तापमान चढ़ने और तीखी धूप के कारण लीची में लगा झरका रोग
शाही लीची में लाली आते ही बगीचे में उमड़ने लगी बच्चों की भीड़, लीची में रोग लगने से उत्पादक हतोत्साहित शाही लीची में लाली आते ही बगीचे में उमड़ने लगी बच्चों की भीड़, लीची में रोग लगने से उत्पादक...

शाही लीची में लाली आते ही बगीचे में उमड़ने लगी बच्चों की भीड़, लीची में रोग लगने से उत्पादक हतोत्साहित महुआ, एक संवाददाता। शाही लीची में लाली आने के साथ ही बगीचे में बच्चों की टोली उमड़ने लगी है। इस समय किसान अपने लीची को बच्चों से बचाने में लगे हैं। इधर वर्षा के बाद तेज धूप और तापमान चढ़ने से लीची के छिलके सूख रहे हैं। जिससे किसान चिंतित है। उनका कहना है कि लीची में झरका रोग लगने से उनके उपज की कीमत नहीं मिल पाएगी। गुरुवार को यहां लीची उत्पादकों ने बताया कि इस बार लीची के पेड़ों पर अच्छे फल लगे हैं।
शाही लीची में तो लाली भी आई है। जिससे इसकी मांग भी होने लगी है। व्यापारी शाही लीची को तोड़कर बाजार में उतारने लगे हैं। वही लीची की आकर्षक लाली देख बच्चे भी बगीचे में उमड़ने लगे हैं। जिससे किसान परेशान है। लीची उत्पादकों ने बताया कि बारिश के बाद तेज धूप और तापमान चढ़ने से फलों में झरका रोग लग रहे हैं। लीची के छिलके सूख रहे हैं और फिर वह फट जा रहे हैं। ऐसा भूमि में बारिश से आई नमी के बाद पारा चढ़ने और सूर्य की तेज किरणों के कारण हो रहा है। लीची के लिए मशहूर मुजफ्फरपुर से वैशाली जिला का महुआ अनुमंडल क्षेत्र सटे होने के कारण यहां इसकी अच्छी उत्पादन होती है। यहां के शाही लीची का तो जवाब नहीं। वहीं चायना भी पछात में अपना रंग जमाती है। कृषि विशेषज्ञ बताते हैं कि बारिश के बाद पारा चढ़ने और तीखी धूप के कारण लीची के छिलके सूखने की समस्या आ रही है। महुआ-03-महुआ के गांव में बगीचे में पेड़ पर झूलती लाल लाल शाही लीची।
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