कर्मवीर उर्फ धर्मवीर व रविश के द्वारा अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया गया वह सभी दीपक मुंशी के बताया कि दलसिंहसराय में स्वर्ण कारोबारी की दुकान में लूट की घटना के लिए एकत्रित हुए थे। दोनों ने यह भी बताया कि 7 मई को काशीपुर में बैंक ऑफ महाराष्ट्र से उन्होंने ही 9.75 किलो सोना व 15 लाख नगद लूट की घटना को अंजाम दिया था। दोनों ने बताया कि लूट के सोना को गलाने के लिये उन लोगों ने सभी सोना वैशाली के विदुपुर के रहने वाले सोनार बिट्टू को दिया है। एसटीएफ, एसआईटी व डीआईयू की टीम के द्वारा सोनार के पास से गला हुआ सोना समेत अन्य आभूषण बरामद कर लिया गया। करमवीर एवं रविश ने पुलिस को बताया कि बैंक लूट की साजिश दीपक मुंशी ने रची थी। पहले ये लोग 6 मई को ही लूट की घटना को अंजाम पहुंचे थे लेकिन घटना नहीं कर पाये। इसके बाद फिर से 7 मई को पहुंचे और बैंक लूट की घटना को अंजाम दिया। एसडीपीओ ने बताया कि दीपक मुंशी कोर्ट में पहले किसी वकील के यहां मुंशी का काम करता था और पूर्व में भी कई कांडो में समस्तीपुर एवं वैशाली जिला में आरोपित रहा है। यह गिरोह बिहार के विभिन्न जिलों के अलावे बिहार के बाहर राज्यों में भी घटना को अंजाम देता था। बाइक से हुई बदमाशों की पहचान एएसपी संजय पांडेय ने बताया कि बैंक डकैती के दौरान प्रयोग में लाये गये बाइक की पहचान की गई। सीसीटीवी फुटेज से पाया गया कि घटना के दिन इस गाड़ी का प्रयोग चकमेहसी के बेलसंडी का रणधीर कुमार उर्फ बबलु सिंह कर रहा था। वह पहले से कई अन्य लूटकांड मामले में फरार चल रहा था। उसे नगर पुलिस द्वारा एक पिस्तौल और उसमें लोड दो जिंदा गोली के साथ बाइक समेत गिरफ्तार किया गया। उसने बताया कि वह अपने गिरोह से मिलने के लिए रूपौली जयमंगला गेट के सामने बंसवारी में दीपक मुंशी के बताये अनुसार वहां जा रहा है, जहां से उसी शाम दलसिंहसराय में किसी ज्चेलर्स दुकान में लूट की घटना करने के लिए निकलना है। पुलिस डीआईयू की टीम द्वारा जयमंगला गेट के पास घेराबंदी की गई। जहां से दो लाख के इनामी सोना लूटेरा धर्मवीर उर्फ कर्मवीर को एक पिस्टल, उसमें लोड 3 जिंदा कारतूस व बैंक डकैती में प्रयुक्त नारंगी रंग की बरामद की गई। रविश कुमार को पिस्टल, उसमें लोड 3 कारतूस व कार के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। बिट्टू सोनार ने गलाया था बैंक से लूटा गया सोना बिट्टू सोनार है जो लूट के सोने को गलाने का काम करता था। गिरफ्तार बदमाशों के पास से 958.28 ग्राम सोना बरामद किया गया है जिसकी कीमत करीब एक करोड़ रुपये है। वहीं 19 हजार 200 रूपये, तीन पिस्तौल, 8 जिंदा कारतूस, लूट में प्रयुक्त दो पल्सर बाइक, एक हुंडई कार व चारों बदमाशों का मोबाइल फोन बरामद किया गया है। पटना के बेउर जेल में बंद सुबोध सिंह के गैंग के करमवीर की गिरफ्तारी के बाद आशंका जतायी जा रही है की इस लूटकांड को जेल से ही सुबोध सिंह के निर्देश पर अंजाम दिया गया है। पुलिस ने कुछ भी बताने से इंकार कर दिया। सुबोध सिंह जेल से ही देश के कई राज्यों में लूट की घटना को अंजाम दिलाता है।
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