20 साल से मुख्यमंत्री हैं, हमेशा दौरे पर रहते हैं, आपको क्या जरूरत? नीतीश की संवाद यात्रा पर RCP सिंह का तंज
सीएम नीतीश कुमार की 15 दिसंबर से शुरू हो रही संवाद यात्रा पर आसा के अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने तंज कसा है। उन्होने कहा कि नीतीश कुमार से सालों से बिहार के सीएम है। राज्य की समस्या से परिचित हैं। सीएम तो हमेशा दौरे पर रहते हैं। ऐसे में उनको यात्रा की क्या जरूरत पड़ गई।
15 दिसंबर से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला संवाद यात्रा शुरू हो रही है। जिसको लेकर पहले विपक्ष ने सवाल उठाए, अब आप सबकी आवाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने तंज कसा है। नालंदा में प्रेस वार्ता के दौरान उन्होने कहा कि मुख्यमंत्री को यात्रा करने क्या जरूरत है? यात्रा तो लोग कभी-कभी करते हैं। नीतीश कुमार तो सालों से बिहार के सीएम है। राज्य की समस्या से परिचित हैं। सीएम तो हमेशा दौरे पर रहते हैं। ऐसे में उनको यात्रा की क्या जरूरत पड़ गई।
आरसीपी सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार बीसों साल से बिहार के मुख्यमंत्री हैं। सीएम का काम तो निर्णय लेना है। यात्रा पर तो वो लोग जाते हैं, जिन्हें कुछ पता नहीं हो। राज्य में महिलाओं के लिए उन्होने काफी काम किया है। लेकिन आगे भी काफी कुछ करने की गुंजाइश है। कैसे बिहार में प्रति व्यक्ति आय बढ़े, कैसे महिलाओं को ज्यादा रोजगार मिले। ऐसे में यात्रा से क्या लाभ होगा। ऐसी कौन सी समस्या है, जिसे मुख्यमंत्री नहीं जानते हैं।
वहीं आगामी चुनाव को लेकर आसा के संस्थापक आरसीपी सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी आगामी 2025 के बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। अपने पैतृक आवास नालंदा के मालती में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि उनकी पार्टी पहले संगठन को मजबूत करने में जुटी है, उनकी पार्टी का दरवाज़ा सभी के लिए खुला है। विधानसभा चुनाव के लिए जो भी पार्टी उनसे हाथ मिलाना चाहेगी, वो तैयार है। वहीं आरजेडी और प्रशांत किशोर के साथ जाने के सवाल पर उन्होने कहा कि जो भी हाथ मिलाना चाहेंगे उनसे साथ चुनाव लड़ेंगे। मेरी पार्टी के लिए सभी का दरवाजा खुला हुआ है।
आरसीपी सिंह ने कहा कि फिलहाल बिहार की 162 विधानसभा में हमने विधानसभा प्रभारी बनाए हैं। हम लोग उस पर काम कर रहे हैं। आने वाले समय में कितने सीटों पर और किस पार्टी या अकेले चुनाव लड़ना है इस पर निर्णय लिया जाएगा। हम लोगों ने देश के चार प्रदेशों में प्रदेश अध्यक्ष बना दिए गए है। इसमें बिहार, दिल्ली, राजस्थान और महाराष्ट्र है। बिहार में जितने भी हमारे साथी सक्रिय रहे हैं। उन सबको प्रदेश में पदाधिकारी बनाया गया है जिनकी संख्या 200 से ज्यादा है। 26 प्रकोष्ठ का गठन किया गया है। आगे और कई प्रकोष्ठ का गठन होना बाकी है।