महाशिवरात्रि के दिन तीन ग्रह कुंभ राशि में, बुधादित्य व त्रिग्रही योग
इस साल महाशिवरात्रि पर बहुत ही उत्तम योग बन रहा है। कहा जा रहा है कि आज से 60 साल पहले यह योग बना था। ग्रहों के इस योग में ऐसी मान्यता है कि पूजा का कई गुना फल मिलता है। इस दिन बुधादित्य व त्रिग्रही योग बन रहा है।
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महाशिवरात्रि के दिन तीन ग्रह कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे। हर साल महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। कहा जाता है कि इस तिथि में भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस साल शिवरात्रि 26 फरवरी को मनाई जा रही है। शिवरात्रि पर चार पहर पूजा करनी चाहिए। इससे शिव जी की पूजा का विशेष फल मिलता है। नीचे आप शिवजी की पूजा के हर पहर का मुहूर्त पढ़ सकते हैं।
इस साल महाशिवरात्रि पर बहुत ही उत्तम योग बन रहा है। कहा जा रहा है कि आज से 60 साल पहले यह योग बना था। ग्रहों के इस योग में ऐसी मान्यता है कि पूजा का कई गुना फल मिलता है। इस दिन बुधादित्य व त्रिग्रही योग बन रहा है। दरअसल इस दिन एक साथ तीन ग्रह कुंभ राशि में विराजमान हैं। सूर्य 12 फरवरी को कुंभ राशि में आए हैं। ऐसे में कुभ राशि वालों के लिए समय अच्छा रहेगा। बुधादित्य योग कुंभ राशि के लोगों को लाभ दिलाएगा। इस राशि के लोगों के लिए लाभ के योग बनेंगे।
इसके अलावा शनि पहले से ही कुंभ राशि में विराजमान हैं। वहीं बुध भी कुंभ राशि में हैं। इस प्रकार त्रिग्रही योग इस राशि में महाशिवरात्रि के दिन बन रहा है। यह करीब 60 साल बाद हो रहा है। इस योग के अलावा बुध और सूर्य के भी एक राशि में होने से बुधादित्य योग बन रहा है। इस साल शिवरात्रि पर बुध और शनि की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। इस दिन भगवान शनिदेव के लिएकाले तिल शिवलिंग पर अर्पित करने चाहिए। इससे शनि भगवान की भी कृपा मिलती है।
रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय - शाम 06 बजकर 19 मिनट से रात 09 बजकर 26 मिनट तक रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय - रात 09 बजकर 26 मिनट से 27 फरवरी रात 12 बजकर 34 मिनट तक रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी रात 12 बजकर 34 मिनट से प्रातः 03 बजकर 41 मिनट तक रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय - 27 फरवरी 03 बजकर 41 मिनट से सुबह 06 बजकर 48 मिनट तक
इस आलेख में दी गईजानकारियों का हम दावा नहीं करते कि वो सत्य और सटीक है। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की राय जरूर लें।
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