A woman became a mother for the 15th time in Bihar 14 have died so far doctors saved the 15th child बिहार में 15वीं बार मां बनी महिला; अबतक 14 की हो चुकी मौत, 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचाया, Bihar Hindi News - Hindustan
Hindi NewsBihar NewsA woman became a mother for the 15th time in Bihar 14 have died so far doctors saved the 15th child

बिहार में 15वीं बार मां बनी महिला; अबतक 14 की हो चुकी मौत, 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचाया

सासाराम जिले में एक महिला ने 15वें बच्चे को जन्म दिया है। इससे पहले 14 बच्चों की मौत हो चुकी है। डॉक्टरों ने इस बार 15वें बच्चे को बचाने की पूरी कोशिश की और कामयाब रहे। एक हफ्ते में बच्चे का वजन बढ़कर 700 ग्राम हो गया।

sandeep लाइव हिन्दुस्तान, कार्यालय संवाददाता, सासारामSat, 10 May 2025 06:50 PM
share Share
Follow Us on
बिहार में 15वीं बार मां बनी महिला; अबतक 14 की हो चुकी मौत, 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचाया

सासाराम जिले के दिनारा क्षेत्र में एक मां ने 15वें बच्चे को जन्म दिया है। जिसमें 14 बच्चों की मौत हो गई। वहीं 15वें बच्चे को सदर अस्पताल स्थित एसएनसीयू वार्ड के डॉक्टरों ने बचा लिया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि महिला सैफुल खातून के सभी बच्चे समय से पहले पैदा हुए हैं। कुपोषण और कमजोरी के कारण 14 बच्चों की मौत हो गई। लेकिन 15वें बच्चे को डॉक्टरों ने बचा लिया है। सैफुल खातून दिनारा प्रखंड के गोपालपुर की रहने वाली बतायी जा रही है। बताया जाता है कि महिला ने सासाराम के एक निजी अस्पताल में 15वें बच्चों को जन्म दिया।

एक मात्र बचे बच्चे का जन्म के समय वजन मात्र 500 ग्राम था। निजी अस्पताल में स्थिति में सुधार नहीं होने पर बच्चे को सासाराम सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कराया गया। एक सप्ताह में बच्चे का वजन बढ़कर 700 ग्राम हो गया। स्थिति में सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इस दौरान सिविल सर्जन खुद एसएनसीयू पहुंचे। उन्होंने डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मियों को मिठाई खिलाई और गुलाब का फूल भेंट कर उनका हौसला बढ़ाया। हालांकि मां का इलाज भी सदर अस्पताल में कराया गया है।

ये भी पढ़ें:चलती ट्रेन की जनरल बोगी में डिलीवरी; महिला ने दिया बच्चे को जन्म

शुक्रवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। एसएनसीयू वार्ड के डॉ. इरफान अनवर ने बताया कि छोटे बच्चों का इलाज एक चुनौती बना होता है। एक लंबा प्रक्रिया के तहत नवजात को रखा जाता है। यूनिट में कार्य करने वाले स्टाफ धन्यवाद के पात्र हैं। सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन ने बताया कि सदर अस्पताल में नवजात बच्चों के इलाज के लिए पूरी व्यवस्था है। अस्पताल में 10 रेडिएंट वार्मर है। उच्च प्रशिक्षित डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी सेवा दे रहे हैं। इससे बच्चों की मृत्यु दर में कमी आई है। मातृ शिशु अस्पताल में मां और बच्चे दोनों को बेहतर इलाज दिया जा रहा है।