मुकेश सहनी के इंतजाम में जुट गई बीजेपी, हर प्रमंडल में मछुआरा सम्मेलन करेगी
तेजस्वी यादव और महागठबंधन के साथ चल रहे मुकेश सहनी की काट खोज रही बीजेपी ने हर प्रमंडल में मछुआरा सम्मेलन करने का फैसला किया है। यह आयोजन भाजपा का होगा, एनडीए का नहीं।
बिहार में लगभग 8-9 फीसदी निषाद समाज के वोटरों पर सन ऑफ मल्लाह के नाम से मशहूर मुकेश सहनी का प्रभाव काटने और यथासंभव वोट बटोरने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने हर प्रमंडल में मछुआरा सम्मेलन करने का फैसला किया है। महत्वपूर्ण ये बात है कि आयोजन एनडीए के बैनर तले नहीं होगा बल्कि भाजपा का खुद का कार्यक्रम होगा। शुक्रवार को ही चिराग पासवान की पार्टी लोजपा-रामविलास ने भी एनडीए में रहते हुए अलग से बहुजन भीम संवाद के नाम से स्वतंत्र कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है। कुछ समय पहले एनडीए के दलों ने मिलकर अभियान और कार्यक्रम की बात की थी लेकिन ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहा है, इस तरह के स्वतंत्र कार्यक्रमों से क्या संदेश जाएगा, समझने वाली बात है।
भाजपा मत्स्यजीवी प्रकोष्ठ की शुक्रवार को पटना में प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित बैठक में निर्णय हुआ है कि पार्टी हरेक कमिश्नरी मुख्यालय में मछुआरा सम्मेलन करेगी। इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल भी शामिल हुए। भाजपा ने जून-जुलाई में आयोजित होने वाले मछुआरा सम्मेलनों की तारीख भी तय कर ली है। 10 जून को मुजफ्फरपुर, 14 जून को कटिहार, 18 जून को दरभंगा, 22 जून को मोतिहारी, 26 जून को समस्तीपुर, 30 जून को खगड़िया और 10 जुलाई को पटना के बापू सभागार में मछुआरा सम्मेलन होगा।
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प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने बैठक के बाद कहा कि 15 दिनों के अंदर मछुआरा आयोग का गठन कर दिया जाएगा, जिसमें इसी समाज के नेता सदस्य और अध्यक्ष बनाए जाएंगे। जायसवाल के बयान और भाजपा के मछुआरा सम्मेलन के ऐलान से समझा जा सकता है कि पार्टी मुकेश साहनी को लेकर कितनी गंभीर है। शुक्रवार को ही मुकेश सहनी की पार्टी के प्रवक्ता ने कहा है कि सीटें कुछ कम भी हो जाएं लेकिन महागठबंधन के साथ बने रहेंगे। मुकेश सहनी ने गुरुवार को कहा था कि लालू यादव का शासन दलितों-पिछड़ों के लिए मंगलराज था, लेकिन गरीबों के कुर्सी पर बैठने से जिनको तकलीफ हुई, उन लोगों ने इसे जंगलराज का नाम दे दिया।