छापा मारा, रंगे हाथ पकड़ा, पर गवाह नहीं ला सके; तारीख पर तारीख में सजा से बच रहे भ्रष्ट लोकसेवक
- गवाही के लिए सरकारी अधिकारी और कर्मचारी की पेशी होनी है। निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव की समीक्षा में यह मुद्दा उठा है। गवाहों की पेशी नहीं होने से भ्रष्टाचार के मामलों में सजा का औसत काफी कम है।
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विशेष निगरानी न्यायालय में भ्रष्टाचार और घूसखोरी के मामले में गवाहों की पेशी समय से अभियोजन पक्ष नहीं करा पा रहा है। इससे 126 मामले में साक्ष्य पर सुनवाई की तारीख चल रही है। गवाही के लिए सरकारी अधिकारी और कर्मचारी की पेशी होनी है। निगरानी विभाग के अपर मुख्य सचिव की समीक्षा में यह मुद्दा उठा है। गवाहों की पेशी नहीं होने की बेबसी बताकर विशेष लोक अभियोजक ने भ्रष्टाचार के मामलों में सजा का औसत काफी कम होने की जानकारी अपर मुख्य सचिव को दी है।
विशेष लोक अभियोजक कृष्णदेव साह ने अपर मुख्य सचिव को समीक्षा के दौरान बताया है कि बीते दो माह से किसी केस में गवाह की पेशी नहीं हुई है। इससे किसी वाद में कोई निर्णय नहीं हुआ है। विशेष लोक अभियोजक ने बताया है कि उन्हें आवंटित केसों में 10 साक्ष्य के बिंदु पर सुनवाई के लिए लंबित हैं, जबकि नौ में आरोपित की पेशी के इंतजार में तारीख चल रही है। जमानत लेने के बाद आरोपित न्यायालय में नहीं आ रहे हैं।
विशेष लोक अभियोजक विकास नारायण सिन्हा ने समीक्षा में बताया है कि उन्हें आवंटित 88 वाद साक्ष्य पर सुनवाई के लिए लंबित हैं। इसमें गवाह नहीं आ रहे हैं। सेवानिवृत्त हो चुके कर्मियों की भी पेशी नहीं कराई जा रही है। विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार ने बताया है कि उन्हें आवंटित 44 वाद साक्ष्य पर सुनवाई के लिए लंबित चल रहे हैं। गवाहों के नहीं आने से फैसला के लिए कोई केस परिपक्व नहीं है। समीक्षा में सभी विशेष लोक अभियोजकों से अपर मुख्य सचिव ने न्यायालय में बयान के लिए नहीं आ रहे गवाहों की सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सूची मिलने के 15 दिनों के अंदर गवाहों की पेशी शुरू हो जाएगी।
केस तीन बिदुपुर थाना में पदस्थापित एएसआई जस कुमार सिंह को निगरानी टीम ने 12 हजार रुपये घूस लेते 13 फरवरी 2020 को रंगेहाथ गिरफ्तार किया था। उसने बिदुपुर थाना केस संख्या 482/2019 के अभियुक्तों को गिरफ्तार न करने के लिए घूस मांगी थी। शिकायतकर्ता ने निगरानी थाना में शिकायत की थी। सत्यापन के बाद उसे बिदुपुर थाना के पास से पकड़ा गया था। अब तक उसके खिलाफ न्यायालय में अभियोजन स्वीकृति आदेश नहीं पेश किया गया है। अगली तारीख 19 मार्च तय की गई है।
वेल्डिंग मशीन चलाने को बिजली कनेक्शन देने के लिए छह हजार रुपये घूस लेते मारकन विद्युत आपूर्ति शाखा के कर्मचारी अजीत कुमार को निगरानी टीम ने 26 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। मामले में आरोपित जमानत पर है। चार्जशीट के बाद केस साक्ष्य के बिंदू पर सुनवाई के लिए लंबित है। गवाहों की पेशी नहीं होने से मामला लटका है। अजीत शिकायतकर्ता रियाजुद्दीन को कनेक्शन देने के लिए घूस ले रहा था। अगली सुनवाई 28 फरवरी को है।
निगरानी टीम ने 20 दिसंबर 2022 को समस्तीपुर के ताजपुर थाने में पदस्थापित तत्कालीन दारोगा विजय शंकर साह को 10 हजार रुपये घूस लेते पकड़ा था। आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए पीड़ित से घूस मांग था। इसकी शिकायत पीड़ित ने निगरानी थाना पटना में की थी। उसकी शिकायत पर सत्यापन के बाद घूस की राशि लेते दारोगा को पकड़ा गया। मामला साक्ष्य पर सुनवाई के लिए लंबित है। गवाहों की पेशी नहीं होने से कार्रवाई अटकी है। 24 फरवरी को अगली सुनवाई की तिथि है।