पूर्णिया जिले में लगभग 3000 प्राइवेट स्कूल हैं, जिनमें से केवल 300 रजिस्टर्ड हैं। अभिभावकों को किताबों, यूनिफॉर्म और ट्यूशन चार्ज के लिए भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। निजी स्कूलों में मनमानी और फीस...
पूर्णिया जिले में 215 से अधिक थैलीसीमिया पीड़ित हैं। हर महीने 15 से 20 दिन के अंतराल पर रक्त चढ़ाना आवश्यक है। परिजनों ने बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग की है, क्योंकि वर्तमान में कई समस्याएं हैं।...
कसबा क्षेत्र में ढोल ढाक और बैंड बाजा की प्रथा आज भी जिंदा है, लेकिन डीजे के बढ़ते चलन के कारण बैंड पार्टी वालों की आमदनी घट रही है। कई लोग इस पेशे को छोड़कर अन्य काम में लग गए हैं। बैंड पार्टी के...
पूर्णिया-कटिहार एनएच 131(ए) पर स्थित रानीपतरा बाजार की ऐतिहासिकता है, लेकिन आज यह बुनियादी सुविधाओं के लिए संघर्ष कर रहा है। यहां सार्वजनिक शौचालय, पेयजल की कमी है, और हर दिन 5000 से अधिक लोग बाजार...
अनुमंडलीय गवर्नमेंट डिग्री कॉलेज धमदाहा की स्थापना 2019 में हुई थी, लेकिन 6 साल बीतने के बावजूद यहाँ साइंस की पढ़ाई शुरू नहीं हो पाई है। कॉलेज में कोई स्थायी शिक्षक नहीं है और केवल 3 गेस्ट फैकेल्टी ही...
हलवाई समाज के लोग मिठाई बनाने का पारंपरिक व्यवसाय करते हैं, लेकिन अब अन्य जातियों के लोगों के शामिल होने से उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। रोजगार की कमी और शिक्षा की समस्या के कारण युवा...
पूर्णिया जिले में भवानीपुर नगर पंचायत की स्थापना के बाद विकास की उम्मीदें थीं, लेकिन जलजमाव, शुद्ध पेयजल की कमी और सार्वजनिक शौचालयों का अभाव जैसी समस्याएं बरकरार हैं। स्थानीय लोगों ने अपनी कठिनाइयों...
लायंस क्लब पूर्णिया, लायंस क्लब ऑफ पूर्णिया ग्रेटर और रोटरी क्लब जैसे संगठन शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण और संस्कृति के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। ये संगठन बिना सरकारी सहायता के सामाजिक...
बनमनखी नगर परिषद में अपग्रेड होने के बावजूद बाजार के व्यवसायियों को मूलभूत सुविधाओं की कमी का सामना करना पड़ रहा है। सार्वजनिक शौचालय, पेयजल, वाहन पार्किंग और सुरक्षा की समस्याएं हैं। व्यवसायियों ने...
पूर्णिया में साइकिलिंग का इतिहास 1942 से शुरू होता है जब यहाँ साइकिल का उपयोग बढ़ा। आज जिले में 50 से अधिक साइकिलिस्ट हैं, जिनमें से 5 राष्ट्रीय स्तर तक पहुँच चुके हैं। हालांकि, प्रतिभागियों को ट्रैक...