बिहार में सबसे कम सरीसृप भागलपुर की गंगा में, कहां सबसे ज्यादा
- शहजादपुर पंचायत के अमरी दियारा में पिछले दिनों घड़ियाल दिखा है। बताया गया कि बीते साल आई बाढ़ में घड़ियाल गंडक से बहकर गंगा में आ गया था। सर्वेक्षण में पता चला कि सबसे अधिक सरीसृप की प्रजाति बेतिया में है।

बिहार में सबसे कम सरीसृप समूह की प्रजाति भागलपुर की गंगा में मौजूद है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग ने राज्य के तमाम वन्यजीव अभयारण्य का सर्वे कराया था। इससे अभयारण्य में पाई जाने वाली प्रजातियां और संख्या का पता चला है। सर्वे में सभी 13 वन्यजीव अभयारण्य को शामिल किया गया था। यह रिपोर्ट विधानमंडल में पेश 2024-25 की आर्थिक सर्वे में प्रकाशित हुई है। रिपोर्ट तैयार होने से पहले भागलपुर स्थित विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य का सर्वे भी किया गया।
सर्वेक्षण में सुल्तानगंज से कहलगांव तक 60 किमी लंबे अभयारण्य में पांच तरह की स्तनपायी, 74 तरह की पक्षिजात, पांच तरह के सरीसृप, आठ तरह के उभयचर, 20 तरह की मछलियां और 31 तरह के वनस्पति के होने की जानकारी मिली है। विक्रमशिला गांगेय डॉल्फिन अभयारण्य में कछुआ, मगरमच्छ, सांप, गोह (विटागो) और केकड़ा के मौजूद होने की पुष्टि हुई है।
घड़ियाल भी जल्द इस सूची में शामिल हो सकेगा। शहजादपुर पंचायत के अमरी दियारा में पिछले दिनों घड़ियाल दिखा है। बताया गया कि बीते साल आई बाढ़ में घड़ियाल गंडक से बहकर गंगा में आ गया था। सर्वेक्षण में पता चला कि सबसे अधिक सरीसृप की प्रजाति बेतिया में है।
सरीसृप क्या है
डीएफओ श्वेता कुमारी ने बताया कि सरीसृप ठंडे खून वाले जानवर हैं, जिनकी पहचान उनके शल्कों और अंडे देने की क्षमता से होती है। उन्हें अपने तापमान को नियंत्रित करने के लिए सूर्य की आवश्यकता होती है।
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