खाने-पीने की चीजों से लेकर कला तक, कैसा होगा बिहार का पहला महिला हाट; जानिए
- अधिकारियों के मुताबिक महिला हाट, छोटे स्तर पर व्यवसाय करने वाली महिलाओं के लिए एक स्थल होगा। इसमें वे अपने उत्पाद को सालोंभर बेच सकेंगी। महिला हाट में उन्हें स्थायी तौर पर स्टॉल भी उपलब्ध कराया जाएगा, जहां अपनी सामग्री बिक्री के लिए रख सकती हैं। इसके लिए महिलाओं कारोबारियों का निबंधन कराया जाएगा।

गंगा नदी के किनारे जेपी गंगा पथ के बगल में एलसीटी घाट से दीघा के बीच महिला हाट बनेगी। यह हाट सिर्फ महिला व्यवसायियों के लिए होगी। बिहार में पहली बार महिला हाट का निर्माण कराया जा रहा है, जहां अलग-अलग जिलों की महिला उद्यमियों को घरेलू उत्पाद बेचने का अवसर मिलेगा। यहां राष्ट्रीय स्तर पर मेला भी लगेगा।
बिहार की पारंपरिक कलाओं को महिला हाट में प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। महिला हाट में खाने-पीने, पेंटिंग, ग्राफ्ट, शिल्प, कला, नावाचार से संबंधित सामग्रियां मिल सकेंगी। शहर के अलग-अलग इलाकों में समय-समय पर मेले का आयोजन होता है लेकिन यह जगह ऐसा होगा जहां लोग सालभर घरेलू उत्पाद की सामग्री खरीद सकते हैं। इसमें हस्तशिल्प की सामग्रियां अधिक मिलेंगी।
अधिकारियों के मुताबिक महिला हाट, छोटे स्तर पर व्यवसाय करने वाली महिलाओं के लिए एक स्थल होगा। इसमें वे अपने उत्पाद को सालोंभर बेच सकेंगी। महिला हाट में उन्हें स्थायी तौर पर स्टॉल भी उपलब्ध कराया जाएगा, जहां अपनी सामग्री बिक्री के लिए रख सकती हैं। इसके लिए महिलाओं कारोबारियों का निबंधन कराया जाएगा। प्रदेशभर की महिला उद्यमियों को इसके लिए चयनित किया जाएगा। जेपी गंगा पथ के बगल में चार जगह महिला हाट बनाने के लिए जगह चिह्नित की गई हैं, इन्हीं में एक जगह हाट बनेगी।
इलाके को विकसित करने के लिए खर्च होंगे 387 करोड़
दीघा रोटरी से सात किलोमीटर पूरब की ओर जेपी गंगा पथ के किनारे एएन सिन्हा संस्थान तक खाली जमीन को विकसित किया जाना है। इसका विकास कई चरणों में होगा। इसमें मल्टीलेवल पार्किंग जिसमें लगभग छह सौ वाहनों को खड़ा करने की सुविधा होगी। इसके अलावा महिलाओं और बुजुर्गों के लिए जॉगिंग ट्रैक, बच्चों के मनोरंजन के लिए आधुनिक पार्क, तितली पार्क, जैव विविधता पार्क, वेंडिंग जोन, मनोरंजन के लिए खुली जगह, लोगों की सुरक्षा के लिए कमांड एंड कंट्रोल सेंटर, अटल पथ के रोटरी का सौदर्यीकरण किया जाना है। इसके अलावा कुर्जी घाट से कलेक्ट्रेट घाट तक गंगा चैनल भी बनाया जाएगा, जिसमें लोगों को स्वच्छ गंगा का पानी मिलेगा। इस पर लगभग 800 करोड़ खर्च किए जाएंगे। पहले चरण में 387 करोड़ का खर्च आएगा।