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रात में दवा खिला देते हैं, सुबह शरीर में दर्द होता है; बाल सुधार गृह से भागी लड़कियों का खुलासा

  • बाल सुधार गृह की अधिवक्ता, प्रियंका कुमारी ने कहा, ‘जब मैं वहां गई तो वो दोनों लड़किया 16-17 साल की थीं। वो बोलीं कि हम लोगों को यहां रखा गया था लेकिन हम लोग वहां से भाग गए। हमें वहां कोई दवा खिला दिया जाता था और सुबह पेट में दर्द और पूरा बॉ़डी पेन होने लगता था।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान टीम, कटिहारSun, 9 March 2025 11:36 AM
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रात में दवा खिला देते हैं, सुबह शरीर में दर्द होता है; बाल सुधार गृह से भागी लड़कियों का खुलासा

बिहार के एक बाल सुधार गृह में नाबालिग लड़कियों को यातनाएं देने का आरोप लगा है। इस मामले के खुलासे से हड़कंप मच गया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एक महीने के अंदर इस बाल सुधार गृह से लड़कियों के भागने की दो घटनाएं हो चुकी हैं। 17 फरवरी को पुलिस ने फरार दो लड़कियों को पटना से बरामद किया है। अब यह कहा जा रहा है कि इन लड़कियों ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

लड़कियों का आरोप है कि बाल सुधार गृह में उनके साथ बदसलूकी की जाती है। रात को उन्हें किसी तरह की दवा दी जाती है, जिसके बाद उन्हें कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। उनसे कई तरह के गलत काम भी कराए जाते हैं। लड़कियों का कहना है कि वो किसी अन्य बाल सुधार गृह में रहने के लिए तैयार हैं लेकिन वहां नहीं रहेंगी।

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मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि 8 मार्च को भी इस बाल सुधार गृह से एक लड़की फरार हो गई थी लेकिन उसका अब तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। महिला विकास मंच की अध्यक्ष रश्मि कुणाल ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘लड़कियां बिलख-बिलख कर कह रही हैं कि कहीं और भेज दीजिए लेकिन हम वहां नहीं जाएंगे। लड़कियां बहुत डरी और सहमी हुई हैं। उनका (लड़कियों) कहना है कि उनके साथ बहुत बदसलूकी होता है। बहुत गलत काम करवाया जाता है। बोला जाता है कि उनको रात में दवा दे दिया जाता है और सुबह दर्द होता है। अब अंदर क्या बात है, क्या नहीं है इसकी आप लोग जांच करवाएं। हम यहीं चाहते हैं कि पूरी गहराई से जांच होनी चाहिए।’

इधर बाल सुधार गृह की अधिवक्ता, प्रियंका कुमारी ने कहा, ‘जब मैं वहां गई तो वो दोनों लड़किया 16-17 साल की थीं। वो बोलीं कि हम लोगों को यहां रखा गया था लेकिन हम लोग वहां से भाग गए। हमें वहां कोई दवा खिला दिया जाता था और सुबह पेट में दर्द और पूरा बॉ़डी पेन होने लगता था। खाना भी ठीक से नहीं दिया जाता था। इसलिए हम लोग यहां से भाग कर पटना चले गए।’

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