Hindi Newsधर्म न्यूज़Paush Puja vidhi: How to pooja in month of Paush

पौष महीने में कैसे करें पूजा, इस बात का रखें ध्यान

  • Paush Puja vidhi: पंचांग के अनुसार, पौष का महीना 13 जनवरी तक चलेगा। इस माह भगवान विष्णु, सूर्यदेव के साथ-साथ पितरों के निमित्त भी पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। इस महीने कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिए-

Shrishti Chaubey लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSat, 21 Dec 2024 09:23 PM
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Paush Puja vidhi: पौष माह चल रहा है। इसे पूस माह के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से इस महीने का विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह दसवां महीना होता है। पूरे महीने सूर्य देव और भगवान विष्णु की उपासना की जाती है। पौष माह में कई लोग व्रत रखते हैं और मनोकामना पूर्ति के लिए साधना, आराधना करते हैं। पंचांग के अनुसार, पौष का महीना 13 जनवरी तक चलेगा। इस माह में बड़े त्योहार नहीं आते हैं, लेकिन कई व्रत पर्व रहेंगे। इस माह भगवान विष्णु, सूर्यदेव के साथ-साथ पितरों के निमित्त भी पूजा अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी। पौष का महीना सूर्य का माह माना जाता है। इसलिए इस महीने में सूर्य देव की उपासना, सूर्य को अर्घ्य देना विशेष फलदायी रहता है।

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पौष महीने में कैसे करें पूजा: ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं और स्नान कर साफ कपड़े धारण करें। गणेश जी का ध्यान करें। तांबे के लोटे में जल, लाल पुष्प, लाल रोली, अक्षत और काला तिल मिलकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय सूर्य मंत्र और गायत्री मंत्र पढ़ें। अर्घ्य देते समय जल की धारा में देखकर सूर्य देव का दर्शन करना बेहद ही शुभ माना जाता है। इसके बाद सूर्य देव को धूप या घी का दीपक दिखाएं और 3 बार परिक्रमा करें। भोग अर्पित करें। अब भगवान विष्णु का जलाभिषेक व पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें। पीला चंदन और पीले पुष्प अर्पित करें। दीपक प्रज्वलित करें। मंत्र जाप करें। आरती करें। प्रभु को तुलसी दल सहित भोग लगाएं। अंत में क्षमा प्रार्थना करें

इस बात का रखें ध्यान: पौष माह में सूर्य पूजा बेहद शुभ व लाभकारी मानी जाती है। शास्त्रों में सूर्य उपासना को प्रभावी माना गया है। इसके लिए कुछ विशेष उपायों का पालन करना जरूरी होता है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है अर्घ्य अर्पित कर सूर्य नाम का जप करना। प्रभात वेला में सूर्य दर्शन और सूर्य को नमस्कार करना जीवन में सफलता और समृद्धि लाता है।

पौष माह के साथ ही खरमास भी प्रारंभ हो चुका है। जो मकर संक्रांति तक चलेगा। खरमास में विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन, प्राण प्रतिष्ठा सहित बड़े मांगलिक कार्यों पर रोक रहेगी। आगामी 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही मकर संक्रांति से मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी।

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पौष माह के त्योहार

26 दिसंबर- सफला (पौष कृष्ण) एकादशी

28 दिसंबर- प्रदोष व्रत

30 दिसंबर- स्नान,दान, सोमवती अमावस्या

06 जनवरी- उभय सप्तमी

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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