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दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे BPSC छात्रों पर लाठीचार्ज, प्रशांत किशोर समेत 21 पर FIR

70वीं बीपीएससी परीक्षाा दोबारा कराने की मांग को लेकर पटना के गांधी मैदान में छात्र संसद हुई। जिसमें प्रशांत किशोर भी शामिल हुए। जिसके बाद गांधी मैदान से सीएम आवास तक छात्रों ने मार्च निकाला। जिसे पुलिस ने जेपी गोलंबर के पास रोक दिया। इस दौरान लाठीचार्ज और वॉटर केनन का इस्तेमाल किया।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, पटनाSun, 29 Dec 2024 11:18 PM
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BPSC 70वीं पीटी को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने रविवार को मार्च निकाला। इसका नेतृत्व जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर कर रहे थे। जेपी गोलंबर के पास पुलिस ने मार्च को रोक दिया। शाम 7 बजे के करीब प्रशांत किशोर के वहां से जाने के बाद पुलिस ने हल्का बल प्रयोग शुरू किया। पहले पानी की बौछार की गई फिर लाठीचार्ज कर छात्रों को तितर-बितर किया गया। इस दौरान जेपी गोलंबर के आसपास का इलाके में पुलिस और छात्रों के बीच झड़प होती रही। झड़प में महिला अभ्यर्थी समेत छह घायल हो गए। मोहम्मद गुलजार नाम के एक छात्र को पीएमसीएच ले जाया गया। वहीं एक दर्जन छात्रों को हिरासत में लिया गया है।

वहीं इस मामले में जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर समेत 21 लोगों पर पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज है। प्रशासन का आरोप है कि गांधी मैदान में छात्र संसद की इजाजत नहीं मिलने के बावजूद छात्रों को बड़ी संख्या में जमा किया गया। इसके अलावा छात्र मार्च के दौरान लाउडस्पीकर और बैरिकेडिंग तोड़ने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। इसके अलावा 600 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। एफआईआर में प्रशांत किशोर के अलावा जन सुराज के प्रदेश अध्यक्ष मनोज भारती, पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा समेत कई पूर्व आईएएस और आईपीएस अधिकारियों का नाम शामिल हैं।

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इससे पहले गांधी मैदान में हजारों की तादाद में छात्र जमा हुए और एक स्वर में पीटी को रद्द करने की मांग करते हुए नारेबाजी की। गांधी मैदान में छात्र संसद का आयोजन किया गया। इसमें पांच हजार के करीब अभ्यर्थी पहुंचे थे। प्रशांत किशोर भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि छात्र जो निर्णय लेंगे जनसुराज साथ रहेगा। मार्च रविवार को ही निकाला जाएगा तो हम इसमें जाएंगे। यदि आप चाहते हैं कि हम धरने पर बैठे तो उसके लिए भी तैयार हैं। आपका नेतृत्व निर्णय ले और तुरंत बताए कि क्या करना है। शाम पौने पांच बजे छात्रों ने मुख्यमंत्री आवास के लिए मार्च करने का निर्णय लिया और गांधी मैदान से निकले लगे। गांधी मैदान के गेट को बंद रखा गया था, लेकिन छात्रों की तादाद को देखते हुए 5 नंबर गेट खोल दिया गया।

पुलिस ने पहले बिस्कोमान के सामने उन्हें रोकने को प्रयास किया पर धक्का-मुक्की के बाद छात्र आगे बढ़ गए। वहीं जेपी गोलंबर के पास बैरिकेडिंग कर मार्च को आगे बढ़ने से रोका गया। करीब चार घंटे छात्र यहीं डटे रहे। प्रशांत किशोर भी उनके साथ मौजूद थे। शाम सात बजे के आसपास मुख्य सचिव की तरफ से छात्रों को वार्ता के लिए बुलावा भेजा गया।

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प्रशांत किशोर ने छात्रों से कहा कि मुख्य सचिव वार्ता के लिए तैयार हैं, पांच अभ्यर्थियों का प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव से मुलाकात करेगा। यदि वार्ता से बीपीएससी अभ्यर्थी संतुष्ट नहीं हुए तो सोमवार को छात्रों से बात कर आंदोलन को आगे बढ़ाया जाएगा। प्रशांत किशोर से मीडिया ने पूछा कि मुख्यमंत्री से वार्ता क्यों नहीं, तो उन्होंने कहा कि हम यहां रास्ता निकालने के लिए आएं हैं न कि आंदोलन करके छात्रों का भविष्य खराब करने। मुख्य सचिव के स्तर से सरकार यदि रास्ता निकालती है तो बेहतर। हालांकि छात्र मुख्यमंत्री को छोड़ किसी से बात करने को राजी नहीं थे। इसके बाद प्रशासन ने भी सख्त रूख अपनना शुरू कर दिया। इसी बीच प्रशांत किशोर भी वहां से चले गए।

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शाम साढ़े सात बजे के बाद प्रशासन ने मार्च को अवैध घोषित करते हुए छात्रों से लौटने की अपील की। कई बार माइकिंग की गई। छात्र इसके बाद भी वहां से नहीं हटे। पुलिस ने उन्हें हटाने को काफी प्रयास किया। लेकिन बात नहीं बनी। इसके बाद बल प्रयोग किया। पहले वाटर कैनन से पानी की बौछार की गई। फिर छात्रों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज किया गया। पुलिस का एक्शन शुरू होने के बाद अफरा-तफरी मच गई। फ्रेजर रोड, एसपी वर्मा रोड से लेकर रामगुलाम चौक से अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। प्रर्दशनकारी छात्रों को तितर-बितर करने के बाद रात 8.00 बजे के बाद इलाके में यातायात व्यवस्था शुरू की गई।

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