वर्ष के प्रारंभ में मन अशांत रहेगा। धैर्यशीलता में कमी रहेगी। पिता के स्वास्थ्य का ध्यान रखें। खर्चों में वृद्धि होगी। 05 जनवरी के बाद पिता के स्वास्थ्य में सुधार होगा। शैक्षिक कार्यों में सफल रहेंगे। नौकरी में अफसरों का सहयोग मिलेगा। तरक्की के मार्ग प्रशस्त होंगे। कार्यक्षेत्र में परिवर्तन के साथ कार्यभार बढ़ेेगा। 09 मार्च के बाद माता की सेहत में सुधार होगा। कारोबार में लाभ के अवसर मिलेंगे। माता के परिवार की किसी बुजुर्ग महिला से धन की प्राप्ति हो सकती है। शैक्षिक कार्यों से मान-सम्मान की प्राप्ति होगी। वाहन सुख में वृद्धि होगी। चंद्र राशि पर आधारित भविष्यफल- पूरे वर्ष शनि की स्थिति अच्छी नहीं रहेगी। इस कारण हर काम में देरी होगी। परीक्षाओं में ज्यादा मेहनत के बाद भी कम सफलता मिलेगी। पराक्रम स्थान बली होने के कारण हर समस्या से अच्छे से लड़ पाएंगे। चिंताग्रस्त होने के कारण मानसिक व्याधि आ सकती है। विवाह संबंधी योग जून से सितंबर तक अच्छा रहेगा। नौकरी भरसक प्रयास के बाद मिलेगी। इस साल बड़ा लक्ष्य साधने का प्रयास तन-मन-धन की हानि करके जाएगा। विदेश यात्रा या विदेशी कंपनी में नौकरी संबंधी कार्य पूर्वार्ध में हो जाएगा। प्रेम संबंध में बिखराव या दूरियां देखेंगे। संतान के स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी चिंता बनी रहेगी। साल के अंतिम महीनों में रक्तचाप में बढ़ोतरी, हृदय एवं श्वसन-तंत्र संबंधी रोग हो सकते हैं। शिक्षा, घर आदि पर लिए गए ऋण चुकता हो जाएंगे। रक्षा, अनुसंधान, न्याय संबंधी क्षेत्रों में कार्यरत लोग अपनी पहचान बना पाएंगे। जुलाई से अगस्त का समय धन प्राप्ति के लिए सर्वश्रेष्ठ रहेगा। परिवार में मानसिक तनातनी के कारण विघटन की स्थिति बन सकती है। उपाय- नित्य आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करके तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें चावल, चीनी या गुड़ तथा रोली डालकर सूर्य को जल अर्पित करें। ● शनिवार के दिन पानी में थोड़े से काले तिल डालकर स्नान करें। ● घर में शमी का पौधा लगाएं। सूर्यास्त के बाद उसके नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं। ● सवा छह रत्ती का पुखराज या सुनहला सोने की अंगूठी में दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में पहनें।