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बिहार के पंचायतों में अब टेंडर निकाल कराए जाएंगे निर्माण कार्य, सचिव ने डीएम को लिखा खत

  • संविदा कर्मचारियों के अभिकर्ता बनाने पर रोक लगा दी गई है जबकि एक सरकारी सेवक एक बार में तीन से अधिक योजनाओं का अभिकर्ता नहीं हो सकता है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के सचिव की ओर से सभी डीएम और डीडीसी को पत्र भेजा गया है।

Nishant Nandan हिन्दुस्तान, प्रधान संवाददाता, पटनाTue, 18 March 2025 05:51 AM
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बिहार के पंचायतों में अब टेंडर निकाल कराए जाएंगे निर्माण कार्य, सचिव ने डीएम को लिखा खत

पंचायतों में अब निविदा से ही सभी निर्माण कार्य होंगे। पहले 15 लाख से कम की योजना का सीधे तौर पर कार्य आवंटित कर दिया जाता था। यह काम विभागीय स्तर से होता था, लेकिन 12 मार्च को पंचायती राज विभाग की बैठक में यह बात सामने आई कि केंद्र और राज्य की योजनाओं के लिए आवंटित राशि समय पर खर्च नहीं हो रही। इसीलिए कार्यों की निविदा कर समय पर पूरा कराने का निर्देश दिया गया है। संविदा कर्मचारियों के अभिकर्ता बनाने पर रोक लगा दी गई है जबकि एक सरकारी सेवक एक बार में तीन से अधिक योजनाओं का अभिकर्ता नहीं हो सकता है। इस संबंध में पंचायती राज विभाग के सचिव की ओर से सभी डीएम और डीडीसी को पत्र भेजा गया है।

पंचायती राज विभाग के सचिव दिवेश सेहरा की ओर से 13 मार्च को जारी पत्र में कहा गया है कि 25 मार्च, 2023 को विभाग स्तर से निर्गत आदेश में प्रावधान है कि 15 लाख से कम लागत की योजनाओं पर त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा स्वयं निर्णय लिया जाएगा कि निविदा से कार्य कराएंगे या विभागीय रूप से। विभागीय रूप से कार्य कराने में यह शर्त निहित है कि संविदा कर्मी अभिकर्ता नहीं हो सकता है तथा कोई भी सरकारी सेवक एक बार में तीन से अधिक योजना का अभिकर्ता नहीं होगा। विभागीय समीक्षा में पाया गया कि पंचायती राज संस्थाओं विशेष कर जिला परिषदों में विभागीय स्तर पर कराई जा रही योजनाओं के कार्यान्वयन की गति काफी धीमी है।

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इसीलिए आवंटित राशि के आलोक में व्यय की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विकास को लेकर बड़ी मात्रा में राशि आवंटित की जा रही है, लेकिन योजनाओं का लाभ लोगों को समय पर नहीं मिल पा रहा है। इसीलिए योजनाओं का त्वरित और गुणवतापूर्ण क्रियान्वयन कराना आवश्यक है। ऐसे में पंचायती राज संस्थाओं की ओर से योजनाओं का क्रियान्वयन निविदा के माध्यम से किया जाए। सचिव ने प्रदेश के सभी डीडीसी सह जिला परिषद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस निर्णय का जिला परिषद में अनुपालन कराएं तथा योजनाओं का क्रियान्वयन पारदर्शिता, कार्यक्षमता एवं संसाधनों के उपयोग के लिए निविदा के माध्यम से कराएं।

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