सुपौल: बकरी पालकों को आय बढ़ाने के को लोन और प्रशिक्षण की दरकार
त्रिवेणीगंज में बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए कई सरकारी योजनाएं चल रही हैं, लेकिन लालफीताशाही के कारण लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश बकरी पालक योजनाओं से अनभिज्ञ हैं। गांवों में यह कार्य महिलाओं के...

त्रिवेणीगंज। बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार राष्ट्रीय पशुधन मिशन, पशु बीमा योजना, बकरी शेड निर्माण योजना, आजीविका समूह आधारित पशुपालन कार्यक्रम सहित कई अन्य कल्याणकारी योजनाएं संचालित कर रही है। लेकिन, कार्यालयों में व्याप्त लालफीताशाही के कारण उसका समुचित लाभ पात्रों को मिल रहा है। अधिकांश बकरी पालक सरकारी योजनाओं से अनभिज्ञय व अंजान हैं। गांवों में बकरी पालन का जिम्मा महिलाओं के कंधों पर होती है। लेकिन, उन्हें इस श्रम का न तो सम्मान मिलता है और न ही आर्थिक लाभ। वे सुबह-सुबह बकरियों को चराने पलार जाती हैं। लेकिन, जरूरत पड़ने पर बिक्री का निर्णय पुरुष लेते हैं।
स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं को योजनाओं से जोड़ने की बात होती है। लेकिन, उन्हें समूह बनाना, मीटिंग करना व बही-खाता भरना नहीं आता। सरकार को पालकों के लिए अलग से योजनाएं बनानी चाहिए।
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