बिहार में सरकारी शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर होंगी, शिक्षा मंत्री ने सदन में किया ऐलान
शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को कहा कि शिक्षकों की वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए जल्द ही शिक्षा विभाग के द्वारा एक हाई लेवल कमिटी का गठन किया जाएगा।

बिहार में सरकारी शिक्षकों की सैलरी को लेकर बड़ा अपडेट आया है। राज्य के सरकारी स्कूलों में नियोजित और इस श्रेणी से विशेष बने शिक्षकों की वेतन विसंगतियां दूर होंगी। शिक्षकों को सेवा निरंतरता का लाभ देने के मामले पर भी उचित निर्णय लिए जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग की उच्चस्तरीय कमिटी बनेगी। शिक्षा सचिव की अध्यक्षता में कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर समीक्षा कर राज्य सरकार इस मामले में उचित निर्णय लेगी। शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने शुक्रवार को बिहार विधान परिषद में यह घोषणा की।
शिक्षा मंत्री ने सदन में सीपीआई के संजय कुमार सिंह, जदयू के संजीव कुमार सिंह, कांग्रेस के मदन मोहन झा और भाजपा के नवल किशोर यादव समेत 11 सदस्यों की ओर से लाए गए ध्यानाकर्षण का उत्तर दिया। नवल किशोर यादव ने मंत्री से पूछा कि कितने दिनों में कमिटी की रिपोर्ट आ जाएगी, सदन को यह बता दें। इस पर हस्तक्षेप करते हुए सभापति अवधेश नारायण सिंह ने आग्रह किया कि कमिटी की रिपोर्ट अप्रैल अंत तक आ जाए।
इसके पहले शिक्षा मंत्री ने कहा कि नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा के बाद राज्यकर्मी का दर्जा दिया गया है। इनके लिए यह नई सर्विस है। कुल वेतन में इन्हें लाभ मिल रहा है। राज्यकर्मियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी। सेवांत लाभ भी मिलेगा। शिक्षकों की वेतन विसंगति और सेवा निरंतरता के मामले की समीक्षा के बाद निर्णय ले लिया जाएगा।
इसके पहले एमएलसी संजय कुमार सिंह ने कहा कि वेतन विसंगति की स्थिति है कि माध्यमिक शिक्षकों से अधिक प्राथमिक शिक्षकों को वेतन मिल रहा है। संजीव सिंह ने कहा कि संवर्ग परिवर्तन होने की स्थिति में शिक्षकों की वरीयता प्रभावित न हो। जो शिक्षक 15-20 वर्षों से कार्य कर रहे हैं, उन्हें सेवा निरंतरता का लाभ तो मिलना ही चाहिए। सभापति ने कहा कि सभी सेवा संवर्ग में वरीयता का लाभ मिलता है।
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