102 एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में कमी लाना जरूरी : डीडीसी
स्थ्य सेवा देना प्रशासन की प्राथमिकता: डीडीसी प्रखंड स्वास्थ्य सेवाओं में इंडिकेटर से कम प्रदर्शन पर चिंता फोटो 19 स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा करते डीडीसी, साथ में सिविल सर्जन व स्वास्थ्य विभाग के...

छपरा, हमारे संवाददाता। जिला के सभी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं आम लोगों को मिले, इसके लिये प्रशासन लगातार प्रयासरत है। कुछ प्रखंड स्वास्थ्य सेवाओं के विभिन्न इंडिकेटर में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं तो कुछ प्रखण्डों का प्रदर्शन कम है। शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के समीक्षा कलेक्ट्रेट सभागार में करते डीडीसी यतेंद्र कुमार पाल ने यह बात कही। उन्होंने ओपीडी में औसत प्रतीक्षा समय को कम करने के लिये निर्देश दिया। 102 एम्बुलेंस सेवा के रिस्पांस टाइम में कमी लाने व सेवा में सुधार लाने हेतु स्पष्ट निर्देश डीडीसी ने दिया। अधिकारी ने कहा कि सभी आशा का भव्या एप पर निबंधन हो चुका है, सभी को प्रशिक्षण भी दिया गया है।
इस एप के माध्यम से शत प्रतिशत आशा के माध्यम से ऑनलाइन रिपोर्टिंग सुनिश्चित करायें। प्रत्येक आशा के पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की सूची के आधार पर आशावार समीक्षा होगी। इसके आधार पर गर्भवती महिलाओं के एएनसी व प्रसव की मॉनिटरिंग की जायेगी। अगर कोई आशा किसी गर्भवती महिला को निजी अस्पताल ले जाती है, तो इसकी भी ट्रैकिंग हो सकेगी तथा संबंधित आशा के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी। संपूर्ण टीकाकरण में जिला में लगभग 95 प्रतिशत की उपलब्धि दर्ज की गई है। कुछ प्रखण्डों की उपलब्धि औसत से कम पाई गई जिन्हें अपेक्षित सुधार लाने का निदेश दिया गया। बैठक में बताया गया कि सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों द्वारा मरीजों को जेनेरिक दवाएं ही प्रेस्क्राइब की जानी हैं। इस संबंध में प्रत्येक पीएचसी, अनुमंडलीय अस्पताल व सदर अस्पताल में नियमित रूप से रेंडमली प्रेस्क्रिप्शन की जाँच करने को कहा भिन्न बिन्दुओं पर गहनता से समीक्षा की और संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। ओपीडी में आने वाले मरीजों का भव्या पोर्टल पर 100 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन कराएं और मरीजों का वाइटल रिकार्ड मेंटेन करें। सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि स्वास्थ्य केंद्रों में एक्स-रे की सेवा को सुदृढ़ करें, ताकि आम मरीजों को कहीं बाहर से एक्स-रे नहीं कराना पड़े। रोगी कल्याण समिति की नियमित बैठक कर स्वास्थ्य केंद्र में व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण पर चर्चा करने का निर्देश दिया। डॉक्टर को कॉल कर लें लोकेशन की जानकारी डीडीसी ने अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर चिकित्सकों की उपस्थिति को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने पर जोर दिया। उन्होंने सिविल सर्जन को आदेश दिया कि कंट्रोल रूम बनाकर रैंडमली किसी भी डॉक्टर को कॉल कर यह जानकारी लेंगे कि वे डॉ स्वास्थ्य केंद्र पर उपस्थित हैं या नहीं। टीबी उन्मूलन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है। 2025 तक उन्मूलन का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टीबी मरीजों की पहचान जांच और इलाज सुनिश्चित करें। कायाकल्प आवार्ड योजना, राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान डीएम ने निर्देश दिया कि कायाकल्प के लिए कम से कम पांच सीएचसी का चयन करें। मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीएमओ डॉ दिलीप कुमार सिंह, सीडीओ डॉ. रत्नेश्वर प्रसाद सिंह, डीआईओ डॉ. सुमन कुमार, एनसीडीओ डॉ. भूपेंद्र सिंह, डीपीएम अरविन्द कुमार, डीपीसी रमेशचंद्र कुमार, डीसीएम ब्रजेंद्र कुमार सिंह, डीएमएंडई ब्रजेश कुमार, यूनिसेफ एसएमसी आरती त्रिपाठी, समेत सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और बीएचएम उपस्थित थे।
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