Flood: भागलपुर में गंगा का रौद्र रूप, NDRF ने संभाला मोर्चा; बिंद टोली में तीन पीढ़ियां उजड़ गईं
प्रभावित इलाके में डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी और नवगछिया के एसपी पूरण कुमार झा कैंप कर रहे हैं। यहां फ्लड फाइटिंग टीम काम कर रही है। जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख मनोज कुमार रमण ने टीम के साथ टूटे बांध का जायजा लिया। डीएम ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की टीम तेजी से मरम्मत कार्य करा रही है।
बिहार के भागलपुर के इस्माईलपुर-बिंदटोली में रिंग बांध टूटने के बाद प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया। बाढ़ राहत एवं बचाव कार्य के लिए बुधवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के12 दस्तों ने प्रभावित इलाके में मोर्चा संभाल लिया है। लोगों को सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाने, घरों में पड़े सामान आदि को निकालने में टीम सहयोग कर रही है। इसके लिए नौ बड़ी नाव चलायी जा रही
प्रभावित इलाके में डीएम डॉ. नवल किशोर चौधरी और नवगछिया के एसपी पूरण कुमार झा कैंप कर रहे हैं। यहां फ्लड फाइटिंग टीम काम कर रही है। जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख मनोज कुमार रमण ने टीम के साथ टूटे बांध का जायजा लिया। डीएम ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की टीम तेजी से मरम्मत कार्य करा रही है। एक हिस्से को सुरक्षित किया जा चुका है। बाढ़ प्रभावितों के ठहरने के लिए दो शिविर बनाए गए हैं। एंबुलेंस व मोबाइल चिकित्सा दल की प्रतिनियुक्ति की गई है। सामुदायिक रसोई में करीब एक हजार लोगों को प्रतिदिन भोजन कराया जा रहा है।
गंगा के जलस्तर में कमी आने के बावजूद बुद्धूचक और बिंदटोली के खेतों में पानी तेजी से फैल रहा है। अब इस सड़क को बचाने की कवायद तेजी से हो रही है। सड़क के दोनों ओर जियो बैग के हजारों बोरे डालकर बाढ़ से बचाने की कोशिश की जा रही है। बुधवार को गंगा के जलस्तर में भागलपुर में तीन सेमी और कहलगांव में 11 सेमी की कमी आई है। लेकिन गुरुवार रात से बढ़ने की संभावना है।
दोषी अभियंता पर कार्रवाई होगी?
तटबंध पर बाढ़ निरोधात्मक कार्य करा रहे फ्लड फाइटिंग फोर्स के चेयरमैन गोपाल चंद मिश्र ने बताया कि कटावस्थल के पास तटबंध के दोनों ओर जेसीबी से मिट्टी काटकर प्रोटेक्शन साइड लेवल तैयार किया जा रहा है। ताकि कटाव की चौड़ाई न बढ़े। अभी ब्रिज क्लोजर नहीं हो सकेगा। क्योंकि मिट्टी की किल्लत होगी। उन्होंने बताया कि गंगा के अंदर 40 मीटर तक की माइनिंग कटिंग की शक्ति होती है। यहां भी कटाव इसी कारणों से हुआ है। अभी 14 नंबर रोड को बचाने की कवायद हो रही है। रोड के दोनों किनारे लो पैच एरिया (निचली सड़क) के दोनों ओर एनटी जियो बैग डाला गया है, ताकि जलस्तर बढ़े भी तो पानी आरपार न हो सके। यहां कई ग्रामीणों ने अभियंताओं पर आरोप लगाया कि उनकी लापरवाही से रिंग बांध टूटा है। इस बाबत चेयरमैन ने कहा कि अगर किसी अभियंता के स्तर पर लापरवाही परिलक्षित हुई तो विभाग के स्तर से कार्रवाई की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
विस्थापितों ने कहा- जमीन मांगने पर हो जाता है केस
नवगिछिया में स्पर संख्या आठ पर रह रहे करीब 500 परिवारों को प्रशासन खाली करवा रहा है। विस्थापितों का दर्द यह कि जाएं तो कहां? यहां रह रहे काबुली पासवान ने बताया कि सही बात बोलने पर प्रशासन केस करता है। अभी बांध के कटने से एक दर्जन विस्थापित की झोपड़ी कटकर गंगा में बह गई। हम लोग भयभीत हैं। घटना के बाद से ही हम लोग भूखे-प्यासे हैं। कोई पूछने वाला नहीं है। विस्थापित अरुण पासवान, रामस्वरूप पासवान, पवन पासवान ने कहा कि 2009 में बिंदटोली कट कर गंगा में समा गई। बाप-दादा की सारी जमीन नदी में विलीन हो गई।
हालात का जायजा लेने के लिए हिन्दुस्तान की टीम प्रभावित इलाके में पहुंची। टीम ने बाढ़ पीड़ितों के दर्द को समझने की कोशिश की। 65 वर्षीय मनोहर मंडल फफक पड़े। बोले, 50-60 साल पहले दादा की कई बीघा जमीन गंगा ने निगल ली तो खेती से हाथ गंवाया। दूसरों की जमीन बटाईदारी पर ली तो आजीविका चलने लगी। लेकिन गंगा ने मेरे बाबू (पिता) को यहां से भी भगाया। वहां से भागकर हमलोग तटबंध पर शरण लिए। अब गंगा ने यहां से भी भगा दिया। गंगा मैया से पुरानी नाराजगी है शायद। अपने होशोहवास में तीन बार अपना घर, खेत, परिवार उजड़ते हुए देखा है।
जिसके दरस को तरसते रहे, वह काल बन गया
किशोर कुमार सिंह कहते हैं, काफी साल पहले मन्नी राम सिंह एमएलए ने श्रमदान कर बिंदटोली, बाबूटोला, कमलाकुंड, अभिया तक बांध बनाया तो राहत मिली थी। लेकिन 2008 के बाद अब तटबंध खाली करना पड़ रहा है। तटबंध पर बनी झोपड़ी में 72 वर्षीय सावित्री देवी उदास बैठी हैं। कटाव से बदहवास सावित्री बताती हैं, 60 साल पहले गंगा की दरस को तरसते थे। अब वही गंगा काल बनकर सामने खड़ी है, लेकिन कटाव के चलते घर-बार छोड़कर जाना पड़ रहा है। यह बड़ी त्रासदी है। पता नहीं इससे हमलोग कैसे उबरेंगे।
अभियंता प्रमुख ने कटे रिंग बांध का किया निरीक्षण
इधर, पटना से जल संसाधन विभाग के अभियंता प्रमुख मनोज कुमार रमण ने रिंग बांध के टूटे स्थल का निरीक्षण किया और डीएम-डीडीसी से आगामी योजना पर विमर्श किया। अभियंता प्रमुख ने कहा कि इस्माईलपुर-बिंदटोली तटबंध पर बने रिंग बांध का करीब 110 मीटर हिस्सा कट गया है, जिससे बाढ़ आई है।
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