शोध के लिए भाषा ज्ञान आवश्यक : डीन
दरभंगा में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर सभागार में रविवार को छह माह की मासिक प्राकशोध पीएचडी कोर्स की शुरुआत हुई। डॉ. शिवलोचन झा ने भाषा ज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया,...
दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर सभागार में रविवार को छह मासिक प्राकशोध पीएचडी कोर्स का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डीएसडब्ल्यू सह प्रभारी कुलपति डॉ. शिवलोचन झा ने शोधकार्य के लिए भाषा ज्ञान को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि भाषा ज्ञान ही आपको शोध के लिए प्रेरित करेगा। इसके लिए उन्होंने कई सार्थक उपाय भी सुझाया। मुख्य अतिथि शोध निदेशक सह धर्मशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. दिलीप कुमार झा ने शोध की बारीकियों को बताया। उन्होंने शोध के लिए नए-नए विषयों व समाज हित में काम आने वाले तत्वों को प्रयुक्त करने के लिए शोधार्थियों को प्रेरित किया। साहित्य विभागाध्यक्ष प्रो. रेणुका सिंहा ने शोध में साहित्यिक चोरी से बचने की सलाह दी तथा इस निमित्त आनेवाली परेशानियों से अवगत कराया। कुलानुशासक प्रो. पुरेन्द्र वारीक ने भी गवेषकों को शोध के लिए साहित्यिक व विषयगत जानकारी दी। डॉ. विनय कुमार मिश्र ने शोध, गवेषणा, अनुसंधान आदि शब्दों की बारीकियों से शोधकर्ताओं को अवगत कराया।
पीआरओ निशिकान्त ने बताया कि छह माह तक चलने वाले इस कोर्स की कक्षा प्रत्येक रविवार को ऑफलाइन मोड में चलेगी। शेष दिनों में जरूरत के लिहाज से कक्षा ऑनलाईन भी संचालित होगी। शोधार्थियों को इससे लाभ लेना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन पाठ्यक्रम के संयोजक साहित्य विभाग के सहायक प्राचार्य डॉ. सुधीर कुमार ने एवं उप संयोजक धर्मशास्त्र विभाग के डॉ. संतोष कुमार तिवारी ने स्वागत भाषण किया। शोधार्थी नरवर कुमार झा एवं रामसिया कुमारी ने मंगलाचरण प्रस्तुत किया। राजकीय संस्कृत कॉलेज भागलपुर के प्रधानाचार्य डॉ. प्रभाषचंद्र मिश्र समेत दर्जनों शोधार्थी कार्यक्रम में उपस्थित थे।
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