ई-रिक्शा का टैक्स बढ़ाने से व्यापारियों में नाराजगी
रुद्रपुर में व्यापार मंडल की अगवाई में ई-रिक्शा विक्रेताओं ने एआरटीओ से मुलाकात की। विक्रेताओं का कहना है कि नए नियमों और 18000 रुपये के टैक्स ने गरीबों के लिए रोजगार मुश्किल कर दिया है। उन्होंने इस...

रुद्रपुर, संवाददाता। व्यापार मंडल की अगवाई में ई-रिक्शा विक्रेताओं ने शनिवार को एआरटीओ से मुलाकात की। व्यापारियों ने कहा कि शासन की ओर से ई-रिक्शा खरीदने के लिए बनाए गए नए नियमों से अब गरीब व्यक्ति के लिए रोजगार करना मुश्किल हो गया है। ई-रिक्शा पर वर्तमान में 5 गुना से भी ज्यादा टैक्स निर्धारण किया गया है, जो सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि नई प्रणाली से ई-रिक्शा का कारोबार भी चौपट हो जाएगा। व्यापार मंडल अध्यक्ष संजय जुनेजा की अगुवाई में शनिवार को ई-रिक्शा व्यापारियों ने आरटीओ मोहित कोठारी से मुलाकात की। व्यापारियों ने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से ई-रिक्शा खरीदार से पूर्व में एक वर्ष का टैक्स वसूला जाता था, लेकिन अब 15 वर्षों के लिए टैक्स वसूला जा रहा है, जबकि ई-रिक्शे की आयु दो या तीन वर्ष तक ही होती है।
इसके बाद ज्यादातर ई-रिक्शा खराब हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि परिवहन विभाग की ओर से पूर्व में प्रत्येक नए ई-रिक्शा पर 3000 रुपये टैक्स वसूला जाता था, लेकिन अब टैक्स के रूप में लगभग 18000 रुपये मांगे जा रहे हैं। इससे ई-रिक्शा की बिक्री बहुत कम हो गई है। व्यापार बंदी के कगार पर है। कहा कि यह बात संज्ञान में आई है कि राज्य के विभिन्न नगरों में ई-रिक्शा पर अलग-अलग टैक्स वसूला जा रहा है। सबसे ज्यादा टैक्स ऊधम सिंह नगर में लिया जा रहा है, जो सरासर गलत है। कहा उत्तर प्रदेश में ई-रिक्शा पर टैक्स नहीं लिया जाता है। इधर, एआरटीओ मोहित कोठारी ने कहा कि बीते दिनों में ई-रिक्शा की बिक्री में कमी आई है। इस मामले से शीर्ष अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। यहां मनोज छाबड़ा, पवन गाबा, रमेश कालड़ा, जसवंत सिंह, परम प्रताप सिंह, सुखविंदर सिंह, जगदीश दास, प्रदीप कुमार, शिशुपाल, दीपक सुधा आदि व्यापारी मौजूद रहे।
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