उम्र और तबीयत पर नैरेटिव बदल रहे नीतीश; पटना, राजगीर, मुजफ्फरपुर में घूम-घूमकर कर रहे काम
उम्र एवं स्वास्थ्य को लेकर उठ रहे सवालों के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी पुरानी फॉर्म में लौट रहे हैं। बीते कुछ दिनों से वे घूम-घूमकर कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी उम्र और स्वास्थ्य को लेकर चल रही अटकलों को गलत साबित करने में लगे है। बीते एक सप्ताह से सीएम नीतीश पटना से राजगीर और मुजफ्फरपुर तक घूम-घूमकर विकास कार्यों की समीक्षा और विभिन्न प्रोजेक्ट के उद्घाटन एवं शिलान्यास कर रहे हैं। उन्होंने एक बार फिर अपने आलोचकों को हैरान कर दिया है। नीतीश अपनी पुरानी फॉर्म में लौट गए हैं। लगातार यात्रा करके विभिन्न कार्यक्रमों में शरीक हो रहे हैं और बैठकें करके विभागों के कार्यों की समीक्षा कर पदाधिकारियों को उचित निर्देश भी दे रहे हैं। बता दें कि बिहार के सियासी गलियारों में नीतीश की बढ़ती उम्र और स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं अक्सर होती रहती हैं। प्रमुख विपक्षी दल आरजेडी के नेता तेजस्वी यादव भी नीतीश को थका हुआ मुख्यमंत्री करार दे रहे हैं।
सीएम नीतीश गुरुवार को पटना से मुजफ्फरपुर पहुंचे और हाजीपुर-मुजफ्फरपुर फोरलेन हाइवे के लंबित निर्माण कार्य की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने पदाधिकारियों को यह काम जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश दिया। यह प्रोजेक्ट 2010 में मंजूर हुआ था। इसके पूरा होने से पटना से मुजफ्फरपुर में यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर से कनेक्टिविटी आसान ह जाएगी।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश बुधवार को राज्यसभा उपचुनाव के लिए एनडीए उम्मीदवार उपेंद्र कुशवाहा और मनन मिश्रा के नामांकन कार्यक्रम में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने वैशाली में गौतम बुद्ध से जुड़े विभिन्न पर्यटन परियोजनाओं के कार्यों की समीक्षा भी की।
बीते रविवार को सीएम नीतीश ने बिहटा में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की साइट का निरीक्षण किया था। बिहार सरकार ने बिहटा में एयरपोर्ट निर्माण के लिए 116 एकड़ की जमीन स्वीकृत की है। इससे एक दिन पहले शनिवार को उन्होंने राजगीर में निर्माणाधीन अंतरराष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम का निरीक्षण किया था। इसमें एक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम भी शामिल है। इसके शुरू होने के बाद बिहार में भी बड़े क्रिकेट मैच हो सकेंगे।
नीतीश के करीबी नेता और संसदीय कार्य मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा काम में व्यस्त रहते हैं। कुछ लोग उनके बारे में क्या बोलते हैं, उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वे कभी दूसरों के बारे में बात नहीं करते हैं। नीतीश सिर्फ बिहार के बारे में बात करते हैं। उनके सभी कदम और फैसले राज्य की प्रगति पर ही केंद्रित होते हैं। इसलिए लोग उन्हें दूसरे नेताओं के मुकाबले ज्यादा पसंद करते हैं।
इसी साल हुए लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद बिहार की राजनीति में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अहमियत और बढ़ गई। चुनाव से ठीक पहले उनके बारे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही थीं। मगर रिजल्ट के बाद जेडीयू की सहयोगी पार्टियों ने भी साफ कर दिया कि एनडीए 2025 का बिहार विधानसभा चुनाव नीतीश के नेतृत्व में ही लड़ेगा। बीते पांच सालों में बिहार की राजनीति में कई तरह के उतार-चढ़ाव आए, मगर नीतीश अहम भूमिका में बने रहे। राज्य में दो बार सत्ता परिवर्तन हुआ लेकिन हर बार मुख्यमंत्री नीतीश ही बने। जेडीयू के नेताओं का कहना है कि नीतीश कुमार में अभी बहुत कुछ बाकी है।
जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद संजय झा ने कहा कि नीतीश कुमार 2025 के विधानसभा चुनाव में भी एनडीए का नेतृत्व करेंगे और इसका मतलब है कि विपक्ष के पास कोई मौका नहीं होगा। नीतीश पूरी तरह फिट हैं और बिहार को उनकी जरूरत है। उन्होंने सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम के तहत 10 लाख नौकरियों का वादा किया था और उन्होंने घोषणा कर दी है कि इस लक्ष्य को 12 लाख तक लेकर जाएंगे।
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