प्रशांत किशोर की राह पर आरसीपी सिंह! पार्टी बनाते ही शराबबंदी पर कह दी बड़ी बात
बिहार चुनाव से पहले ही शराबबंदी बड़ा मुद्दा बन गया है। प्रशांत किशोर के बाद नई नवेली पार्टी बनाने वाले आरसीपी सिंह भी उनकी राह पर निकल पड़े हैं। और कहा किसी के खान-पान पर रोक नहीं लगा सकते हैं। जिस उद्देश्य से शराबंदी की गई थी। वो सफल नहीं हो पाई है।
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले नए-नए दलों का गठन हो रहा है। बीते 2 अक्टूबर को प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी लॉन्च हुई, दिवाली के दिन (31 अक्टूबर) को पूर्व केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह ने नई राजनीतिक पार्टी का ऐलान किया है। जिसका नाम आप सब की आवाज (आसा) है। पार्टी गठन के बाद ही आरसीपी सिंह ने शराबबंदी पर बड़ी बात कह दी। जो प्रशांत किशोर की जेएसपी से मेल खाती है। जिस तरह पीके ऐलान कर चुके हैं कि अगर बिहार में उनकी पार्टी की सरकार बनी तो वो शराबंदी को खत्म कर देंगे। और शराब से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल शिक्षा के क्षेत्र में किया जाएगा। वहीं शराबबंदी पर आरसीपी सिंह ने भी अपनी पार्टी का रुख साफ कर दिया है।
उन्होने कहा कि किसी के खान-पान पर आप रोक नहीं लगा सकते हैं। शराबबंदी से सरकार को कई हजार करोड़ का नुकसान है। शराबबंदी कानून में सुधार की जरूरत है। हमने पहले भी कहा है और आज भी कह रहे हैं।आरसीपी सिंह ने कहा कि हम लोग शराब रोकने के लिए जन-जागरण का कार्यक्रम करेंगे। लेकिन किसी के खान-पान पर रोक नहीं लगा सकते हैं। जिस उद्देश्य से शराबबंदी लागू की गई थी, वो सफल नहीं हो पाई है।
आपको बता दें जब बिहार में नीतीश सरकार में शराबबंदी लागू की थी। तब आरसीपी सिंह नीतीश के सबसे करीबियों में एक थे। और जेडीयू के ताकतवर नेताओं में उनकी गिनती होती थी। इस फैसले पर उन्होने भी पूरी सहमति जताई थी। इन दिनों शराबबंदी पर सियासत जोरों पर है। जहरीली शराबकांड के बाद से विपक्ष नीतीश सरकार पर हमलावर है। तेजस्वी ने आरोप लगाया कि राज्य में सरकार ही शराब बिकवा रही है। शराबबंदी को लागू करने में सरकार फेल साबित हुई है। शराबबंदी से पहले नीतीश सरकार ने पंचायतों तक में शराब की दुकानें खुलवाई। और फिर शराबबंदी लागू करवा दी।
शराबबंदी पर प्रशांत किशोर भी नीतीश सरकार को घेर चुके हैं। नीतीश सरकार के शराबबंदी के फैसले को ढकोसला बता चुके हैं। और कहा था कि हमारी सरकार बनी तो एक घंटे में शराबबंदी को खत्म कर देंगे। शराबबंदी के चलते अवैध रूप से शराब बिक रही है। राज्य को 20 हजार करोड़ से ज्यादा के राजस्व से वंचित कर दिया है। अवैध शराब व्यापार से अधिकारियों और नेताओं पर लाभ उठाने का आरोप लगा चुके हैं। वहीं अब आरसीपी सिंह भी उसी राह पर निकल पड़े हैं। पार्टी के ऐलान के साथ आरसीप सिंह बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर 140 सीटों पर प्रत्याशियों तैयार रहने का भी दावा कर चुके हैं।