आश्रय स्थल में नहीं मिला जगह, त्राहिमाम में दलित परिवार
आश्रय स्थल में नहीं मिला जगह, त्राहिमाम में दलित परिवार
लखीसराय, एक प्रतिनिधि। नया बाजार केआरके उच्च विद्यालय के पीछे आश्रय स्थल के पास बसे महादलित परिवारों ने स्थायी रूप से बसाने की मांग को लेकर गुरुवार को नप कार्यालय पहुंचकर हंगामा किया। पीड़ित परिवार नप कार्यालय मुख्य द्वार के पास विरोध जताते हुए राहत की मांग कर रहे थे। नप में सफाई कार्य करने वाले दलित परिवार किऊल नदी के किनारे आशियाना बनाकर रहते है। बुधवार की रात किऊल नदी में उफान आने से वहां रह रहे लोग अपना घर बार छोड़ कर भाग खड़ा हुए। किसी तरह से पास रहे मंदिर पर रात गुजारी। सुबह में आश्रय स्थल पहुंच कर महिलाओं को जगह देने की मांग किया। जिस पर आश्रय स्थल में कार्यरत कर्मी ने मना कर दिया। जिसके बाद सभी लोग नप कार्यालय पहुंच कर राहत दिलाने की मांग कर रहे थे। महादलित परिवार के सैकड़ों की संख्या में लोग परेशान हो गए है। लोगों ने कहा कि पिछले साल जब पानी आया था तब सड़क जाम किया गया था। उस समय सभी परिवार को जमीन देकर बसाने पर चर्चा हुई लेकिन अभी तक कुछ नही हुआ। परिवार के लोग पानी में रहकर किसी तरह खानाबदोश की जिंदगी जीने को मजबूर हो गए है। खाना बनाने में भी परेशानी हो रही है। परिवार इसके पहले लखीसराय स्टेशन के दक्षिणी रेलवे परिसर में रहते थे। दो वर्ष पहले रेलवे ने अतिक्रमित भूमि को खाली कराया। इसके बाद इन महालितों ने किऊल नदी के किनारे डेरा डाला, आशियाना बनाया। नप ने वहां पानी की व्यवस्था की। बुधवार की देर रात किऊल नदी में तेजी से जल स्तर बढ़ गया जिससे घरों में पानी घुस गया और लोग बेघर हो गए। घर में रखा अनाज और खाने पीने का सामग्री पानी की भेंट चढ़ गया। फिलहाल ये परिवार किऊल नदी के किनारे एक मंदिर प्रांगण में आश्रय लिए हुए हैं। भूखे प्यासे लोग आशियाना उजड़ जाने की चिंता कर रहे हैं। सबसे अधिक बच्चे को परेशानी हो रही है। गंगा तुरी, भोलू मलिक, कार्यनाद तुरी, अरुण मालिक, राजकुमार मालिक सहित लोगों ने अपनी आपबीती नप उपाध्यक्ष को सुनाई। गुरूवार की रात अगर सतर्क नहीं होते तो परिवार का परिवार नदी में समा जाते। सरकार एवं जिला प्रशासन उन परिवारों को बसाने की व्यवस्था करें। पानी में से सामान निकालने के दौरान भी आटा चावल भी भीग गया है। गरीब तबके के लोग किसी तरह बच्चों को बिस्किट और चाय मांग कर खिला रहे थे। उन्होंने मांग किया कि बगल के आश्रय स्थल में ठहरने की व्यवस्था किया जाऐ। इसके साथ पिछले आश्वासन में मिले जमीन देने की बात को लेकर अंचल कार्यालय के द्वारा आश्वासन दिया गया था। इस संबंध में नप पदाधिकारी अमित कुमार ने कहा कि दलित लोगों के आने की सूचना नही हैं कुछ सरकारी कार्य के कारण बाहर है।
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