भदौनी में नाले का निर्माण तक नहीं, पानी का नहीं होता निकास
नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा जिला मुख्यालय से एकदम समीप स्थित वार्ड नंबर 33 का एक महत्वपूर्ण मोहल्ला भदौनी हालिया दिनों में हुई बारिश के बाद से भारी संकट में है।

नवादा, हिन्दुस्तान संवाददाता। नवादा जिला मुख्यालय से एकदम समीप स्थित वार्ड नंबर 33 का एक महत्वपूर्ण मोहल्ला भदौनी हालिया दिनों में हुई बारिश के बाद से भारी संकट में है। मोहल्ले के लोग सामान्य बारिश के बाद से ही जलजमाव झेलने को बाध्य हैं। यूं तो नाले के निर्माण की बाधा और जल निकास की कारगर व्यवस्था नहीं रहने से सालों भर जलजमाव की समस्या बनी रहती है लेकिन साधारण सी बारिश के बाद तो जैसे इस वार्ड के कई मोहल्ले बुरी तरह से जलजमाव में घिरे दिख रहे हैं। परेशानी का आलम यह है कि कई मोहल्लों के लोग घरों से निकल पाने में भी मशक्कत कर रहे हैं।
इस वार्ड का सबसे प्रमुख इलाका भदौनी जिले का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्र है। इस इलाके में शाह टोली, न्यू आजाद, रजा नगर, अली नगर, ईदगाह प्रक्षेत्र समेत भदौनी पशुहाट, सुलतान पीर, कामाचक बेलदारी, लक्ष्मीपुर, न्यू मिल्लत कॉलोनी, सुलेमान नगर आदि मोहल्ले हैं। पिछले दो-तीन दिनों से छिटपुट और शुक्रवार को तेज-तर्रार बारिश के कारण इन सारे मोहल्लों की स्थिति बदतर हो कर रह गयी है। बारिश के तुरंत बाद हाल यह था कि कहीं एड़ी तक गंदा पानी जमा हो गया था तो कहीं घुटनों तक जलजमाव परेशान कर रहा था। शुक्रवार की बारिश के रूके लगभग 24 घंटे बीत जाने पर भी सभी जगहों से पानी नीचे नहीं उतर सका है। स्थिति यह है कि अब भी कई जगहों पर बारिश का पानी जमा हुआ है जबकि पूर्व से जलजमाव वाले जगहों पर पानी उतरने की संभावना अभी बन भी नहीं रही है। वार्ड के इन मोहल्लों के वाशिन्दों में इस बात की चिंता है कि अभी तो बारिश का पूरा सीजन बाकी है, जब अभी ही यह हाल है तो न जाने का शेष दिनों में कितनी बुरी परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। शहरी क्षेत्र में हुआ शामिल पर लाभ कुछ भी नहीं नवादा नगर परिषद के नए परिसीमन के तहत साल 2022 में इस क्षेत्र को नगर परिषद में शामिल कर लिया गया था। भदौनी इससे पूर्व ग्राम पंचायत क्षेत्र था। पूर्व में पंचायती स्तर पर इसका जो भी भला हो सका था, उस हाल में बहुत कुछ बदलाव अब भी परिलक्षित नहीं होता दिख रहा है। जल निकासी में बाधा और जलजमाव के बुरे हाल का संकट झेलने के अलावा भी कई ऐसी समस्याएं इस क्षेत्र के लोगों को झेलने की नौबत है, जिसका समाधान फिलहाल निकलता नहीं दिख रहा है। शहरी क्षेत्र में शामिल नए वार्ड 33 में न्यू आजाद नगर व रजा नगर मोहल्ला दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी विकास की रोशनी से दूर है। करीब पांच हजार की आबादी वाले इस मोहल्ले में लोगों को पेयजल, सड़क, स्वास्थ्य, बिजली आदि की समस्या से जूझना पड़ रहा है। नाली-गली का लाभ भी इस मोहल्ले के लोगों को नहीं मिल सका है। वार्ड 33 के वार्ड पार्षद की तत्परता से रजा नगर मोहल्ला जाने वाली सड़क में मिट्टी भराई का काम किया गया है लेकिन पूरा लाभ अब भी प्रतीक्षित है। बल्कि मिट्टी भराई का खामियाजा इन बरसातों में झेलने की नौबत आ गयी है। तमाम मूलभूत जरूरतों की कमी के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मोहल्ले में नाली नहीं रहने से नाली का पानी सड़क पर बहता रहता है, जिससे कई मोहल्लों में जलजमाव स्थायी समस्या बन कर रह गयी है। नाली नहीं रहने से अनेक जगहों पर जलजमाव की स्थिति बन गई है। गंदा पानी जहा-तहां जमा होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वार्ड में बेहतर सफाई की व्यवस्था नहीं रहने से जहां-तहां कूड़े-कचरा का अम्बार लगा दिख जाता है, जो अलग ही परेशानी का सबब बना पड़ा है। ऐसे में लोगों के सामने ऐसी कई मूलभूत जरूरतों की कमी के बीच जीवन यापन करने की बाध्यता है। नए परिसीमन के बाद से इसकी सूरत बदलने की जगी है आस वर्ष 2022 में जब नवादा नगर परिषद का नया परिसीमन हुआ तो कई ऐसे मोहल्ले इसमें शामिल हुए, जहां विकास न के बराबर था। चूंकि यह पंचायती राज व्यवस्था का अंग था और इसका खामियाजा यह था कि मूलभूत सुविधाएं तक थी ही नहीं। नए परिसीमन में शहरी क्षेत्र में शामिल हो जाने पर यहां के रहने वाले लोगों को एक उम्मीद जगी कि अब शायद उनके दिन बहुरेंगे। उनके मोहल्ले, उनकी बस्ती, उनके आसपास की सड़कों का कायाकल्प होगा। लेकिन अब तक साल पर साल बीतते चले जा रहे हैं पर विकास के नाम पर यहां के नागरिकों को सिर्फ आश्वासन और दिलासा ही दिया जा रहा है। वार्ड नंबर 33 के वंचित मोहल्ले के नागिरकों ने कई बार नगर परिषद से गुहार लगाई, लेकिन स्थिति वही ढाक के तीन पात वाली बनी हुई है। पेयजल की समस्या से लोग होते हैं दो-चार वार्ड के कुछ मोहल्लों में पेयजल का संकट भी बना हुआ है। रजानगर व अजाद नगर मोहल्ले में जलापूर्ति का पानी का लाभ नगण्य है। यह लाभ बस गिने-चुने लोगों को ही मिल पा रहा है। मोहल्ले में कई चापाकल हैं पर इनमें कई खराब पड़े हैं। जलापूर्ति का पानी नहीं मिलने के कारण लोगों को गर्मी के दिनों में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। गर्मी के दिनों में पेयजल की किल्लत होने पर लोग परेशान रहते हैं। लोगों को दूर के वार्ड से पानी लाकर पीने की विवशता बनी हुई रहती है। लोगों का कहना है कि सभी घरों में जलापूर्ति का पानी पहुंचना चाहिए। इससे लोगों को गर्मी के दिनों में पानी के लिए तरसना नहीं पड़ेगा। विकसित वार्ड बनने का इंतजार नहीं हो रहा है खत्म नगर परिषद का वार्ड 33 कई मोहल्ले को मिलाकर नए स्वरूप को प्राप्त कर सका है। दुर्भाग्य से इस वार्ड के कई मोहल्ले अब भी पूर्व की भांति विकास कार्यों से कोसों दूर हैं। देखने से लगता ही नहीं है कि यह मोहल्ला शहरी क्षेत्र का हिस्सा बन गया है। ग्रामीण अथवा कस्बाई अहसास के बीच आज भी 5000 से अधिक की आबादी वाला यह मोहल्ला तमाम मूलभूत सुविधाओं को झेलने को बाध्य है। भदौनी वार्ड 33 के रजा नगर और आजाद नगर जैसे अन्य मोहल्लों में बरसात के दिनों में स्थिति नारकीय हो जाती है और इस हालात में मोहल्ले में नाली-गली के बुरे हालात एक साथ परेशानीदायक हो जाते हैं। छोटी-मोटी समस्याएं भी साबित हो रहीं भारी वार्ड में अन्य छोटी-मोटी समस्याएं भी बनी हुई हैं। बिजली की समस्या से मुहल्लेवासी काफी परेशान हैं। इस वार्ड में अभी तक पोस्ट ऑफिस की भी सुविधा नहीं है। जिसके कारण लोगों को दूर के पोस्ट ऑफिस में जाकर अपना काम करना पड़ता है। इसके अलावा वार्ड 33 में एटीएम की सुविधा भी नहीं है। इस वार्ड से बैंक भी दूर है। लिहाजा लोगों को बैंक संबंधी काम के लिए अधिक समय खर्च करना पड़ता है। लोगों का कहना है कि इस वार्ड में लोगों को बैंक नहीं तो कम सेकम एटीएम की सुविधा मिलनी ही चाहिए। ------------------- आमजनों की व्यथा : वार्ड में जलजमाव की समस्या सिरदर्दी साबित हो रही है। आम दिनों में भी बनी रहने वाली यह समस्या बारिश के दिनों में तो और भी बड़ी हो कर रह जाती है। इस समस्या का स्थायी समाधान बेहद जरूरी है। अन्यथा नारकीय स्थिति भारी पड़ती रहेगी। -अफजल खान, वार्डवासी। वार्ड के कई वंचित मोहल्ले की तरह ही आजाद नगर और रजा नगर मोहल्ले में अभी तक पूरी तरह से विकास नहीं हो सका है। इस मोहल्ले में लोगों के सामने कई समस्याएं मुंह बाए खड़ी हैं। मुख्यत: जल निकासी की सुविधा नहीं रहने से जलजमाव का संकट है। -लक्की खान, वार्डवासी। वार्ड का दुर्भाग्य है कि कुछ मोहल्लों में ही विकास कार्य हुआ है। वार्ड के रजा नगर मोहल्ले में नाली का निर्माण शुरू भी नहीं हो सका है। इस कारण घरों का पानी इधर-उधर बहता है। जबकि अनेक स्थानों पर जल जमाव की स्थिति बनी रहती है, जो बीमारी का कारण बनती है। -इबरार सिद्दीकी, वार्डवासी पांच हजार से अधिक की आबादी वाले वार्ड 33 की सबसे बड़ी समस्या इन दिनों जलजमाव बनी हुई है। पहली बारिश में ही हालात इतने बुरे हो कर रह गए हैं कि लोगों के सामने कोई रास्ता बचा नहीं दिख रहा। गंदे पानी से हो कर ही आने-जाने की मजबूरी बन गयी है। कुछ अच्छे प्रयास हों। -जावेद इकबाल, वार्डवासी। ------------------------ वर्जन : वार्ड 33 में जल निकासी की व्यवस्था पर जोर है। जलजमाव का निदान भी निकाला जा रहा है। रजा नगर और आजाद नगर मोहल्ले में सड़क पर मिट्टी भराई का काम कराया जा चुका है। शीघ्र ही इसे पक्का किया जाएगा। वार्ड पार्षद मद से लगातार विकास कार्य कराए जा रहे हैं। आने वाले दिनों में वार्ड के जो मोहल्ले विकास से दूर हैं, उनका समग्र विकास किया जाएगा। राज्य मद की राशि की उपलब्धता में परेशानी से कई बड़े स्तर के विकास कार्य जरूर रूके पड़े हैं लेकिन यह चिह्नित हैं इसलिए उम्मीद है कि यह सारे कार्य भी जल्द ही जमीन पर उतर सकेंगे। जलजमाव का निदान राज्य मद की योजना से ही संभव है। -आबदा आजमी, वार्ड पार्षद, वार्ड-33, नवादा नगर परिषद।
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