बोले पूर्णिया: मिले समतल मैदान और प्रशिक्षण तो निखरेगी खेल प्रतिभा
पूर्णिया के डीएसए ग्राउंड का फुटबॉल के लिए पुराना इतिहास है, लेकिन अब इसकी स्थिति खराब हो चुकी है। यहां बारिश में पानी जमा होता है और गैलरी जर्जर है। खिलाड़ियों ने मैदान के जीर्णोद्धार की आवश्यकता पर...
-फुटबॉल खिलाड़ियों की परेशानी:
-प्रस्तुति : कुंदन सिंह
पूर्णिया। शहर के सबसे प्रसिद्ध खेल मैदान में जिला क्रीड़ा खेल मैदान डीएसए ग्राउंड शामिल है। इस मैदान का काफी पुराना इतिहास है। यहां के मैदान में वर्ष 1935-36 में फुटबॉल मैच खेला गया। शहर के सबसे प्रमुख भट्टा बाजार से सटे होने के कारण काफी चर्चित और प्रसिद्ध है। इस मैदान पर न केवल फुटबॉल बल्कि अभ्यास के दृष्टि से लगभग खेल का आयोजन यहां होता रहता है। यह खेल मैदान विशेषकर फुटबॉल के लिए प्रसिद्ध रहा है। शहर के बीचों बीच होने के कारण यहां दर्शकों की काफी भीड़ किसी भी तरह के आयोजन होने की स्थिति में होती है। हालांकि समय के बदलते स्वरूप में इस मैदान में काफी कुछ किए जाने की जरूरत महसूस की जा रही है। खिलाड़ी मानते हैं कि इसी मैदान से खेलते हुए कई खिलाड़ी ने राष्ट्रीय स्तर पर न केवल अपनी पहचान बनाई बल्कि पूर्णिया जिले की शान को भी राष्ट्रीय फलक तक पहुंचाया। मगर अभी मैदान की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है।
-शहर में सिर्फ 01 फुटबॉल खेल का मैदान
-जिले में फुटबॉल के 1000 के लगभग खिलाड़ी
-जिले में 23 फुटबॉल के रजिस्टर्ड खिलाड़ी
-पूर्णिया के सबसे पुराने डीएसए ग्राउंड का हो जीर्णोद्धार :
-जिले के अंदर स्थित डीएसए मैदान सबसे चर्चित खेल मैदान में एक है। यह मैदान मुख्य रूप से फुटबॉल के लिए प्रसिद्ध है। हालांकि, मैदान की कमी के चलते बाद में यहां सभी खेल होने लगे। फुटबॉल, क्रिकेट, एथलेटिक्स के अलग अलग इवेंट समेत अन्य खेल का आयोजन समय समय पर होता रहता है। लेकिन परेशानी की स्थिति है की यहां खेल मैदान बहुत अच्छा नहीं है। मैदान पूरी तरह से समतल नहीं है। मैदान पर बारिश में पानी जम जाता है। मैदान के दोनों तरफ यानी दक्षिण व उत्तर भाग में बने गैलरी पूरी तरह से जर्जर स्थिति में है। मैदान का बहुत अच्छे तरह से रखरखाव नहीं होता है। यदि इस दिशा में ध्यान दिया जाय तो मैदान की स्थिति भी अच्छी रहेगी और खिलाड़ियों को खेलने में भी सहूलियत होगी। बोले पूर्णिया के मंच पर इन्हीं सब बातों पर फुटबॉल खिलाड़ियों ने अपनी बात बेबाकी के साथ रखी। जिला फुटबॉल संघ के सचिव अजीत सिंह बताते हैं कि डीएसए मैदान वैसे तो फुटबॉल मैदान के रूप में है। मगर यहां मैदान की कमी होने के कारण और शहर के बीचों बीच होने के कारण सभी तरह के खेल का आयोजन होता है। सभी खेल के बढ़ावा पर जोर भी दिया जाता है। मगर यहां कई तरह की परेशानी है। यह परेशानी है कि खेल मैदान का नियमित रूप से रख रखाव नहीं होता है। इससे मैदान पूरी तरह से समतल नहीं है। अन्य खेल मैदान को भी ठीक किए जाने की जरूरत है ताकि इस मैदान पर खेल के लिए लोड कम हो सके और मैदान को दुरुस्त रखा जा सके। यहां मैदान के दोनों तरफ यानी दक्षिण भाग और उत्तर दिशा में खेल के दौरान दर्शकों के बैठने के लिए गैलरी बनी हुई है। यह गैलरी पूरी तरह से जर्जर हो गई है। गैलरी बैठने के लिए सही जगह नहीं है। इसलिए इस मैदान के रख रखाव के साथ- साथ गैलरी का निर्माण नए तरीके से किए जाने की जरूरत है। इनके अलावा खेल मैदान को दुरुस्त रखने के लिए कर्मियों की तैनाती हो जिससे की मैदान पर समय समय पर निगरानी रखते हुए रख रखाव पर ध्यान दिया जा सके। इसके अलावा यहां ग्रास कटर मशीन, जेनरेटर, पाइप समेत अन्य उपयोगी सामग्री जो मैदान के रखरखाव में उपयोग में आता है, इसकी सुविधा सुलभ की जानी चाहिए। सरकार को विशेष रूप से खेल मैदानों की स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है। फुटबॉल खिलाड़ी व कोच मो. नौशाद आलम बताते हैं कि जिले में फुटबॉल के दो दर्जन क्लब रजिस्टर्ड हैं। पचास से अधिक फुटबॉल के क्लब हैं। इस तरह से जिले में कुल 1000 के करीब फुटबॉल के खिलाड़ी हैं। जिले में फुटबॉल का खेल के प्रखंड क्षेत्र में भी होता है। प्रखंड क्षेत्र से टीम निकलकर शहर तक टूर्नामेंट में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करते हैं। इनमें धमदाहा, बनमनखी, दिबरा बाजार, श्रीनगर, कसबा, जलालगढ़, प्रधान टोला, टीकापट्टी, रुपौली, के.नगर, झीलटोला बगमारा, बक्साघाट, रानीपतरा समेत कई स्थानों पर फुटबॉल का खेल होता है। ऐसे में जिले के शहरी क्षेत्र में होने वाले डीएसए फुटबॉल मैदान को बेहतर किए जाने की आवशकता है ताकि फुटबॉल के खिलाड़ी को खेलने में सहुलियत हो सके।
-कई खिलाड़ियों की राष्ट्रीय स्तर तक धमक :
-जिले के चर्चित मैदानों में शुमार डीएसए ग्राउंड फुटबॉल खेल के लिए चर्चित रहा है। यहां शुरुआत के समय से फुटबॉल के क्षेत्र में एक से एक खिलाड़ी ने अपना परचम राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय फलक पर पहुंचाया है। यहां फुटबॉल का इतिहास 1936 से रहा है। इस खेल मैदान से कई राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी निकले हैं। इसी मैदान से अब्दुल समद, मो. लतीफ, अमोल मजूमदार उर्फ नेपू दा आदि कई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच बनाई। बीएन गांगुली लगातार 8 वर्ष तक संतोष ट्राफी खेले। जिला फुटबॉल संघ के सचिव अजीत सिंह की मानें तो यहां वर्ष 1970-80 के दशक में बिहार राज्य विद्युत बोर्ड पूर्णिया का फुटबॉल टीम पूरे इंडिया में छाया रहा। इन प्रमुख खिलाड़ी में मो. सोयेब, मानिक चन्द्र डे, बालेश्वर यादव, एसएन दास, हिफाजत अली, दिलीप सिन्हा, अनुप कांति डे, पीके डे, मो. बिरजू,रामेश्वर सिंह, मोती सिंह आदि शामिल थे। वर्ष 1980-85 के समय फुटबॉल खिलाड़ी बापी दा, निताई दा ने परचम लहराया था। वर्ष 80-90 में कृष्णदेव हेम्ब्रम, फरहद आलम, 90 के दशक के बाद अजीत सिंह, अरुणाभ आनन्द, नौशाद, सुनील जॉन मरांडी, रघुनाथ किस्कु, रोबेन सोरेन, मिथिलेश सिंह, होपन हांसदा, आले रसूल आदि ने फुटबॉल में अपनी पहचान बनाई। अभी वर्तमान में अभिजीत हेम्ब्रम, डेनियल मुर्मू, तल्लू, मानवेल, लेखक , हर्षित, रजनीश आदि आगे निकलने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं ।
-डीएसए मैदान के बाहर पार्किंग स्थल का अतिक्रमण:
-जिला फुटबॉल संघ के सचिव अजीत कुमार सिंह बताते हैं की डीएसए मैदान इकलौता ऐसा मैदान है जो सार्वजनिक है। यहां न केवल फुटबॉल बल्कि अन्य खेल के लिए भी सैकड़ों खिलाड़ी को आना जाना रहता है। बीच बीच में अन्य खेल का भी आयोजन होता रहता है। लेकिन परेशानी की बात है की बड़े आयोजन में मैदान के बाहर का क्षेत्र जो पार्किंग एरिया था अब अतिक्रमण हो गया है। इससे पार्किंग लगाने में काफी परेशानी होती है। इसलिए परेशानी की तरफ भी ध्यान देने की जरूरत है।
-शिकायत :
-जिले में खेल मैदान समतल नहीं है।
-खासकर डीएसए मैदान में गैलरी जीर्ण शीर्ण अवस्था में है।
-मैदान पर बारिश के समय पानी जम जाता है।
-खेल मैदान में खिलाड़ियों के रहने के लिए भवन नहीं है।
-पहले से बने भवन में भी बेहतर सुविधा नहीं है।
-सुझाव:
-जिले के खेल मैदान को समतल किए जाने की जरूरत है।
-डीएसए मैदान में जीर्ण शीर्ण गैलरी को नए सिरे से निर्माण की जरूरत।
-मैदान में बारिश के समय जमे पानी निकासी का समाधान होना चाहिए।
-खेल मैदान में खिलाड़ियों के रहने के लिए भवन की सुविधा होनी चाहिए।
-डीएसए में पहले से बने भवन को सुविधायुक्त बनाने की जरूरत है।
-हमारी भी सुनें:
1.जिले में खेल मैदानों की कमी है। इससे जो मैदान है उस पर एक साथ कई खेल होता है। इसलिए किसी एक खेल के लिए मैदान को बनाए रखने में परेशानी होती है। इसलिए खेल मैदान को अच्छा करने की जरूरत है।
अजीत कुमार सिंह, सचिव, जिला फुटबॉल संघ, पूर्णिया।
2. जिले में दो दर्जन से अधिक फुटबॉल के क्लब हैं। इनके खेल के लिए जिले में मैदान की स्थिति अच्छी नहीं है। डीएसए मैदान को अच्छा करने की जरूरत है।
मो. नौशाद आलम, फुटबॉल कोच।
3. शहर के अंदर एक मात्र खेल का मैदान सार्वजिनक रूप से डीएसए मैदान है। इस मैदान को नियमित रूप से रख रखाव की जरूरत है। इसलिए इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
सदरे आलम उर्फ फिरोज
4. डीएसए मैदान में एक साथ कई खेलों के खिलाड़ी खेलते हैं। इसलिए मैदान को विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए। इससे मैदान की स्थिति अच्छी रहेगी और खिलाड़ी अच्छे ढंग से खेल सकेंगे।
हर्षित कुमार,खिलाड़ी
5. डीएसए मैदान में वर्षो पुरानी दो गैलरी है। इस गैलरी की स्थिति काफी जीर्ण शीर्ण है। इसलिए गैलरी का नए सिरे से निर्माण की जरूरत है ताकि मैदान पर दर्शक को बैठने में सुविधा हो।
रजनीश कुमार, खिलाड़ी
6. डीएसए मैदान की चाहर दिवारी से लेकर बने हुए भवन पुराने हो गए हैं। इनका जीर्णोद्धार की जरूरत है। इससे मैदान का सौंदर्यीकरण बढ़ेगा और खेलने से टहलने वालों के लिए अच्छा होगा।
अभिषेक मिश्रा, रेफरी
7. डीएसए मैदान का रख रखाव नियमित रूप से होना चाहिए। इससे मैदान अच्छा बना रहेगा और खिलाड़ियों को किसी भी तरह के खेल खेलने में सहुलियत होगी।
आकाश कुमार, खिलाड़ी
8. डीएसए मैदान में बारिश के समय पानी जम जाता है। इसके लिए समाधान होना चाहिए। जिससे की बारिश होने की स्थिति में मैदान से तुरंत पानी निकल जाए। इससे खेल बाधित नहीं होगी।
मनोज मरांडी, खिलाड़ी।
9. डीएसए मैदान को दुरुस्त बनाए रखने के लिए आवश्यक रूप से घास कटर मशीन और मोटर पाईप की सुविधा होनी चाहिए ताकि समय समय पर इससे मैदान को बेहतर बनाकर रखा जा सके।
मिहिर झा, खिलाड़ी
10. जिले के खेल मैदान में डीएसए मैदान एक मात्र सार्वजनिक मैदान है। इसलिए इस मैदान पर सरकार का ध्यान होना चाहिए जिससे की मैदान का रख रखाव बना रह सके।
श्याम किशोर, खिलाड़ी।
11.डीएसए मैदान को पूर्ण रूप से जीर्णोद्वार किए जाने की जरूरत है। इनके साथ- साथ अन्य खेल मैदानों को भी बेहतर करने की जरूरत है तभी खिलाड़ी को सुविधा होगी।
दुर्गेश ,खिलाड़ी
12. डीएसए मैदान में बारिश होने के बाद पानी निकासी के लिए किसी तरह की सुविधा नहीं बनी हुई है। इससे बारिश होने के बाद पानी जम जाता है। इसलिए इस तरफ ध्यान होना चाहिए।
कैफ मुस्तकीम, खिलाड़ी।
13.डीएसए मैदान शहर के बीचों बीच है। यह खेल मैदान का लम्बा इतिहास रहा है। कई खिलाड़ी निकल कर राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचे। इसलिए मैदान को दुरुस्त करने की जरूरत है।
असद इकबाल, खिलाड़ी।
14. डीएसए मैदान पर फुटबॉल खेल के साथ- साथ क्रिकेट का भी आयोजन बीच बीच में होता रहता है। इससे मैदान दोनों में से किसी खेल के लिए ठीक नहीं रह पाता है। इसलिए अन्य मैदानों को ठीक करने की जरूरत है।
आतिफ रजा, खिलाड़ी।
15. शहर के अंद कई खेल मैदान हैं। इन सभी मैदानों को बारी बारी से बेहतर करने की जरूरत है ताकि खेल भी आगे बढ़ेगा और खिलाड़ी भी आगे निकलेंगे। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
अयान अंसारी, खिलाड़ी।
16. डीएसए शहर का एकलौता सार्वजनिक खेल मैदान है। यहां फुटबॉल खेल का लम्बा इतिहास रहा है। इसलिए इस मैदान को फुटबॉल खेल के अनुकुल पूरी तरह से तैयार किया जाना चाहिए।
राकेश कुजूर, खिलाड़ी।
-बोले जिम्मेदार :
-डीएसए मैदान में विधायक कोष से शौचालय का निर्माण किया गया है। इनके अलावा गैलरी जीर्णोद्वार के लिए विधान सभा में मुद्दा उठाया गया। खेल मंत्री से भी बातचीत की गई। इसके बाद मैदान के जीर्णोद्दार के लिए राशि भी आवंटित हो गई थी मगर कुछ कारणों से काम नहीं हो सका। आगे जीर्णोद्दार की दिशा में हर संभव प्रयास किया जायगा ताकि खिलाड़ियों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।
-विजय खेमका, सदर विधायक पूर्णिया।
-डीएसए मैदान में खिलाड़ी की सुविधा के लिए विधायक से आग्रह कर शौचालय का निर्माण कराया गया। ग्रीन पूर्णिया के सहयोग से हरे पौधे लगाए गए। कार्यालय बिल्डिंग में कुछ मरम्मती का कार्य कराया गया है। अब हाईमास्क लाईट लगाने की दिशा में प्रयास हो रहा है। संभव है यह कार्य भी हो जायगा तो रात्रि में भी खेल आयोजन होगा। मैदान के जीर्णोद्धार के लिए विभाग और स्थानीय जनप्रतिनिधि का ध्यानाकर्षण कराया गया है।
-गौतम वर्मा, अध्यक्ष, जिला खेल संघ पूर्णिया।
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