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शनि नक्षत्र परिवर्तन : शनि आज जाएंगे राहु के नक्षत्र में, ज्योतिर्विद से जानें इन 6 राशियों का हाल

बृहस्पति के नक्षत्र में गोचर करते हुए शनि देव के प्रभाव में सौम्यता बनी रही। परंतु आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर 2024 दिन बृहस्पतिवार को दिन में 9:50 बजे के बाद शतभिषा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश करेंगे। जानें 6 राशियों पर प्रभाव

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 3 Oct 2024 07:15 AM
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ग्रहों में न्यायाधीश की पदवी प्राप्त सूर्य देव शनि देव के स्वाभाविक संरक्षण के क्रम में अपनी राशि कुंभ में ही नक्षत्र परिवर्तन होने जा रहा है। शनि देव वर्तमान में अपनी राशि कुंभ में वक्र गति से गोचरीय संरक्षण कर रहे हैं। अभी तक शनि वक्री गति से ही कुंभ राशि में गोचर करते हुए पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र के प्रथम चरण में संचरण कर रहे थे। पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र का स्वामी ग्रह बृहस्पति को माना जाता है। ऐसे में बृहस्पति के नक्षत्र में गोचर करते हुए शनि देव के प्रभाव में सौम्यता बनी रही। परंतु आश्विन शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 3 अक्टूबर 2024 दिन बृहस्पतिवार को दिन में 9:50 बजे के बाद शतभिषा नक्षत्र के चतुर्थ चरण में प्रवेश करेंगे। शतभिषा नक्षत्र में प्रवेश करने के साथ शनि के स्वरूप में परिवर्तन देखने को मिलेगा। तथा शनि के प्रभाव में भी परिवर्तन देखने को मिलेगा। जानें 6 राशियों पर क्या प्रभाव रहेगा

तुला : बुद्धि का सार्थक इस्तेमाल हो सकता है। पढ़ाई को लेकर सामान्य चिंता के साथ प्रगति की स्थिति बन सकती है। संतान पक्ष को लेकर मन में चिंता होगी। अचानक धन लाभ की स्थिति के साथ-साथ पैतृक संपत्ति को लेकर तनाव हो सकता है। घर और वाहन के क्षेत्र में तरक्की हो सकती है। दांपत्य जीवन एवं प्रेम संबंधों में टकराव  की स्थिति बन सकती है। वाणी की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है।

वृश्चिक : गृह एवं वाहन के क्षेत्र में तरक्की और परिवर्तन की संभावना बनेगी। माता के स्वास्थ्य को लेकर सामान्य चिंता संभव है। परिश्रम में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सामाजिक पद प्रतिष्ठा में परिवर्तन एवं तनाव की संभावना है। मानसिक चिंतन में वृद्धि हो सकती है। पुराने रोगों से मुक्ति मिल सकती है। पैर में चोट अथवा दर्द की स्थिति बन सकती है।

धनु : पराक्रम एवं सामाजिक दायरे में वृद्धि के साथ-साथ पुरुषार्थ में भी वृद्धि की स्थिति बन सकती है। भाई, बहनों तथा मित्रों को लेकर संघर्ष या तनाव की संभावना बन सकती है। संतान पक्ष से चिंता अथवा तनाव हो सकता है। अध्ययन अध्यापन एवं डिग्री आदि के लिए समय प्रतिकूल रह सकता है। कार्यों में भाग्य का साथ कम प्राप्त होगा। अचानक दूरस्थ यात्रा पर खर्च बढ़ सकता है। आंखों की समस्या के कारण तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भोग विलासिता पर खर्च बढ़ सकता है।

मकर : वाणी की तीव्रता में वृद्धि हो सकती है। दांतों की समस्या एवं अचानक धन खर्च में वृद्धि के कारण तनाव बढ़ सकता है। पारिवारिक कार्यों को लेकर उलझन की स्थिति बन सकती है। हृदय रोग अथवा सीने की तकलीफ में वृद्धि की संभावना बन सकती है। पेट एवं पैर की समस्या में वृद्धि हो सकती है। आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि एवं प्रगति एवं संपत्ति को लेकर तनाव उत्पन्न हो सकता है। 

कुंभ : मनोबल में अस्थिरता बढ़ सकती है। क्रोध अथवा झल्लाहट में वृद्धि हो सकता है। जीवन साथी एवं प्रेम संबंधों में टकराव अथवा विवाद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। साझेदारी के कार्यों को लेकर मन में नकारात्मकता आ सकती है। भाई बहनों तथा मित्रों के कारण भी तनाव हो सकता है। पुरुषार्थ में कमी हो सकती है। नौकरी और व्यवसाय में परिवर्तन हो सकता है। दूरस्थ यात्रा एवं कार्यस्थल में परिवर्तन के साथ साथ नई जिम्मेदारी के कारण उलझन हो सकती है।

मीन : भोग विलासिता पर खर्च की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। व्यापारिक गतिविधियों में वृद्धि हेतु खर्च बढ़ सकता है। दूरस्थ यात्रा का योग बन सकता है। पारिवारिक कार्यों को लेकर उलझन हो सकती है। वाणी की तीव्रता में वृद्धि हो सकता है। दांतों की समस्या के कारण तनाव हो सकता है। पेट एवं पैर की समस्या के कारण तनाव हो सकता है। शत्रुओं पर विजय प्राप्ति का योग बन सकता है। कार्यों में भाग्य का साथ तनाव दे सकता है। पिता के स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहे।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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